देश के कई हिस्सों में इन दिनों भारी और हल्की बारिश हो रही है, जिससे खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंच रहा है. खासकर गन्ने की खेती करने वाले किसानों के लिए यह समय चुनौती भरा है. बारिश के कारण गन्ने की फसल पर रस चूसने वाले कीटों का हमला हो रहा है, जिससे पौधों की वृद्धि रुक जाती है और पैदावार घटने लगती है.
रस चूसने वाले कीट क्यों हैं खतरनाक?
ये कीट गन्ने की पत्तियों और जड़ों से रस चूसते हैं, जिससे पौधे सूखने लगते हैं और उनका विकास रुक जाता है. यदि समय पर कीटनियंत्रण के उपाय न किए जाएं तो पूरे खेत की फसल नष्ट हो सकती है.
यूपी में गन्ने की फसल पर कीटों का प्रकोप
उत्तर प्रदेश में गन्ने की फसल पर कीटों का खासा असर देखा जा रहा है. यहां लगातार बारिश के कारण कीटों को अनुकूल वातावरण मिल गया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, गन्ने की पत्तियों को चूसने वाले कीट तेजी से फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
राज्य सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर किसानों को मदद पहुंचाई जाए. गन्ना विकास विभाग, कृषि वैज्ञानिकों और फील्ड स्टाफ की मदद से किसानों को सही जानकारी और दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.
1.सफेद मक्खी (Whitefly)
- सफेद मक्खी पत्तियों का रस चूसती है जिससे पत्तियां पीली और कमजोर हो जाती हैं.
- उपाय: 150–200 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL को 625 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
2.व्हाइट ग्रब (White Grub)
- यह कीट जमीन के नीचे गन्ने की जड़ों को खाता है.
- उपाय: 800 एमएल बाइफेन्थ्रिन 10 EC या 250 ग्राम क्लोथियानिडीन 50 WDG को 1875 लीटर पानी में मिलाकर ट्रेंचिंग के बाद सिंचाई करें.
- जैविक विकल्प: 5 किग्रा बवेरिया बैसियाना को गोबर की सड़ी खाद में मिलाकर खेत में डालें.
3.जड़ बेधक कीट (Root Borer)
- यह कीट गन्ने की जड़ों को खाता है जिससे पौधा सूखने लगता है.
- उपाय: 5 लीटर क्लोरपायरीफास 20 EC या 500 एमएल इमिडाक्लोप्रिड को 1875 लीटर पानी में मिलाकर ट्रेंचिंग करें.
4.जड़ सड़न रोग (Root Rot)
- यह बीमारी खासकर तब फैलती है जब खेत में पानी भरा रहता है.
- उपाय: 2 ग्राम थायोफेनेट मिथाइल 70 WP या कार्बेन्डाजिम 50 WP को प्रति लीटर पानी में घोलकर जड़ों के पास ट्रेंचिंग करें.
फसल की वृद्धि के लिए जरूरी पोषक तत्व
- गन्ने की तेज़ बढ़वार के लिए उर्वरकों का सही उपयोग भी जरूरी है.
- उपाय: NPK 19:19:19 उर्वरक का 5 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें.
किसानों की मदद के लिए टोल-फ्री नंबर
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की सहायता के लिए टोल-फ्री नंबर 1800-121-3203 जारी किया है. किसान इस नंबर पर कॉल करके कीटों की जानकारी दे सकते हैं और मदद मांग सकते हैं.
किसानों के लिए जरूरी सलाह
- किसी भी कीटनाशक का प्रयोग करने से पहले कृषि विभाग या कृषि विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
- छिड़काव करते समय सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें- मास्क, दस्ताने आदि का उपयोग करें.
- फसल की नियमित निगरानी करें और किसी भी कीट के लक्षण दिखने पर तुरंत नियंत्रण के उपाय अपनाएं.
बारिश के बाद गन्ने की फसल पर कीटों का हमला एक गंभीर समस्या बन चुका है, लेकिन समय रहते उचित उपाय अपनाकर फसल को बचाया जा सकता है. सरकार और कृषि वैज्ञानिक भी इस अभियान में किसानों के साथ हैं. जरूरत है तो बस सतर्क रहने और समय पर सही निर्णय लेने की.