हरियाणा के लगभग सभी जिलों में गेहूं खरीद में अच्छी खासी तेजी देखी जा रही है. यहां की अनाज मंडियां गेहूं से अटी पड़ी हैं. लेकिन बड़ी समस्या गेहूं उठान को लेकर है. मंडी में जहां देखें वहां गेहूं की गेहूं दिखाई दे रहा है. हरियाणा के अलग-अलग जिलों में तकरीबन 95 फीसद गेहूं अनाज मंडियों में पहुंच चुका है. हालांकि इसमें 52 फीसद खरीदा गया गेहूं ही उठ पाया है. यह आंकड़ा रविवार शाम तक का है. उठान में देरी इसलिए हो रही है क्योंकि ढुलाई के टेंडर में देरी हो रही है. साथ ही, ढुलाई के काम में लगने वाली लेबर का टेंडर भी नहीं हो पा रहा है. ये दोनों मुख्य वजह हैं जिससे मंडियों में गेहूं के उठान में रुकावट आ रही है.
'दि ट्रिब्यून' में छपी एक खबर में लिखा गया है, हरियाणा के 22 जिलों में 50.32 लाख मीट्रिक टन (1000 किग्रा) गेहूं की खरीद हो चुकी है जिसमें से 26.20 लाख मीट्रिक टन खरीदे गए गेहूं का ही उठान हो पाया है. यह लगभग 52 परसेंट हिस्सा है जिसका मंडियों से उठान हो चुका है. इसके अलावा बाकी गेहूं मंडियों में यूं ही पड़ा हुआ है. ऐसे में अगर अचानक बारिश या ओलावृष्टि हो जाए, तो उपज का बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता है. मंडियों में तिरपाल की बड़ी समस्या देखी जा रही है जिसके बारे में किसान बहुत पहले से शिकायत कर रहे हैं.
इसमें सबसे खास बात ये है कि हरियाणा के गुरुग्राम में सबसे धीमा उठान चल रहा है. गुरुग्राम की मंडियों में आए कुल गेहूं का महज 32.20 परसेंट गेहूं ही अब तक उठ पाया है. दूसरी ओर महेंद्रगढ़ जिला है जहां सबसे तेजी से गेहूं का उठान चल रहा है. इस जिले में अब तक लगभग 91 फीसद गेहूं की लिफ्टिंग हो चुकी है. उठान के मामले में पानीपत जिला 10वें स्थान पर है जबकि सोनीपत का स्थान 15वां है. यह आंकड़ा रविवार शाम तक का है.
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सोनीपत में गेहूं उठान में देरी की ज्योंहि खबर आई, वैसे ही जिला प्रशासन हरकत में आया और लिफ्टिंग में तेजी लाने के निर्दश दिए गए. यहां के डिप्टी कमिश्नर ललित सीवच ने अधिकारियों को तुरंत लिफ्टिंग में तेजी लाने का निर्देश दिया. डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि अगले दो-तीन दिन में गेहूं की लिफ्टिंग में तेजी आएगी क्योंकि फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी कि FCI ने खरीदे गए गेहूं को हरियाणा वेयरहाउस कॉरपोरेशन के गोदाम में रखने की इजाजत दे दी है.
हरियाणा वेयरहाउस कॉरपोरेशन के गोदाम की क्षमता 10,000 मीट्रिक टन है जिससे कि मंडियों से आए अधिक से अधिक गेहूं को रखने में मदद मिलेगी. इससे मंडियों से गेहूं उठाने में तेजी आएगी. सोनीपत डीएफएससी बिंसल सहरावत ने एफसीआई से कहा है कि उठान किए गए गेहूं को डीएफएससी और हेफेड के गोदाम में रखा जा सकता है ताकि लिफ्टिंग में तेजी लाई जा सके. इन सभी निर्देशों के बाद आशा जगी है कि हरियाणा की मंडियों में गेहूं उठान में अब तेजी देखी जाएगी.
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बिंसल सहरावत ने कहा कि डीएफएससी के गोदाम की भंडारण क्षमता 45,000 मीट्रिक टन है जिसमें से 5,000 मीट्रिक टन गेहूं रखने की इजाजत दी गई है. हेफेड के गोदाम में 51,000 मीट्रिक टन गेहूं रखने की क्षमता है जिसमें गेहूं भंडारण की अनुमति दी गई है. लेकिन अभी दिक्कत ये आ रही है कि एफसीआई केवल अपने गोदाम का ही इस्तेमाल कर रहा है, इसलिए गेहूं का उठान में देरी हो रही है. नए निर्देशों के बाद एफसीआई हेफेड और डीएफएससी के गोदामों में अपना गेहूं जमा कर सकता है.