Rain in Bihar: बारिश शुरू होते ही किसानों के खिले चेहरे, धान की खेती ने पकड़ी तेज रफ्तार

Rain in Bihar: बारिश शुरू होते ही किसानों के खिले चेहरे, धान की खेती ने पकड़ी तेज रफ्तार

मुजफ्फरपुर के किसानों के चेहरे पर अभी तक मायूसी छाई थी. बारिश की राह देखते-देखते वे हार गए थे. उनकी फसलें सूख रही थीं. धान की फसल पानी के लिए कराह उठी थी. लेकिन अब बड़ी राहत मिली है क्योंकि रविवार से पूरे इलाके में झमाझमा बारिश हो रही है.

बिहार में बारिश शुरू होने से किसानों के चेहरे खिलेबिहार में बारिश शुरू होने से किसानों के चेहरे खिले
मणि भूषण शर्मा
  • MUZAFFARPUR,
  • Aug 08, 2023,
  • Updated Aug 08, 2023, 8:00 PM IST

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में रविवार शाम से लगातार हो रही बारिश से धान के खेतों को नई जान मिली है. इसी के साथ धान की फसल में सिंचाई को लेकर बना संकट भी खत्म हो गया है. बारिश होने से धान की फसल (Paddy Crop) करने वाले किसान खुश हैं. अभी तक तेज धूप और बारिश नहीं होने से धान किसान काफी मुश्किल में थे. लेकिन तीन दिनों से हो रही बारिश ने उन्हें राहत दिलाई है. अब तक धान की रोपनी का काम पिछड़ा हुआ था जिसमें अब बड़ी तेजी देखी जा रही है.

पूरे मुजफ्फरपुर जिले के किसान अभी तक सिंचाई के लिए बारिश की राह देख रहे थे. उनका ज्यादा से ज्यादा समय आसमान में झांकते हुए बीत रहा था. किसान कई बार पूजा भी करा चुके ताकि इंद्र देव मेहरबान हों और झमाझम बारिश हो. अब उनकी मुराद पूरी हुई है और रविवार से पूरे जिले में बारिश हो रही है. इससे सिंचाई का संकट खत्म हुआ है और किसानों के चेहरे पर खुशी लौटी है. अभी तक धान की फसल सूखे की मार झे रही थी. जिन किसानों ने रोपनी कर ली थी, वे पंपसेट से सिंचाई कर रहे थे. इससे उनका खर्च बढ़ रहा था. सिंचाई के बावजूद फसल सूख रही थी. लेकिन बारिश शुरू होते ही किसानों को राहत मिली है.

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सूखी फसलों को राहत

रविवार से शुरू हुई बारिश से खेतों में पानी लबालब भर गया है. यह धान के अलावा अन्य फसलों के लिए भी लाभदायक है. किसानों का कहना है कि धान की फसल के लिए यह बारिश संजीवनी साबित होगी. सूखते पौधों को इससे नई जान मिल रही है. मुजफ्फरपुर के धान किसान राम किशोर सिंह ने बताया कि उन्होंने डेढ़ बीघा में धान की खेती की है. धान की रोपनी तो पंप सेट से की, लेकिन अब सिंचाई भी बोरिंग से करना संभव नहीं था.

क्या कहते हैं किसान

किसान कहते हैं, धान की फसल सूख रही थी. खेतों में दरार पड़ गई थी. अब दो दिनों से हो रही बारिश से काफी राहत मिली है. धान किसान भूषण सिंह ने बताया कि उनकी फसल सूख रही थी. अब इस बारिश से काफी राहत मिली है. महिला किसान कुसुम देवी ने बताया कि काफी राहत है. वे गरीब किसान हैं, इसलिए बारिश से काफी राहत मिली है. जिस तरह से गर्मी थी, उसमें संभव नहीं था पंप सेट से सिंचाई करना.

बारिश से किसान खुश

वहीं जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि इस बरसात से धान की फसल को बहुत फायदा है. इससे फसल के साथ किसानों को मदद मिलेगी. दूसरी ओर, धान की फसल में अगर पत्ता लपेट यानी लीफ फोल्डर जैसी बीमारी का कोई प्रकोप होगा तो बारिश से खत्म हो जाएगा. धान की फसल के लिए यह काफी जरूरी था, क्योंकि अभी किसानों के खेतों में धान की फसल फ्लोरिंग स्टेज पर है.

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लक्ष्य से पिछड़ी खेती

जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिले में धान की खेती का लक्ष्य एक लाख 47 हजार 940 हेक्टेयर का है. लेकिन बारिश कम होने की वजह से लक्ष्य का 92 प्रतिशत ही पूरा किया जा सका है. किसान ने पंपिंग सेट और बिजली मोटर से सिंचाई कर धान के खेत को बचाया है. किसानों के सहयोग के लिए सरकार की तरफ से डीजल अनुदान की सुविधा दी गई है. कुल 29 हजार आवेदन किसानों की ओर से प्राप्त हुआ है. सभी आवेदन की जांच कर उसे आगे बढ़ाया जा रहा है.

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