खेती-किसानी के साथ-साथ पशुपालन भी किसानों की जीविका का एक प्रमुख साधन है. इसलिए अधिकांश किसान अब पशुपालन भी करते हैं. इसके लिए सरकार आर्थिक तौर पर मदद भी देती है. नाबार्ड यानी राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक इसके लिए बड़ी योजना चलाता है. पशु खरीदी और डेयरी ईकाई स्थापित करने के लिए 5 लाख रुपये का लोन दिया जा रहा है. नई योजना के तहत यह राशि अब 12 लाख रुपये कर दी गई है. यही नहीं डेयरी यूनिट स्थापित करने के लिए अब 25 फीसदी मिलने वाली सब्सिडी को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है. जिससे कि अधिक से अधिक लोग पशुपालन से जुड़ें.
अब पशुपालन के लिए 12 लाख रुपये का लोन मिलेगा. जिसमें 50 प्रतिशत सब्सिडी भी मिलेगी. पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया जाएगा. ताकि डेयरी उद्योग को गति मिल सके. साथ ही पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में काम करने वाले किसानों को स्वरोजगार भी मिलेगा. इसकी घोषणा छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बुधवार को कामधेनु विश्वविद्यालय अंजोरा के दूसरे दीक्षांत समारोह में की.
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नाबार्ड पशुपालन लोन योजना के तहत कर्ज की राशि आवेदक को आवश्यकताओं के अनुसार निर्धारित की जाती है. पशु खरीदने की ऋण की राशि 50 हजार रुपये से 12 लाख रुपये तक होती है. डेयरी फार्मिंग के लिए ऋण की राशि दस लाख रुपये से पच्चीस लाख रुपये तक हो सकती है. जानकारों ने बताया कि नाबार्ड पशुपालन लोन योजना दो प्रकार से उपलब्ध है.
पहला पशु क्रय ऋण, जिसके तहत पशुओं की खरीद के लिए पैसा दिया जाता है. दूसरा डेयरी फार्मिंग के लिए मिलता है. जिसके तहत डेयरी फार्मिंग के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और उपकरणों की खरीद के लिए पैसा दिया जाता है.
नाबार्ड पशुपालन लोन योजना के तहत, ऋण की ब्याज दर 6.5 फीसदी से 9 फीसदी प्रति वर्ष तक है. ऋण लौटने की अवधि 10 वर्ष तक होती है. नाबार्ड पशुपालन लोन योजना के तहत, SC/ST आवेदकों को 33.33 फीसदी तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है. अन्य आवेदकों को 25 फीसदी तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है.
आवेदन पत्र
पहचान प्रमाण
आवेदक का पता प्रमाण पत्र
आवेदक का आय प्रमाण पत्र
पशुपालन व्यवसाय की प्लानिंग
आवेदन पत्र नाबार्ड की वेबसाइट या किसी भी नाबार्ड-प्रायोजित बैंक से प्राप्त किया जा सकता है.
आवेदन पत्र को संबंधित बैंक में जमा किया जाना चाहिए.
नाबार्ड पशुपालन लोन योजना का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार पैदा करना, डेयरी उद्योग को बढ़ावा देना और किसानों की आय बढ़ाना है. इसके तहत किसानों को कम ब्याज दरों पर पैसा मिल जाता है. ऋण लौटाने की अवधि 10 वर्ष होती है. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र का निवासी होना जरूरी है. साथ ही डेयरी फार्मिंग शुरू करने के लिए जमीन होनी चाहिए.
सबसे पहले आपको ये तय करना आवश्यक है कि आप किस प्रकार का डेयरी फॉर्म खोलना चाहते हैं. आप नाबार्ड योजना के तहत डेयरी फार्म की शुरुआत करना चाहते हैं तो इसके लिए जिले के नाबार्ड ऑफिस में जाईए. यदि छोटा डेयरी फॉर्म खोलना हैं तो अपने नजदीकी बैंक में जाकर जानकारी ले सकते हैं. बैंक में आपको सब्सिडी फॉर्म भर कर उसमें अप्लाई कर देना है. लोन की राशि बड़ी है तो प्रोजेक्ट रिपोर्ट जमा करनी होगी. इससे संबंधित और जानकारी के लिए आप नाबार्ड की हेल्पलाइन 022-26539895/96/99 पर संपर्क कर सकते हैं.
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