सर्दियों के मौसम में पशुओं के बच्चों में बढ़ जाती है मृत्यु दर, कानपुर के पशुपालन वैज्ञानिक ने दिए ये टिप्स

सर्दियों के मौसम में पशुओं के बच्चों में बढ़ जाती है मृत्यु दर, कानपुर के पशुपालन वैज्ञानिक ने दिए ये टिप्स

Kanpur News: उन्होंने आगे बताया कि सर्दियों में नवजात बच्चों को बहुत देखभाल की आवश्यकता होती है.अगर इसमें लापरवाही बढ़ती गई तो डायरिया और निमोनिया का संक्रमण नवजात में बहुत तेजी से फैलता है.

सर्दियों में दूध देने वाले पशुओं की ज्यादा देखरेख करनी चाहिए.सर्दियों में दूध देने वाले पशुओं की ज्यादा देखरेख करनी चाहिए.
नवीन लाल सूरी
  • LUCKNOW,
  • Jan 21, 2025,
  • Updated Jan 21, 2025, 6:35 PM IST

यूपी में ठंड का सिलसिला जारी है. कई जिलों में भीषण ठंड पड़ रही है. तो वहीं कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय  (Chandra Shekhar Azad University of Agriculture & Technology)  द्वारा पशुओं के लिए एडवाइजरी जारी किया है. ताकि पशुपालक सर्दियों में अपने पशुओं का खास ध्यान रखें और उनको किसी भी प्रकार का नुकसान ना हो. इसी क्रम में कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर के पशुपालन वैज्ञानिक डॉक्टर शशिकांत ने बताया कि ठंड के मौसम में अगर पशुओं के खान-पान एवं प्रबंधन पर ध्यान न दिया जाए तो नवजातों की मृत्यु दर बढ़ जाती है. क्योंकि सर्दी के मौसम में अंदर और बाहर के तापमान में काफी अंतर होता है, ऐसी स्थिति में ठंड के मौसम में अन्य मौसम की अपेक्षा पशु की संपूर्ण आहार की आवश्यकता का 20% अधिक दाना देना चाहिए.

पशुपालन वैज्ञानिक से जानें जरूरी टिप्स

उन्होंने कहा कि जनवरी के मौसम में काफी ठंड पड़ती है लेकिन फरवरी के महीने तक सावधान रहना पड़ता है . फरवरी के मौसम तक पशुओं को अच्छी मात्रा में पौष्टिक आहार खिलाना चाहिए. जिसमें सभी पौष्टिक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, जल, खनिज लवण एवं विटामिन उचित मात्रा में होना चाहिए. 

संस्थान के विशेषज्ञ डॉ शशिकांत ने बताया कि यह सभी पोषक तत्व हरे चारे जैसे- जाड़े में बरसीम, लूसर्न, जई में पाए जाते हैं. प्रोटीन और वसा की पूर्ति के लिए लगभग सभी प्रकार की खलिया तथा अनाज के दाने को पशु आहार में प्रयोग करना चाहिए. विटामिन तो हरे चारे से मिल जाती है लेकिन खनिज के लिए खड़िया गेहूं का चोकर या बाजार का प्रयोग करना चाहिए.

डायरिया और निमोनिया का संक्रमण

उन्होंने आगे बताया कि सर्दियों में नवजात बच्चों को बहुत देखभाल की आवश्यकता होती है.अगर इसमें लापरवाही बढ़ती गई तो डायरिया और निमोनिया का संक्रमण नवजात में बहुत तेजी से फैलता है. जिससे बच्चों की मृत्यु संभावित है. यह प्रभाव 30% से लेकर 50% तक हो सकता है. जिसमें दूध उत्पादन कम हो जाता है. अपने छोटे बच्चे ठंड की चपेट में आकर बीमार हो जाते हैं. कई बार उनकी मौत भी हो जाती है. ऐसी स्थिति में बच्चों के सुबह-शाम बोरी से ढक कर रखना चाहिए. वहीं डॉ. राजेश राय ने बताया कि किसान अपने पशुओं को स्वच्छ एवं ताजा पानी भरपूर मात्रा में पिलाए जिससे पशुओं में पानी की कमी न होने पाए.

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