Paddy Procurement: हरियाणा में धान किसानों को अब तक 4215 करोड़ का भुगतान, जानें खरीद का ताजा अपडेट

Paddy Procurement: हरियाणा में धान किसानों को अब तक 4215 करोड़ का भुगतान, जानें खरीद का ताजा अपडेट

Haryana Paddy Procurement: हरियाणा में खरीफ 2025-26 में धान की खरीद जारी है. अब तक किसानों के खातों में डीबीटी के माध्‍यम से अब तक 4214.85 करोड़ रुपये ट्रांसफर की जा चुकी है.

Haryana paddy procurementHaryana paddy procurement
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 15, 2025,
  • Updated Oct 15, 2025, 6:00 AM IST

हरियाणा में खरीफ खरीद सीजन 2025-26 के दौरान किसानों से धान की खरीद जारी है. मं‍डियों में लगातार उपज की आवक जारी है, साथ ही उठान का काम भी चल रहा है. खरीद के साथ-साथ किसानों को उनके खाते में भुगतान राशि‍ भी ट्रांसफर की जा रही है. इस क्रम में किसानों के खातों में डीबीटी के माध्‍यम से अब तक 4214.85 करोड़ रुपये ट्रांसफर की जा चुकी है. हरियाणा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हितों को देखते हुए जिला की सभी अनाज मंडियों में धान की खरीद का कार्य सुचारू रूप से जारी है.

1.67 लाख किसानों से खरीदी गई धान

उन्होंने कहा कि जिले में हैफेड, वेयर हाऊस और फूड एंड सप्लाई एजेंसियों द्वारा धान की खरीद की जा रही है. संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि धान की फसल बेचने में किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो. 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से धान की खरीद की जा रही है. राज्य में अब तक 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल' पर पंजीकृत 1,67,404 किसानों से धान की खरीद की गई है.

राज्‍यभर की मंडियाें में 30 लाख मीट्र‍िक टन आवक दर्ज

प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी देते हुए कहा कि अब तक राज्य भर की मंडियों में कुल 30,19,844 लाख मीट्रिक टन धान की आवक हुई है. उन्होंने बताया कि विभिन्न जिलों की मंडियों से अब तक 20,49,941 लाख मीट्रिक टन धान का उठान हो चुका है. अब तक मंडियों से 27,10,580 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है.

किसानों से कम नमी वाली धान लाने की अपील

उल्लेखनीय है कि राज्य में धान की खरीद भारत सरकार द्वारा धान की खरीद न्यूनतम समर्थन में करती हुए फसल का भुगतान किसानों के बैंक खातों में सीधे तौर पर स्थानांतरित किया जाता है. सरकार द्वारा किसान भाइयों से बार-बार अपील की जा रही है कि वे अपनी फसल को मंडी में अच्छी तरह सुखाकर केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों (जैसे कि नमी 17 प्रतिशत) की सीमा अनुसार लेकर आएं.  राज्य की खरीद संस्थाओं द्वारा धान की खरीद के लिए पुख्ता प्रबंध किए हुए हैं और धान के उठान कार्य में भी तेजी लाई जा रही है. 

किसानों को उपलब्‍ध कराई जा रही सुविधाएं

बता दें कि राज्य की खरीद संस्थाओं द्वारा खरीद किये गए धान के भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान किसानों के बैंक खातों में सीधे तौर पर ट्रांसफर किया जाता है. भारत सरकार द्वारा धान के लिए निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 2389 प्रति क्विंटल (ग्रेड ए) में कोई कटौती नहीं की गई है.

विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि मंडियों में बिजली, स्वच्छ पानी, शौचालयों आदि सुविधाओं को दुरूस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने किसानों से अपील की है कि किसान मंडी में अपनी धान की फसल सुखाकर ही लाएं, ताकि किसानों को फसल का सही समय पर उचित मूल्य मिल सके. 

जिला प्रशासन को निरीक्षण करने के निर्देश

वहीं, जिलों के प्रशासन को अपने-अपने क्षेत्र की अनाज मंडियों का समय-समय पर निरीक्षण करते रहने के के निर्देश दिए गए हैं, ताकि  किसानों को धान की फसल बेचने में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े. इसके अलावा राज्य की मंडियों और खरीद केंद्रों में किसानों द्वारा लाए गए धान की साफ-सफाई का काम आढ़तियों द्वारा अपने स्तर पर किया जा रहा है. वहीं, मंडियों और खरीद केंद्रों पर होने वाले मंडी श्रम कार्य (जैसे कि भराई, तुलाई, सिलाई, लदाई इत्यादि) के शुल्क दरों की अदायगी भी सरकार द्वारा वहन की जाती है.

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