बिहार में बाढ़-अतिवृष्टि से फसलें तबाह, 12 जिलों के किसानों से 2 दिसंबर तक मांगे आवेदन

बिहार में बाढ़-अतिवृष्टि से फसलें तबाह, 12 जिलों के किसानों से 2 दिसंबर तक मांगे आवेदन

बिहार में इस वर्ष बाढ़, अतिवृष्टि और मोन्था तूफान ने 12 जिलों में फसलों को गंभीर क्षति पहुंचाई है. सरकार ने राहत देने के लिए फसल सर्वेक्षण पूरा कर लिया है और कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत पात्र किसानों से 2 दिसंबर तक आवेदन मांगे हैं. असिंचित, सिंचित और बहुवर्षीय फसलों के लिए अनुदान की राशि क्रमशः ₹8,500, ₹17,000 और ₹22,500 प्रति हेक्टेयर तय की गई है.

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अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • Patna,
  • Nov 27, 2025,
  • Updated Nov 27, 2025, 4:04 PM IST

इस साल बिहार में मौसम की मार फसलों पर अधिक देखने को मिली है. जहां राज्य में एक ओर बाढ़ की वजह से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा. वहीं अक्टूबर महीने के अंत में मोन्था तूफान की वजह से धान की तैयार फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. राज्य के करीब 12 जिलों के 39 प्रखंडों और 397 पंचायतों में फसलों को भारी क्षति हुई है. किसानों की फसल पर अतिवृष्टि, बाढ़ और मोन्था तूफान ने गंभीर प्रभाव डाला है. अब सरकार ने किसानों को इसमें राहत देने का फैसला किया है. फसल क्षति के एवज में किसानों को अनुदान देने के लिए 2 दिसंबर तक आवेदन मांगे गए हैं.

फसल सर्वेक्षण का काम पूरा

बिहार के कृषि मंत्री राम कृपाल यादव ने बताया कि अक्टूबर महीने में हुई अतिवृष्टि, बाढ़ और मोन्था तूफान ने राज्य के 38 जिलों में से 12 जिलों की फसलों को व्यापक क्षति पहुंचाई है. वहीं, प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है, जिसके आधार पर सरकार ने किसानों को तत्काल राहत मुहैया कराने के लिए कृषि इनपुट अनुदान योजना के अंतर्गत सहायता उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है.

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द आर्थिक सहयोग देना बिहार सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है. सभी प्रभावित किसानों से निर्धारित तिथि तक ऑनलाइन आवेदन करने की अपील की गई है. 

इन जिलों के किसानों को मिलेगा अनुदान

कृषि मंत्री ने बताया कि अतिवृष्टि, बाढ़ और मोन्था तूफान की वजह से बेगूसराय, पूर्वी चंपारण, कैमूर, मधुबनी, किशनगंज, गया जी, भोजपुर, मधेपुरा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, शिवहर और सुपौल जिलों में फसलों को काफी अधिक नुकसान पहुंचा है. आगे उन्होंने बताया कि कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत उन सभी रैयत और गैर-रैयत किसानों को अनुदान दिया जाएगा, जिनकी फसलें 33 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्त हुई हैं.

वैसे सभी पात्र किसानों को इस योजना से लाभान्वित किया जाएगा. वर्षाश्रित (असिंचित) फसलों के लिए 8,500 रुपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसलों के लिए 17,000 रुपये प्रति हेक्टेयर और शाश्वत/बहुवर्षीय फसलों (गन्ना सहित) के लिए 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान की राशि तय की गई है.

आगे मंत्री राम कृपाल यादव ने बताया कि असिंचित फसल के लिए न्यूनतम ₹1,000, सिंचित के लिए ₹2,000 और बहुवर्षीय फसल के लिए ₹2,500 की राशि निर्धारित की गई है.

किसान यहां करें आवेदन

कृषि विभाग की ओर से चयनित 12 जिलों के पात्र सभी किसानों को अनुदान की राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से सीधे बैंक खाते में भेजी जाएगी. वहीं, किसान अनुदान का लाभ लेने के लिए https:dbtagriculture-bihar-gov-in अथवा कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से 13 अंकों की पंजीकरण संख्या का उपयोग कर आवेदन कर सकते हैं.

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