झारखंड के हजारीबाग जिले में ग्रामीण महिलाएं अपनी लगन और मेहनत से सफलता की नई कहानी लिख रही हैं. चुरचू नारी ऊर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की वार्षिक आम सभा (2022-23) में आई महिला किसानों के चेहरे की मुस्कान बता रही थी कि किस तरह से एफपीओ से जुड़ने के बाद उनके जीवन में बदलाव आया है और अब वो बेहतर जीवन जी रही हैं. वार्षिक आम सभा के दौरान कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की दीदियों ने वर्ष 2022-23 बैलेंस शीट की जानकारी साझा की है. इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कंपनी के बिजनेस प्लान की जानकारी मिली है. वार्षिक आमसभा में चुरचू प्रखंड से 2000 शेयर धारक दीदियां शामिल हुईं. इस एफपीओ की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह 100 फीसदी महिलाओं द्वारा संचालित है. किसान, शेयर होल्डर्स और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर सभी महिलाएं हैं.
कार्यक्रम के दौरान कंपनी से जुड़े 66 उत्पादक समूहों के बीच तीन लाख रुपये लाभांश का चेक दिया गया. साथ ही कंपनी के साथ सबसे अधिक और अच्छा व्यापार करने वाले उत्पादक समूह, एकेएम, सीनियर एककेएम, पॉली हाउस उद्यमी, एलआरपी दीदियों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें सम्मानित किया गया. वार्षिक आम सभा कार्यक्रम की शुरुआत विधायक जय प्रकाश भाई पटेल ने किया. इस मौके पर एफपीसी की डायरेक्टर लालमुनी मरांडी ने स्थानीय विधायक से एक गोदाम की व्यवस्था करने के लिए कहा, जिस पर आश्वासन देते हुए विधायक ने इस काम में सहयोग करने की बात कही. वार्षिक आमसभा के दौरान लखपति महिला किसानों ने अपनी फसलता की कहानी को भी साझा किया.
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गौरतलब है कि इस फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी की स्थापना 06 जून 2018 में हुई थी. तब से लेकर आज तक इस कंपनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और कई उपलब्धियां भी हासिल की. इस कंपनी ने 10 सदस्यों के साथ शुरुआत की थी. उस वक्त एक भी शेयरधारक कपंनी से नहीं जुड़े हुए थे. आज कंपनी के पास 3066 शेयर धारक हैं, इसके साथ ही 7500 किसानों इससे जुड़े हुए हैं. सभी महिला किसान हैं जो हजारीबाग के चुरचू और डाड़ी प्रखंड के हैं. एफपीओ के जरिए प्रमुख तौर पर धान और सब्जी की खेती, पारंपरिक तरीके से मछली पालन, लाह की खेती और पशुपालन किया जाता है. पशुपालन में प्रमुख तौर पर बकरी और सूकर पालन किया जाता है.
महिला फार्मस प्रोड्यूसर कंपनी के पास छह बड़ी कंपनियों की डीलरशिप है. इसके जरिए किसानों को उचित कीमत पर अच्छी गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट मिल जाते हैं. इससे बेहतर उपज होती है और किसानों की कम लागत में अच्छी कमाई हो जाती है. इसके तहत किसानों को मछली का खाना, सूकर और बकरी का चारा के अलावा खाद बीज जैसे खेती के इनपुट किसानों को दिए जाते हैं. कंपनी के सीइओ शिबनाथ चटर्जी ने बताया कि एफपीओ बनने के बाद किसानों के उत्पाद सीधे कंपनियों को या बड़ी मंडियों में पहुंचाई जाती है. इसके कारण किसानों को बिचौलियों से मुक्ति मिल गई है और उनकी कमाई भी बढ़ी है. किसानों के उत्पाद जैसे टमाटर, धान और तरबूज ई नाम पोर्टल के जरिए बिक्री किए जाते हैं. साथ ही मदर डेयरी को अन्य सब्जियां भेजी जाती हैं.
उन्होंने बताया कि ई नाम के साथ बेहतर काम करने और सबसे अधिक डिजिटल पेमेंट करने के लिए इस एफपीओ को पुरस्कृत भी किया गया है. 19 सितंबर को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में तीन एफपीओ को बुलाया गया था, जिसमें तेलंगाना, ओडिशा और झारखंड के एफपीओ शामिल हुए थे. चुरचू नारी ऊर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड कंपनी ने पिछले दो साल में ई नाम के जरिए 922 मीट्रिक टन का कारोबार किया है और एक करोड़ 25 लाख रुपये का डिजिटल पेमेंट किया है. शिबनाथ ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी का टर्नओवर दो करोड़ 53 लाख रुपये था.
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एफपीओ बनने के बाद हजारीबाग और चुरचू प्रखंड के महिला किसानों की कमाई बढ़ी है. इससे उनके जीवन स्तर में बहुत बदलाव आया है. शिबनाथ ने बताया कि एफपीओ से जुड़े 2228 ऐसे किसान हैं जो कृषि के अलग-अलग गतिविधियों के जरिए एक लाख 20 हजार रुपये की सालाना कमाई कर रहे हैं. इनमें से 550 ऐसे किसान हैं जिनकी इनकन दो लाख रुपये सालाना से अधिक है. इस तरह से एफपीओ से जुड़ने के बाद महिलाएं लखपति किसान बन रही हैं.
भविष्य की योजना बताते हुए उन्होंने कहा कि अगले साल तीन करोड़ चालीस लाख रुपये का बिजनेस प्लान तैयार किया है. कंपनी के शेयर कैपिटल को बढ़ाकर तीन साल में 75 लाख करना है. एफपीओ अब प्रोसेसिंग के क्षेत्र में भी काम करेगा. इसके साथ ही 200-300 से ग्रामीण उद्यमी तैयार करने का लक्ष्य है. एफपीओ को टाटा ट्रस्ट, सपोर्ट और सीनी और जेएसएलपीएस का सहयोग मिलता है.