किसान अच्छी गेहूं की पैदावार सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय करते हैं. वे उर्वरकों से लेकर उच्च गुणवत्ता वाले बीजों तक, हर चीज़ पर ध्यान देते हैं. अच्छी गेहूं की फसल के लिए न केवल अच्छी मिट्टी और सिंचाई की आवश्यकता होती है, बल्कि उचित बीज तैयारी भी आवश्यक है. बीजोपचार, या बुवाई से पहले बीजोपचार, फसल को रोगों और कीटों से बचाता है, जिससे अच्छी उपज मिलती है. आइए जानें कि गेहूं की बुवाई से पहले बीजों का उपचार कैसे करें.
1.दीमक से बचाव के लिए बीजोपचार
- गेहूं की फसल में दीमक बड़ा नुकसान कर सकती है. बीजों को दीमक से बचाने के लिए:
- 600 मिली. क्लोरोपायरीफॉस 20 ई.सी. या 500 मिली. इथियोन 50 ई.सी. को 1 लीटर पानी में घोल लें.
- इस घोल को 100 किलो बीज पर समान रूप से छिड़कें.
- बीजों को छाया में सुखाएं और 2 घंटे के अंदर बुवाई करें.
- आप छिड़काव के लिए स्प्रे मशीन का भी उपयोग कर सकते हैं.
2.बीज जनित रोगों से सुरक्षा
बीजों में मौजूद रोगों को रोकने के लिए:
- 2 ग्राम थाइरम या 2.5 ग्राम मैन्कोजेब को प्रति किलो बीज की मात्रा में मिलाएं.
- यदि आपके खेत में कण्डवा रोग (अनावृत या पात कण्डवा) का प्रकोप है, तो:
- 2 ग्राम कार्बोक्सीन प्रति किलो बीज की दर से बीजों का उपचार करें.
3.खारी मिट्टी और खारे पानी वाले क्षेत्रों में बीजोपचार
यदि आपकी भूमि खारी है या सिंचाई का पानी खारा है, तो:
- 1.5 किलो सोडियम सल्फेट को 50 लीटर पानी में मिलाकर 3% घोल तैयार करें.
- बीजों को इस घोल में 24 घंटे तक भिगोकर रखें.
- फिर बीजों को सादे पानी से धोकर सुखा लें.
- यह उपचार तभी करें जब मिट्टी की विद्युत चालकता 4 से अधिक और pH 8.5 से कम हो.
4.ईयर कॉकल और टुण्डु रोग से बचाव
- बीजों को 20% नमक के घोल में डालें.
- जो बीज नीचे बैठ जाएं वही बीज उपयोग करें. ऊपर तैरते बीज खराब होते हैं, उन्हें नष्ट कर दें.
- चुने हुए बीजों को साफ पानी से धोकर सुखाएं और बुवाई करें.
- जिन खेतों में यह रोग अधिक होता है, वहां कुछ वर्षों तक गेहूं की खेती न करें.
5.जीवाणु कल्चर से उपचार
बीजों को एजोटोबेक्टर और फॉस्फोरस सोल्युलाईजिंग बैक्टीरिया (PSB) से उपचारित करें.
- इससे प्रति हेक्टेयर:
- 20 से 30 किलो नाइट्रोजन
- और 20 से 30 किलो फॉस्फोरस की बचत होती है.
6.मेटाराइजियम से दीमक नियंत्रण
- बुवाई के समय खेत में 5 किलो मेटाराइजियम प्रति हेक्टेयर डालें.
- बीजों को भी 10 ग्राम मेटाराइजियम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें.
- खड़ी फसल में दीमक का प्रकोप दिखे तो 4 लीटर क्लोरोपायरीफॉस 20 ई.सी. प्रति हेक्टेयर सिंचाई के साथ दें.
गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए बीजोपचार एक जरूरी कदम है. यह फसल को रोगों और कीटों से बचाकर उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है. ऊपर दिए गए सरल तरीकों को अपनाकर आप अपनी फसल को सुरक्षित और अधिक उत्पादक बना सकते हैं.
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