हरियाणा: मुआवजे की मांग पर तेज हुआ विरोध प्रदर्शन, किसानों ने घेरा SDM कार्यालय

हरियाणा: मुआवजे की मांग पर तेज हुआ विरोध प्रदर्शन, किसानों ने घेरा SDM कार्यालय

मंगलवार को किसानों ने पिपली टोल से लेकर ट्रैक्टर मार्च शुरू किया और खरखोदा शहर से होते एसडीएम कार्यालय का घेराव किया. सरकार को मुआवजे में बढ़ोतरी को लेकर चेताया कि अगर सरकारी ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वो एक बार फिर सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे.

अपनी मांगों को लेकर हरियाणा में किसानों का विरोध प्रदर्शन तेजअपनी मांगों को लेकर हरियाणा में किसानों का विरोध प्रदर्शन तेज
क‍िसान तक
  • SONIPAT,
  • Feb 28, 2023,
  • Updated Feb 28, 2023, 6:21 PM IST

हरियाणा के कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ बनने वाले रेलवे कॉरिडोर के भूमि अधिग्रहण में मुआवजा बढ़ाने को लेकर मंगलवार को किसानों ने खरखोदा एसडीएम कार्यालय का घेराव किया. किसानों ने सरकार को एक बार फिर चेताया कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे. किसान अपनी मांगों को लेकर बहुत पहले से आवाज बुलंद कर रहे हैं. इसी क्रम में अपना विरोध प्रदर्शन और तेज करते हुए मंगलवार को खरखोदा एसडीएम कार्यालय का घेराव कर दिया.

हरियाणा सरकार ने पिछले साल कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस-वे (केएमपी एक्सप्रेसवे) के साथ-साथ रेलवे कॉरिडोर बनाने की घोषणा की थी. इसको लेकर हरियाणा सरकार ने भूमि अधिग्रहण का काम भी शुरू कर दिया है. इस भूमि अधिग्रहण में किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है. उसका किसान लगातार विरोध कर रहे हैं और पिछले दिनों किसानों ने सोनीपत के पिपली टोल पर एक महापंचायत की थी. इसमें किसानों ने फैसला लिया था कि एसडीएम खरखोदा कार्यालय का घेराव करेंगे. 

मंगलवार को किसानों ने पिपली टोल से लेकर ट्रैक्टर मार्च शुरू किया और खरखोदा शहर से होते एसडीएम कार्यालय का घेराव किया. सरकार को मुआवजे में बढ़ोतरी को लेकर चेताया कि अगर सरकारी ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वो एक बार फिर सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे.

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हरियाणा में किसान लगातार सरकार के खिलाफ अपना विरोध अलग-अलग मसलों को लेकर दर्शा रहे हैं. मंगलवार को सोनीपत के खरखोदा एसडीएम कार्यालय के बाहर सैकड़ों की संख्या में किसान ट्रैक्टर मार्च करते हुए पहुंचे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार मिलकर कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ रेलवे कॉरिडोर बना रही है. उसके लिए भूमि अधिग्रहण का काम जोरों पर है. 

दूसरी ओर, किसान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं क्योंकि वे सरकार से अपनी जमीन का दो गुना मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार केएमपी को नेशनल हाईवे का दर्जा नहीं दे रही है. वही किसान यह कह रहे हैं कि पहले तो केएमपी को नेशनल हाईवे का दर्जा दिया जाए और फिर उनको दोगुना मुआवजा दिया जाए. किसानों ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वे रेलवे कॉरिडोर का निर्माण नहीं होने देंगे.

इस किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ और राजेश सरोहा ने कहा कि हम सरकार के विकास कार्यों में कोई भी बाधा नहीं डाल रहे हैं. लेकिन सरकार कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस-वे को नेशनल हाईवे का दर्जा नहीं दे रही है और इस एक्सप्रेस-वे पर नेशनल हाईवे की दरों से टोल वसूला जा रहा है. अगर सरकार किसानों को मुआवजा बढ़ाकर नहीं देगी तो उसके खिलाफ यह आंदोलन लगातार जारी रहेगा. 

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किसान नेताओं ने कहा, सरकार ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आय को दोगुना कर दिया जाएगा. मगर किसानों की आय दोगुनी तो नहीं हो पाई बल्कि किसानों की आत्महत्या में इजाफा हुआ है. हम सरकार को अलग-अलग माध्यम से चेता रहे हैं कि हमारी मांगें पूरी कर दी जाएं. अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो एक इंच भी रेलवे लाइन नहीं बिछने दी जाएगी. 

किसान नेताओं ने कहा, 16 जनवरी से सिरसा में किसानों का धरना चल रहा है. हमारे बुजुर्ग और स्वतंत्रता सेनानियों को प्रशासन ने जबरदस्ती उठाकर सिविल हॉस्पिटल में भेज दिया. आमरण अनशन करने वाले स्वतंत्रता सेनानी को जल्द से जल्द रिहा किया जाए और उन्हें धरना स्थल पर भेजा जाए, अन्यथा हम सरकार के खिलाफ कोई बड़ा एक्शन ले सकते हैं.(रिपोर्ट/पवन राठी)

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