Fall Armyworm: सावधान! मक्का-बाजरा पर फॉल आर्मी वर्म कीट का खतरा, जानिए क्या है सही समाधान?

Fall Armyworm: सावधान! मक्का-बाजरा पर फॉल आर्मी वर्म कीट का खतरा, जानिए क्या है सही समाधान?

सावधान! मक्का और बाजरा की फसल पर फॉल आर्मी वर्म का गंभीर खतरा है, जो पत्तियों को खाकर पूरी फसल नष्ट कर सकता है. इस खतरनाक कीट की समय पर सही पहचान और तुरंत नियंत्रण ही फसल को भारी नुकसान से बचाने का एकमात्र उपाय है जिसकी पूरी डिटेल जानकारी नीचे दी गई है.

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क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • Aug 20, 2025,
  • Updated Aug 20, 2025, 5:35 PM IST

मॉनसून के मौसम में हो रही बारिश और आसमान में छाए बादलों के कारण मक्का और बाजरे की फसलों पर एक खतरनाक कीट ‘फाल आर्मी वर्म’ का हमला तेजी से बढ़ रहा है. यह कीट मक्के और बाजरे का सबसे बड़ा दुश्मन है, जो रातों-रात पूरी फसल को बर्बाद कर सकता है. यह कीट पत्तियों को खाकर पौधे की बढ़त को रोक देता है, जिससे फसल को भारी नुकसान हो सकता है. इसकी सुंडियां एक फौज की तरह लाखों की संख्या में एक खेत से दूसरे खेत की ओर बढ़ती हैं और रास्ते में आने वाली हर फसल को चट कर जाती हैं. फॉल आर्मी वर्म मूल रूप से अमेरिका का कीट है, अगर इसे मक्का या बाजरा नहीं मिलता तो यह गन्ना, धान, गेहूं, और सब्जियों जैसी फसलों पर भी हमला कर देता है. इसकी सबसे खतरनाक बात यह है कि यह जिस भी फसल पर लगता है, उसे पूरी तरह से नष्ट करने की क्षमता रखता है.

इस खतरनाक कीट की पहचान कैसे करें?

फसल को बचाने के लिए कीट की सही समय पर पहचान करना सबसे ज़रूरी है. इसे तीन अवस्थाओं में पहचाना जा सकता है. मादा कीट पत्तियों की निचली सतह पर झुंड में सैकड़ों अंडे देती है. ये अंडे रोयेंदार परत से ढके होते हैं और हल्के भूरे रंग के दिखते हैं. इस कीट की सूंडी अवस्था फसल के लिए सबसे विनाशकारी है. इसकी पहचान सबसे ज़रूरी है. इसके सिर पर उल्टे ‘Y’ अक्षर का सफ़ेद निशान बना होता है. यह सुंडी चिकनी और हरे, भूरे इसका पतंगा भूरे रंग का होता है. नर पतंगे के अगले पंखों पर एक सफेद तिकोना धब्बा होता है, जो मादा में नहीं होता. यह पतंगा एक रात में 100 किलोमीटर तक उड़ सकता है और मादा अपने जीवन में 1000 से ज़्यादा अंडे देती है.

फसल को कैसे नुकसान पहुंचाता है?

फॉल आर्मी वर्म की केवल सुंडी अवस्था ही फसल को नुकसान पहुंचाती है. शुरुआती अवस्था में छोटी सुंडियां पत्तियों की निचली सतह को खुरचकर खाती हैं, जिससे पत्तियों पर सफ़ेद धारियां या जाली जैसी बन जाती हैं. और बड़ी अवस्था में जैसे-जैसे सुंडी बड़ी होती है, वह पत्तियों में बड़े-बड़े गोल छेद बना देती है. यह पौधे के बीच के हिस्से गोभ में घुसकर नई पत्तियों को खा जाती है, जिससे पौधा बढ़ना बंद कर देता है.

यह कीट मक्के के भुट्टों में घुसकर दानों को भी खा जाता है, जिससे पैदावार सीधे तौर पर कम हो जाती है. इस कीट की निगरानी के लिए फेरोमोन ट्रैप लगाना चाहिए. खेत में 5-6 फेरोमोन ट्रैप प्रति एकड़ लगाएं. यह नर पतंगों को आकर्षित करके पकड़ लेते हैं, जिससे उनकी संख्या कम होती है.नियमित रूप से खेत की निगरानी करें और पत्तियों पर दिखने वाले अंडों के समूह को हाथ से मसलकर नष्ट कर दें. 

कब करें जैविक और कब रासायनिक स्प्रे

अगर फसल में फॉल आर्मी वर्म कीट का हमला हो गया है, तो नुकसान के स्तर को देखकर तुरंत सही कदम उठाएं. नियंत्रण के लिए नीचे दिए गए तरीकों को अपनाएं. जब 5-10 फीसदी पौधे प्रभावित हों तो जैविक नियंत्रण को प्राथमिकता दें. इसके लिए, 5% नीम बीज अर्क (NSKE) या एजाडिरेक्टिन 1500 PPM की 5 मिली मात्रा को प्रति लीटर पानी में घोलकर अच्छी तरह छिड़काव करें. जब 10 फीसदी से ज़्यादा पौधे प्रभावित हों तो और जैविक उपाय असरदार नहीं हो रहे हैं, तो स्पाइनेटोरम 11.7% SC की 0.5 मिली मात्रा प्रति लीटर पानी में मिलाएं. या क्लोरएंट्रानिलिप्रोल 18.5% SC की 0.4 मिली मात्रा प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.

सही समय पर पहचान और तुरंत रोकथाम ही फॉल आर्मी वर्म से होने वाले भारी नुकसान से बचने का एकमात्र तरीका है. इसलिए, अपने खेत की लगातार निगरानी करें और लक्षण दिखते ही तुरंत उपाय अपनाएं.

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