स्टॉक किए गए कपास पर अब मंडराने लगा कीटों का खतरा, लागत के लिए भी तरसे किसान

स्टॉक किए गए कपास पर अब मंडराने लगा कीटों का खतरा, लागत के लिए भी तरसे किसान

महाराष्ट्र में किसानों ने कपास की कीमतों में गिरावट के चलते बड़े पैमाने पर अपने घरों में स्टोरेज करके रखा हैं.लेकिन अब किसानों का कहना हैं कि कपास को लंबे समय से स्टॉक करके नहीं रखा जा सकता है,क्योंकि कपास पर कीटों का प्रकोप देखा जा रहा है.इसके चलते किसान थोड़ा - थोड़ा कर कॉटन बेचने पर विचार कर रहे हैं.

किसानों को कब मिलेगा कपास का सही दाम ?किसानों को कब मिलेगा कपास का सही दाम ?
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 09, 2023,
  • Updated Feb 09, 2023, 9:02 PM IST

महाराष्ट्र में इस समय कपास का दाम किसानों को रूलाने लगा है. पिछले एक महीने से कपास की कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है. इस साल कपास को मिल रही कम कीमतों के कारण किसान कपास को बेचने के बजाय स्टॉक कर रहे हैं. ये सोचकर कि जब बाजार में कॉटन का अच्छा रेट मिलेगा तब बेचेंगे. लेकिन ऐसा होता हुआ नज़र नहीं आ रहा है. कपास की कीमतों में लगातार गिरावट को देख किसान अब निराश हो रहे हैं. राज्य में किसान कपास का स्टॉक अपने घरों और खेतों में कर के रहे हैं. किसान बताते हैं कि घर में कपास का स्टोरेज करने पर उनके घरों में सोने के लिए जगह नहीं होती. इसलिए किसान घर के बाहर सोने को मजबूर हैं. वहीं कुछ किसान खेतों में कपास को स्टोर कर रहे हैं. इसके चलते किसान दिन रात खेतों में ही रहते हैं ताकि कपास की चोरी न हो पाए. 

किसानों का कहना है कि लंबे समय से कपास घर पर रखने से उसमें कीटों का खतरा बढ़ रहा है. इसकी वजह से कुछ किसान थोड़ा-थोड़ा करके कपास बेचने पर विचार कर रहे हैं. कुछ दिन पहले कपास का दाम 8000 रुपये प्रति क्विंटल  मिल रहा था. लेकिन अब क़ीमतों में और भी गिरावट देखी जा रही है. राज्य की कई मंडियों में कॉटन का न्यूनतम दाम 7000 रुपये से लेकर 7300 रुपये प्रति क्विंटल पर गया है. राज्य में कपास की कीमतों मे गिरावट के अलावा प्याज़, सोयाबीन की कीमतों में भारी गिरावट देखी जा रही है. 

किसान ने बताई आपबीती 

जालना जिले के रहने वाले किसान गणपत बताते हैं कि उन्होंने अपने घर में 72 क्विंटल कॉटन का स्टॉक रखा है. उनका कहना है कि इस समय मंडी में जो भाव मिल रहा है, उसे कहीं ज्यादा हमारी लागत लग जाती है. ऐसे में हम किसानों का कैसे गुजारा हो पाएगा. इसलिए कम दामों में कपास बेचना नहीं चाहते हैं.

किसानों का कहना है कि पिछले साल कपास के दाम 12000 रुपये प्रति क्विंटल तक मिले थे और इस साल भी इसी भाव में कपास बेचने का फैसला किया है. लेकिन क़ीमतों में बढ़ोतरी की बजाय गिरावट आ रही है. ऐसे में किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. 

कितना मिल रहा है भाव  

मनवत की मंडी में 9 फरवरी को सिर्फ 1300 क्विंटल कपास की आवक हुई जिसका न्यूनतम दाम 7300 रुपये प्रति क्विंटल रहा.  अधिकतम दाम 8220 रुपये प्रति क्विंटल रहा. औसत दाम 7000 रुपये प्रति क्विंटल रहा.

किनवट में 89 क्विंटल कपास की आवक हुई. जहां न्यूनतम दाम 7400 रुपये प्रति क्विंटल रहा. अधिकतम दाम 7600 रुपये प्रति क्विंटल रहा. औसत भाव 7500 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज हुआ.

देउलगांव राजा मंडी में 800 क्व‍िंटल कॉटन की आवक हुई. जिसका न्यूनतम दाम 7100 रुपये प्रति क्विंटल रहा. अधिकतम दाम 8025 रुपये प्रति क्विंटल जबकि औसत दाम 7935 रुपये प्रति क्विंटल मिला.

कटोल मंडी में 88 क्व‍िंटल कॉटन की आवक हुई. जिसका न्यूनतम दाम 7500 रुपये प्रति क्विंटल रहा. अधिकतम दाम 7800  रुपये प्रति क्विंटल जबकि औसत दाम 7650 रुपये प्रति क्विंटल मिला.  

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