Agriculture Education: बुंदेलखंड के इस केंद्रीय कृष‍ि विश्वविद्यालय का दायरा दो राज्यों तक पहुंचा

Agriculture Education: बुंदेलखंड के इस केंद्रीय कृष‍ि विश्वविद्यालय का दायरा दो राज्यों तक पहुंचा

यूपी और एमपी के बुंदेलखंड इलाके को कृषि‍ शि‍क्षा की उन्नत सेवाओं से लैस करने के लिए केंद्र सरकार ने यूपी के झांसी में रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृष‍ि विश्वविद्यालय की स्थापना की है. सरकार अब कृष‍ि श‍िक्षा के इस महत्वपूर्ण केंद्र की सेवाओं का दायरा सीमावर्ती एमपी में भी बढ़ा रही है. जिससे इस इलाके को उन्नत कृष‍ि के माध्यम से खेती किसानी के लिहाज से पिछड़ेपन से मुक्त‍ि मिल सके.

झांसी स्थ‍ित केंद्रीय कृष‍ि विश्वविद्यालय के तीन कॉलेज एमपी में खुलने से युवाओं को खेती की पढ़ाई के अवसर मिलेंगे, फोटो: किसान तकझांसी स्थ‍ित केंद्रीय कृष‍ि विश्वविद्यालय के तीन कॉलेज एमपी में खुलने से युवाओं को खेती की पढ़ाई के अवसर मिलेंगे, फोटो: किसान तक
न‍िर्मल यादव
  • Jhansi,
  • Oct 21, 2023,
  • Updated Oct 21, 2023, 4:50 PM IST

बुंदेलखंड में खेती किसानी को उन्नत बनाने के लिए यंत्रीकरण के साथ बेहतर कृष‍ि शिक्षा सुविधा से जोड़ने के मकसद से केंद्र की पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार द्वारा झांसी में रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृष‍ि विश्वविद्यालय स्थापित किया गया था. बीते कुछ सालों में इस विश्वविद्यालय को कृष‍ि श‍िक्षा एवं तकनीक के क्षेत्र में शोध की बेहतर सुविधाओं से जोड़ने के बाद इस इलाके के किसानों को उन्नत खेती के लिए विश्वविद्यालय की कृष‍ि विकास योजनाओं से जोड़ा जा रहा है. इनमें बुंदेलखंड की बेकार पड़ी बंजर जमीनों को खेती योग्य बनाने की परियोजना भी शामिल है. इस बीच इस संस्थान की सेवाओं का दायरा सीमावर्ती राज्य मध्य प्रदेश में ले जाने का सिलसिला शुरू हो चुका है. इस क्रम में विश्वविद्यालय के दो कॉलेज पड़ोसी जिले दतिया और मुरैना में शुरू करने की कवायद को अंजाम तक पहुंचाया जा रहा है.

दतिया में दो कॉलेज स्थापित हुए

यूपी में झांसी से सटे एमपी के दतिया जिले को केंद्रीय कृष‍ि विश्वविद्यालय की विस्तार योजना का शुरुआती लाभ मिलेगा. दतिया जिले में भी खेती बेहद पिछड़ेपन की श‍िकार है. किसानों को, खासकर युवा किसानों को कृष‍ि श‍िक्षा से जोड़कर उन्नत खेती के प्रति उनका रुझान बढाने के लिए केंद्रीय कृष‍ि विश्वविद्यालय के दो काॅलेज दत‍िया में शुरू क‍िए गए हैं.

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केंद्रीय कृष‍ि विश्वविद्यालय के कुलपति डा एके सिंह ने बताया कि दतिया में स्थापित दोनों महाविद्यालय केंद्रीय कृष‍ि विश्वविद्यालय के मातहत ही संचालि‍त होंगे. उन्होंने बताया कि इन्हें मिलाकर विश्वविद्यालय के कॉलेजों की संख्या बढ़कर 4 हो गई है. डा सिंह ने बताया कि दो महाविद्यालय (कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एवं कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एंड फॉरेस्ट) पहले से ही विश्वविद्यालय के झांसी कैंपस में चल रहे हैं.

दतिया के कॉलेज में पढ़ाई शुरू हुई

डा सिंह ने बताया कि दोनों कॉलेज का उद्घाटन होने की औपचारिक पूरी हो चुकी है. इनमें श‍िक्षण कार्य प्रारंभ करने की तैयारियां अंतिम दौर में है. उन्होंने बताया कि इनमें से मत्स्य महाविद्यालय में इसी सत्र से दाखि‍ला प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.

इसमें स्नातक पाठ्यक्रम की 30 सीटों पर पहली बार दाख‍िला हेा रहा है. उन्होंने बताया कि पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय में अगले सत्र से दाख‍िला शुरू होगा. डा सिंह ने कहा कि इन संस्थानों के प्रारंभ होने से दति‍या जिले में आधुनिक कृष‍ि तकनीक से लैस युवा भविष्यय में अपनी सेवाएं दे सकेंगे. इससे खेती बाड़ी के लिहाज से पिछड़े दतिया जिले में उन्नत कृष‍ि के विकास का मार्ग सुगम होगा.

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मुरैना में खुलेगा कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर

डा सिंह ने बताया कि चंबल नदी का इलाका उद्यान एवं बागवानी के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जाता है. इस इलाके में बागवानी खेती के बेहतर भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए मुरैना जिले में कॉलेज ऑफ हार्टिकल्चर प्रारंभ करने का फैसला पहले ही किया जा चुका है.

उन्होंने कहा कि इस क्रम में रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृष‍ि विश्वविद्यालय का पांचवा कॉलेज मुरैना में बागवानी खेती शि‍क्षा के केंद्र के रूप में खुलेगा. इस कॉलेज को स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि इसके लिए स्थानीय प्रशासन के सहयोग से मुरैना में जमीन भी चिन्हित कर ली गई है. डा सिंह ने कहा कि केंद्रीय कृष‍ि विश्विद्यालय के विस्तार के लिहाज से भी मुरैना का काॅलेज ऑफ हार्टिकल्चर अहम पड़ाव साबित होगा.

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