यूपी की योगी सरकार ने Fish Farming से किसानों की आय को दोगुना करने के लिए 'राष्ट्रीय मात्स्यिकी आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो' (एनबीएफजीआर) के साथ तकनीकी सहयोग को लेकर एक अहम समझौता भी किया है. इसके अलावा विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी चिताला मछली का प्रदेश की सभी बड़ी नदियों और तालाबों में संवर्धन किया जाएगा. यूपी के मत्स्य पालन मंत्री डॉ संजय कुमार निषाद ने इस अभियान की शुरुआत करते हुए बताया कि बाजार में अच्छी कीमत दिलाने वाली पाब्दा और चिताला मछली के पालन को बढ़ावा दिया जाएगा. इससे मछली पालकों की आय में इजाफा करने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा.
यूपी में चिताला मछली को राज्य मीन का दर्जा प्राप्त है. सरकार इस बात को स्वीकार करती है कि फिलहाल यह मछली विलुप्ति की कगार पर है. इस मछली को राज्य की मुख्य नदियों में तथा मत्स्य पालकों द्वारा तालाबों में संवर्धन किये जाने को लेकर योगी सरकार ने खास योजना शुरू की है.
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रिवर रैंचिंग के माध्यम से नदियों को नाइट्रोजन युक्त प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए इनमें नदी को साफ करने वाली मछलियों का पालन किया जाता है. इससे नदी भी साफ होती है और मछली पालन से मछुआरों की आय में भी इजाफा होता है.
डाॅ निषाद ने बताया कि प्रदेश में मत्स्य पालन को अत्याधुनिक तकनीक से लैस करने की दिशा में तेज गति से काम हो रहा है. इस क्रम में योगी सरकार ने लखनऊ के बक्कास गांव में गोमती नदी में मत्स्य बीज उत्पादन केन्द्र यानी हैचरी को प्रदेश की पहली अत्याधुनिक मॉडल हैचरी के रूप में विकसित करने का काम शुरू कर दिया है.
डाॅ निषाद ने इस परियोजना के पहले चरण में होने वाले विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया. इसकी लागत लगभग 2 करोड़ रुपए प्रस्तावित है.
उन्होंने बताया कि हैचरी बनाने के पहले चरण में हाइब्रिड बाउंड्री वॉल, नलकूप की स्थापना, परिसर में पैकिंग शेड का निर्माण, मुख्य हैचरी के बाहर तथा पम्प हाउस के बाहर टीन शेड का निर्माण, कर्मचारियों के आवास निर्माण और अतिथि ग्रह एवं भण्डार कक्ष का जीर्णोद्धार किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि गोमती हैचरी के दूसरे चरण की परियोजना को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा गया है. इस चरण में 6 करोड़ रुपये की लागत से गोमती हैचरी में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत प्रदेश की कुल 5 हैचरियों में ये ट्रेनिंग सेंटर बनाए जाएंगे.
इनमें लखनऊ में गोमती हैचरी, अयोध्या में सरयू हैचरी, प्रयागराज में त्रिवेणी हैचरी, जालौन में कोंच हैचरी और मेरठ में परीक्षितगढ़ हैचरी में स्टेट ऑफ आर्ट पद्धति पर बनने वाले 'ट्रेनिंग कम डिमांस्ट्रेशन सेंटर' की स्थापना की जाएगी. इसके लिए 30.62 करोड़ रुपये का प्रस्ताव मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा जा चुका है.
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डाॅ निषाद ने बताया कि चिताला मछली के साथ ही प्रदेश में एनबीएफजीआर के सहयोग से पाब्दा मछली के पालन और संवर्धन के लिए भी तकनीकी का विकास किया जाएगा. यह मछली बाजार में बेहतर कीमत पर खरीदी जाती है.
इसका पालन बढ़ने से किसानों की आय दोगुना करने में सरकार को मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि बाजार में पाब्दा मछली की मांग को देखते हुए सरकार इसके संवर्धन को बढ़ावा देगी. एनबीएफजीआर के साथ किए गए एमओयू में पाब्दा के उत्पादन को बढ़ाने के उपायों को भी लागू करने को शामिल किया गया है.