Crop loss: नासिक जिले में बेमौसम बारिश का कहर, 3 हजार हेक्टेयर से ज्यादा प्याज बर्बाद

Crop loss: नासिक जिले में बेमौसम बारिश का कहर, 3 हजार हेक्टेयर से ज्यादा प्याज बर्बाद

Crop loss: नासिक प्याज का गढ़ है जहां से देश-विदेश में प्याज की सप्लाई होती है. यहां की मंडियां भी मशहूर हैं और किसान भी. लेकिन प्याज किसान मौसम की मार के आगे लाचार हैं और अभी खून के आंसू रो रहे हैं क्योंकि बारिश ने उनकी फसल बर्बाद कर दी है.

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क‍िसान तक
  • Nashik,
  • May 28, 2025,
  • Updated May 28, 2025, 6:19 PM IST

बेमौसम बारिश ने सब कुछ बहा दिया है. इससे कृषि फसलों को नुकसान पहुंचा है और किसानों के पास जो उपज थी वह भी छिन गई है. मई में हुई बेमौसम बारिश ने प्याज को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है क्योंकि अकेले नासिक जिले में तीन हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में लगी प्याज नष्ट हो गई है. इसके अलावा अंगूर के बाग-बगीचे भी नष्ट हो गए हैं. इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है.

बेमौसम बारिश ने येवला, निफाड़ और सिन्नर इलाकों में कहर बरपाया है और लासलगांव और देशमाने इलाकों में नदियां और नहरें उफान पर हैं. बीती रात हुई बारिश से देशमाने क्षेत्र में प्याज की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान हुआ है और खेतों में रखा प्याज भीग जाने से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है.

अधिक बारिश में भीगा प्याज

नासिक के मखमलाबाद गांव के किसान राधाकृष्ण मंडलिक ने अपनी 2 एकड़ जमीन से प्याज काटकर खेत में सुखाने के लिए रखा था, लेकिन बारिश के कारण प्याज भीगकर खराब हो गया है. उनका कहना है कि पिछले 12 वर्षों में उन्होंने मई में इतनी बारिश कभी नहीं देखी. ये दिन खेतों से प्याज की कटाई करके उसे बाजार के लिए भंडारित करने के होते हैं. बारिश इस तरह से आई कि उसे प्याज को ढकने का समय नहीं मिला और पूरा प्याज सड़ने लगा है. 

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किसान मंडलिक की दो एकड़ प्याज की खेती की लागत 70,000 रुपये प्रति एकड़ या 1.40 लाख रुपये थी, जो बर्बाद हो गई. इस बीच, बारिश ने प्याज बेचकर दो पैसे कमाने का उनका सपना भी तोड़ दिया है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि प्याज के नुकसान का पंचनामा सरकार के पास दर्ज भी हो जाए तो भी इसमें संदेह है कि उसे नुकसान का मुआवजा मिलेगा. कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खेतों से काटे गए प्याज के लिए मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है.

2,858 हेक्टेयर में प्याज प्रभावित

येवला के देशमाणे गांव की साक्षी ने 12वीं कक्षा पास कर ली है. प्याज की खेती से होने वाली आय से उनकी पढ़ाई का खर्च चलता था, जबकि कुछ बचत उनकी शादी के लिए थी, लेकिन यहां भी पानी फिर गया है. प्याज विशेषज्ञ निवृत्ति न्याहारकर का कहना है कि प्याज की मौजूदा कमी से कीमतें बढ़ेंगी, लेकिन इसका सीधा फायदा किसान को नहीं होगा. किसानों को सरकार को अलग निर्णय लेकर मुआवजा देना चाहि.

अब तक सरकारी जानकारी के अनुसार 2,858 हेक्टेयर में प्याज की फसल प्रभावित हुई है, कई जगहों पर पंचनामा लंबित है, भविष्य में आंकड़े बढ़ेंगे.

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बेमौसम बारिश के कारण जिले में प्याज की फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है, बारिश से 2,858 हेक्टेयर में प्याज की फसल नष्ट हो गई. बेमौसम बारिश से 100 हेक्टेयर में फैली प्याज की नर्सरी भी नष्ट हो गई है. सटाना तालुका में 1291 हेक्टेयर, मालेगांव तालुका में 164 हेक्टेयर, नासिक तालुका में 143 हेक्टेयर, डिंडोरी तालुका में 438 हेक्टेयर, सुरगाना तालुका में 107 हेक्टेयर, कलवन तालुका में 283 हेक्टेयर, निफाड तालुका में 180 हेक्टेयर, सिन्नर तालुका में 1.95 हेक्टेयर और चंदवड तालुका में 117 हेक्टेयर में प्याज की फसल बिगड़ गई है.(प्रवीण ठाकरे की रिपोर्ट)

 

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