महेंद्रगढ़ की अस्‍थाई मंडी में बारिश से भीगी हजारों क्विंटल सरसों उपज, 20 हजार बैग का उठान बाकी

महेंद्रगढ़ की अस्‍थाई मंडी में बारिश से भीगी हजारों क्विंटल सरसों उपज, 20 हजार बैग का उठान बाकी

महेंद्रगढ़ में शनिवार सुबह मौसम ने अचानक करवट बदली सुबह लगभग 5 बजे बारिश शुरू हो गई. बारिश से मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ी हजारों क्विंटल सरसों की फसल भीग गई. मंडी में खड़ी दो-तीन गाड़ियों के अंदर भरे सरसों के बैग भी भीग गए.

Mahendragarh mustard crop in waterMahendragarh mustard crop in water
क‍िसान तक
  • Mahendragarh,
  • May 03, 2025,
  • Updated May 03, 2025, 6:30 PM IST

महेंद्रगढ़ बस स्टैंड पर बनाई गई अस्थाई अनाज मंडी में खुले आसमान के नीचे हजारों क्विंटल सरसों पड़ी हुई है. आज सुबह बारिश होने से मंडी के रखे सरसों के बैग और ढेरियां भीग गई. सुबह बारिश होने के बाद के आढ़ती अपनी सरसों पर तिरपाल डालते हुए नजर आए. इतना ही नहीं सरसों की ढेरियों पर कुत्ते लौटते और घूमते नजर आए. मंडी सुरक्षित नहीं होने की वजह से पशु कई बार तो उपज पर मल-मूत्र भी कर देते हैं.

अचानक सुबह-सुबह हुई बारिश

शुक्रवार रात को तेज हवाएं चली तो वहीं शनिवार सुबह मौसम ने अचानक करवट बदली सुबह लगभग 5 बजे बारिश शुरू हो गई. बारिश से मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ी हजारों क्विंटल सरसों की फसल भीग गई. मंडी में खड़ी दो-तीन गाड़ियों के अंदर भरे सरसों के बैग भी भीग गए. बारिश के चलते ढेहरियों की सरसों पानी में बहती नजर आई. नियम अनुसार जब तक मंडी से फसलों का उठान नहीं हो जाता, तब तक उनकी देखरेख की जिम्मेदारी आढ़ती की होती है.

20 हजार बैग खुले में पड़े

इस समय महेंद्रगढ़ की मंडी में सरसों की आवक जोरों पर है और क्षेत्र के किसान बनाए गए खरीद केंद्र पर एसपी के तहत सरकारी खरीद में फसल बेचने के लिए संबंधित मंडी और खरीद केंद्र पर पहुंच रहे हैं. महेंद्रगढ़ की अनाज मंडी में अब तक 75000 क्विंटल की खरीद हो चुकी है और डेढ़ लाख बैग का उठान हो चुका है. लगभग 20000 बैग खुले में पड़ा है, जिनका उठान होना अभी बाकी है. 

इन जिलों में भी गेहूं-सरसों भीगा

इससे पहले शुक्रवार को झज्झर, चरखी दादरी और जींद में बारिश में गेहूं की उपज भीगने के मामले सामने आए. झज्जर अनाज मंडी में खुले में पड़ी हजारों क्विंटल गेहूं और सरसों हुई खराब, बरसात की वजह से 5 से 7 करोड़ रुपये की उपज को नुकसान होने का अनुमान है. यह अनुमान आढ़तियों ने लगाया है. उन्‍होंने कहा कि आढ़तियों का कहना था कि मौसम विभाग ने पहले से ही बात की भविष्यवाणी भी कर रखी थी, लेकिन उसके बावजूद भी प्रशासन की ओर से ध्यान नहीं दिया गया. 

धीमे उठान से आई दिक्‍कत

चरखी दादरी में भी आंधी-तूफान के साथ आई बारिश के कारण अनाज मंडी में खुले में रखा गेहूं और सरसों की हजारों क्विंटल उपज बारिश की भेंट चढ़ गई. बारिश में भीगने के कारण फसल के खराब होने का अंदेशा है जिससे किसानों व आढ़तियों को नुकसान उठाना पड़ेगा. मार्केट कमेटी के सचिव विजय कुमार ने माना कि उठान धीमी गति से हुआ है, जिसके चलते बड़ी मात्रा में अनाज खुले में पड़ा है. 

जींद की अनाज मंडी में आढ़ती ने बताया कि गुरुवार रात की बारिश से चार लाख गेहूं की बोरियों में पानी आ गया और गेहूं बोरियां भीग गईं. प्रशासन ने कोई भी व्यवस्था नहीं करवाई हुई थी. अगर अनाज मंडी मे शेड बना होता तो यह गेहूं उसके नीचे रखा जाता और आढ़ति‍यों को करोड़ों रुपये का नुकसान नहीं होता. अब पानी को निकालने के लिए पंप का सहारा लिया जा रहा है. (देशराज सिंह की रिपोर्ट)

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