Fish Farming: उत्तर प्रदेश के मछली पालकों के लिए अच्छी खबर है. इसी कड़ी में फिरोजाबाद जिले में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य पालन विभाग द्वारा किसानों को सरकारी तालाब का पट्टा आवंटन करने की योजना लेकर आई है. फिरोजाबाद मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी गौरव सिन्हा ने इंडिया टुडे के किसान तक से खास बातचीत में बताया कि अभी दो जगह की तिथियां घोषित हुई हैं. टूंडला की 31 जुलाई और सिरसागंज में 7 अगस्त 2024 को पट्टे की डेट जारी की गई है. उन्होंने बताया कि आवेदन करने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे. इसके लिए आवेदक के पास आवेदन के साथ-साथ मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और आय प्रमाण-पत्र होना चाहिए.
मत्स्य अधिकारी गौरव सिन्हा ने बताया कि ग्राम समाज के कई खाली पट्टे तालाब के होने हैं. वहीं आवेदकों को वरीयता देने के सवाल पर उन्होंने बताया कि मछुआ समुदाय (निषाद- कश्यप) के लोगों को पहली प्राथमिकता दी जाती है. वहीं दूसरी वरीयता पर एससी, एसटी, ओबीसी और सामान्य वर्ग की कैटेगरी निर्धारित होती है. इस योजना का लाभ लेने के लिए मत्स्य पालन विभाग से संपर्क कर अधिक जानकारी ले सकता हैं.
गौरव सिन्हा के मुताबिक, आवेदकों को ग्राम सामाज के तालाबों को 10 साल तक मछली पालने के लिए पट्टा आवंटन किया जाता है. जिन जिन तालाबों और पोखरों, गढ्ढों के लिए एक से अधिक आवंटन आएंगे, उन तालाबो, पोखरों का नीलामी के माध्यम से आवंटन किया जाएगा. इसके साथ ही नीलामी की दशा में अधिकतम बोली दाता को ¼ धनराशि तुरंत जमा करनी होगी. अगर वो ऐसा नहीं करता है, तो उसकी जमानत धनराशि राजकीय कोष में जमा कर दी जाएगी. 2 हेक्टेयर से बड़े तालाबों का पट्टा आवंटन मछुआ समुदाय की सहकारी समिति को किया जाएगा. तालाबों के आवंटन होने के बाद मछली पालन कर उससे अच्छी पैदावार कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत सामान्य श्रेणी के लोगों को व्यवसाय में आ रही लागत का 40% तक लाभ दिया जाता है. तो वहीं जो महिलाएं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखती है उन्हें 60% तक अनुदान दिया जाता है.
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में आवेदन देने के लिए योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://pmmsy.dof.gov.in/ पर जाना होगा. उसके बाद योजना के तहत लोगों करके उसमें जुड़ी गई सभी जानकारी दर्ज करनी होगी साथ ही संबंधित दस्तावेज भी अपलोड करने होंगे. इसके बाद योजना में लाभ लेने वाले आवेदक को एक डीपीआर तैयार करना होगा उसे अपने एप्लीकेशन के साथ जमा करना होगा. डीपीआर सक्सेसफुली एप्रूव्ड होने के बाद योजना का लाभ दिया जाएगा.
आपको बता दें कि योगी सरकार ने प्रदेश में मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए 2025 तक प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को बढ़ा दिया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत 190 करोड़ रुपये की लागत से एक्वा पार्क विकसित करने का भी एलान किया है. सरकार ने मछली पालकों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत अनुदान देने के लिए 310 करोड़ रुपये की बजट में व्यवस्था की है.