Uttar Pradesh News: गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यूपी सरकार ने पतंजलि योगपीठ से मिलाया हाथ, ग्रामीण अर्थव्यवस्था होगी मजबूत

Uttar Pradesh News: गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यूपी सरकार ने पतंजलि योगपीठ से मिलाया हाथ, ग्रामीण अर्थव्यवस्था होगी मजबूत

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी पहल के तहत, सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, राज्य गौ सेवा आयोग ने राज्य भर में गौ संरक्षण, पंचगव्य उत्पादों, प्राकृतिक खेती और बायोगैस विस्तार को बढ़ावा देने के लिए पतंजलि योगपीठ के साथ हाथ मिलाया है.

उत्तर प्रदेश में 12,35,700 निराश्रित गोवंश (File Photo)उत्तर प्रदेश में 12,35,700 निराश्रित गोवंश (File Photo)
क‍िसान तक
  • नोएडा,
  • Aug 17, 2025,
  • Updated Aug 17, 2025, 2:06 PM IST

उत्तर प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ी पहल शुरू की है. दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अब राज्य गौ सेवा आयोग ने मिशन शुरू किया है. इसके तहत राज्य भर में गौ संरक्षण, पंचगव्य उत्पादों, प्राकृतिक खेती और बायोगैस को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए राज्य गौ सेवा आयोग ने पतंजलि योगपीठ के साथ हाथ मिलाया है. इस साझेदारी के तहत, गौशालाएं अब केवल संरक्षण का केंद्र नहीं रहेंगी, बल्कि ग्रामीण उद्योग के केन्द्रों में भी तब्दील हो सकेंगी. इससे पंचगव्य उत्पादों और बायोगैस का उत्पादन तेजी बढ़ेगा.

'गांव की गाय गांव की प्रगति का आधार'

उत्तर प्रदेश सरकार के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, गौ सेवा आयोग ने हरिद्वार में आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता, योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि के सह-संस्थापक आचार्य बालकृष्ण के बीच विचार-विमर्श के बाद पतंजलि योगपीठ के साथ साझेदारी की. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दृढ़ विश्वास है कि गांव की गाय गांव की प्रगति का आधार है. इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए, पतंजलि योगपीठ ने राज्य की पहलों को पूर्ण तकनीकी सहायता देने का वचन दिया है. इसको लोकर बाबा रामदेव भी जल्द ही उत्तर प्रदेश का दौरा करेंगे और सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर रोडमैप को अंतिम रूप देंगे.

ग्रामीणों के लिए 50% कमीशन मॉडल

गौ सेवा आयोग के ओएसडी डॉ. अनुराग श्रीवास्तव के अनुसार, 75 जिलों में से हर एक में 2 से 10 गौशालाओं को बड़े मॉडल केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा. इनमें गायों की स्वतंत्र आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए गौ अभयारण्यों में खुले शेड, बाड़ और सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी. इस पहल से बड़े पैमाने पर ग्रामीण रोजगार के अवसर भी खुलेंगे, क्योंकि ग्रामीण 50% कमीशन मॉडल के तहत गोमूत्र संग्रहण और उत्पाद बिक्री में सक्रिय रूप से भाग लेंगे. पतंजलि योगपीठ प्रशिक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण, निर्माण, प्रमाणन और लाइसेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम को और सहयोग प्रदान करेगा.

खेती में किसानों की लागत भी होगी कम

इसके अलावा सरकारी बयान में ये भी बताया गया कि गौशालाओं में जियो-फेंसिंग, गायों की टैगिंग, फोटो मैपिंग और चारे की सूची पर नजर रखने जैसी उन्नत तकनीकें भी शुरू की जाएंगी. नीम, गोमूत्र और वर्मीकम्पोस्ट जैसे प्राकृतिक संसाधनों की भी हर गांव में आपूर्ति की जाएगी, जिससे किसानों की लागत कम करने, मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और पर्यावरणीय स्थिरता को मज़बूत करने में मदद मिलेगी. बता दें कि यूपी में गायों और पशुपालकों के लिए मुख्यमंत्री सहभागिता योजना भी चलाई जाती है. इसके तहत 26,426 पशुपालकों को ₹1,500 प्रति माह प्रति गौवंश की सहायता दी जाती है.

(सोर्स- ANI)

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