वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानी 23 जुलाई को लोकसभा में बजट 2024-25 पेश कर रही हैं. बजट में सरकार ने ग्रामीण विकास और कृषि क्षेत्र के साथ-साथ प्राकृतिक खेती (Organic Farming) पर भी खास ध्यान दिया है. प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को खुशखबरी देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में आने वाले 2 सालों में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती यानी नेचुरल फार्मिंग के लिए तैयार किया जाएगा. साथ ही किसानों को सर्टिफिकेशन और ब्रांडिंग से भी जोड़ा जाएगा. किसानों के लिए 10 हजार बायो रिसोर्स सेंटर बनाए जाएंगे. बजट में दलहन तिलहन मिशन के तहत आत्मनिर्भरता पर जोर दिया गया है. सप्लाई चेन को और विकसित करने की बात कही गई.
वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण बजट पेश करते हुए कृषि सेक्टर के लिए बजट बढ़ाने की घोषणा कर दी है. उन्होंने कहा कि बजट में कृषि क्षेत्र का बजट बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि खेती-किसानी से जुड़ी योजनाओं और कार्यों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए बजट को बढ़ाकर 1.52 लाख करोड़ रुपये कर दिया है. आपको बता दें कि पहले कृषि विकास के लिए बजट बढ़ाए जाने की उम्मीद थी.
नेचुरल फार्मिंग के फायदे यानी जैविक खेती पर्यावरण की शुद्धता को बनाए रखने में मदद करती है. प्राकृतिक खेती में रासायनिक खादों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता है. इस प्रकार की खेती में प्रकृति में पाए जाने वाले तत्वों का उपयोग खेती में किया जाता है. प्राकृतिक खेती में पौधों को गोबर की खाद, कम्पोस्ट खाद, जीवाणु खाद, फसल अवशेषों और प्रकृति में उपलब्ध खनिजों जैसे रॉक फॉस्फेट, जिप्सम आदि के माध्यम से पोषक तत्व प्रदान किए जाते हैं और फसल को प्रकृति में उपलब्ध बैक्टीरिया, मित्र कीटों और जैविक कीटनाशकों द्वारा हानिकारक बैक्टीरिया से बचाया जाता है.
वित्त मंत्री ने कहा, कृषि उत्पादन में उत्पादकता और लचीलेपन पर जोर. फसलों की नई किस्में जारी करने में मदद दी जाएगी. अगले 2 साल में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती में मदद दी जाएगी. दलहन और तिलहन के लिए मिशन शुरू किया जाएगा. सरकार इनके उत्पादन और मार्केटिंग को मजबूत करेगी. कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा. झींगा उत्पादन और निर्यात पर जोर दिया जाएगा ताकि मछुआरे को इसका लाभ मिल सके. झींगा पालन और निर्यात के लिए नाबार्ड की तरफ से फंडिंग दी जाएगी. कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ का प्रावधान. 6 करोड़ किसानों के लिए जमीन की रजिस्ट्री पर जोर. 5 राज्यों में किसान क्रेडिट कार्ड लॉन्च किया जाएगा. 400 जिलों में डिजिटल खरीफ फसल सर्वे किया जाएगा. दलहन, तिलहन विस्तार पर मिशन लॉन्च किया जाएगा. सर्टिफिकेशन और ब्रांडिंग के जरिए बढ़ावा देंगे. कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन.