झारखंड में इस वक्त भयंकर गर्मी पड़ रही है. राज्य के 20 से अधिक जिलों में तापमान 40 डिग्री के पार दर्ज किया जा रहा है. इसके अलावा एक दर्जन से अधिक जिलों में लू का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इस तरह से तेज धूप और गर्म मौसम में फसल और सब्जियों का बचाव करना बेहद जरूरी होता है. साथ ही पशुओं को भी लू की चपेट से बचाने की जरूरत होती है. ऐसे मौसम में फसलों और सब्जियों को बचाने के लिए मौसम विभाग की तरफ से सलाह जारी की गई है. इन सलाहों का पालन करके किसान अपने खेत में खड़ी फसल और सब्जियों को धूप और गर्म मौसम से बचा सकते हैं. साथ ही पशुओं को भी बचा सकते हैं.
गरमा धान को लेकर जारी सलाह में कहा गया है कि तेज धूप और अधिक तापमान के कारण इनमें परागण की प्रक्रिया नहीं हो पाएगी. इसके प्रभाव से अनाज के दाने बदरंग हो जाएंगे. साथ ही पौधों में तना छेदक कीट का प्रकोप देखा जा सकता है. सूखा मौसम और तेज धूप के कारण धान की फसल खेत में जल्दी भी पक सकती है. इससे क्वालिटी पर बुरा असर पड़ सकता है. आईएमडी ने इससे बचाव के लिए सलाह जारी करते हुए कहा है कि अपने धान के खेतों में सुबह और शाम के वक्त सिंचाई करते रहें. खेतों में निराई गुड़ाई करके मिट्टी को भुरभुरा बनाए रखें ताकि खेत की मिट्टी में नमी बनी रहे.
ये भी पढ़ेंः धान में लग जाए तना छेदक कीट तो ये देसी जुगाड़ अपनाएं किसान, बिना दवा के मिलेगा छुटकारा
अधिक तापमान और तेज धूप के कारण सब्जियों की खेती पर भी इसका गंभीर असर देखा जा रहा है. आईएमडी ने कहा कि गर्मी के प्रभाव के कारण सब्जियों में पौधों के विकास में कमी आ सकती है. सब्जियों की फसलों से फूल और फल सूख कर गिर सकते हैं. इसके अलावा खेत में लगे ककड़ी और करेला इस तेज धूप में सूख सकते हैं. टमाटर के फलों में गर्मी के कारण दरार आ सकती है और फल झुलस सकते हैं. साथ ही सब्जियों की खेती में इस वक्त सफेद मक्खी का प्रकोप देखा जा सकता है. इससे बचाव के लिए जारी सलाह में कहा गया है कि नर्सरी अवस्था में सब्जियों को पुआल से ढंकें. खड़ी सब्जियों में सुबह और शाम के वक्त सिंचाई करें. खेतों में निराई गुड़ाई करके मिट्टी को भुरभुरा बनाए रखें जिससे मिट्टी में नमी बनी रहेगी.
ये भी पढ़ेंः अगले महीने शुरू कर दें बीटी कपास की खेती, इन देसी खादों का जरूर करें इस्तेमाल
फलों के लेकर जारी सलाह में कहा गया है कि गर्मी के कारण आम, नींबू और जामून में फल और फूल झड़ सकते हैं. साथ ही इन फलों में गुच्छा रोग का प्रकोप हो सकता है. इसके अलावा कीटों का भी प्रकोप हो सकता है. अधिक गर्मी के कारण आम के फलों का आकार प्रभावित हो सकता है. गर्मी के प्रभाव से पौधों को बचाने के लिए आम, नींबू और पपीता के बागों में सुबह और शाम के वक्त मवेशियों को स्वच्छ पानी पिलाएं. पशुओं को खाने में नमक दें. मवेशियों के रहने वाली जगह को गीले कपड़ों से ढंक दें जिससे सीधी धूप नहीं आ सके.