Childbed Fever: अक्टूबर में बच्चा देने वाली गाय-भैंस को बचाएं प्रसूति ज्वर से, अपनाएं ये उपाय 

Childbed Fever: अक्टूबर में बच्चा देने वाली गाय-भैंस को बचाएं प्रसूति ज्वर से, अपनाएं ये उपाय 

Animal Childbed Fever गाय-भैंस बच्चा जुलाई यानि मॉनसून में दे या सर्दी-गर्मी के मौसम में, प्रसुति ज्वर कभी भी हो सकता है. प्रसुति ज्वर हमेशा गाय-भैंस के बच्चा देने के बाद होता है. गाय-भैंस के बच्चा होने के दो से तीन दिन बाद आने वाले बुखार को प्रसुति ज्वर कहा जाता है. 25 फीसद मामलों में प्रसुति ज्वर दोबारा भी हो जाता है. 

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नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Oct 07, 2025,
  • Updated Oct 07, 2025, 1:27 PM IST

Animal Childbed Fever मौसम के हिसाब से प्लान होने वाले गाय-भैंस के बच्चे के लिए अक्टूबर का महीना सुराक्षि‍त माना जाता है. कड़ाके की सर्दियां शुरू होने से पहले पशुपालक सितम्बर से लेकर अक्टूबर तक गाय-भैंस से बच्चा ले लेते हैं. लेकिन इसके लिए ये भी जरूरी है कि बच्चा होने के दौरान गाय-भैंस को प्रसूति ज्वर से भी बचाया जाए. वैसे तो प्रसूति ज्वर किसी भी मौसम में हो सकता है, लेकिन हमेशा होता बच्चा होने के बाद ही है. इसका मौसम से कोई संबंध नहीं है. 

सेंट्रल बफैलो रिसर्च इंस्टीट्यूट (CIRB), हिसार हरियाणा के रिटायर्ड साइंटिस्ट डॉ. सज्जन सिंह ने किसान तक (Kisan Tak) को बताया कि जब भी गाय-भैंस बच्चा दे तो अलर्ट रहें. हालांकि देखा ये गया है कि कुछ पशुपालक बच्चा होने के बाद गाय-भैंस की देखभाल और खाने-पीने की तरफ से बेफ्रिक हो जाते हैं. जबकि ये तरीका गलत है. 

पशु को प्रसूति ज्वर है या नहीं ऐसे करें पहचान 

  1. रोगी पशु अत्ति संवेदनशील और बैचेन दिखाई देता है.
  2. पशु कमजोर हो जाता है और लड़खड़ाकर चलने लगता है.
  3. पशु खाना-पीना और जुगाली करना बंद कर देता है.
  4. मांसपेशियों में कमजोरी के कारण पशु कांपने लगता है. 
  5. पीड़ि‍त पशु बार-बार सिर हिलाने और रंभाने लगता है.

गाय-भैंस को प्रसूति ज्वर होते ही ऐसे करें इलाज

  • पशु में लक्षण दिखाई दें तो कैल्शियम बोरेग्लुकोट दवाई का इस्तेमाल करें. 
  • दवाई की 450 मिली लीटर की बोतल ब्लड की नस के रास्ते चढ़ानी चाहिए. 
  • दवाई धीरे-धीरे 10-20 बूंदे प्रति मिनट की दर से लगभग 20 मिनट में चढ़ानी चाहिए. 
  • पशु दवाई देने के 8-12 घंटे बाद उठ कर खुद खड़ा नहीं हो तो यही दवा दोबारा दे दें. 
  • 75 फीसद रोगी पशु इलाज के दो घंटे में ठीक हो जाते हैं.
  • इलाज के 24 घंटे तक रोगी पशु का दूध नहीं निकालना चाहिए. 

गाय-भैंस के बच्चा होने पर जरूर अपनाएं ये उपाय 

  1. पशु को बच्चा होने से पहले संतुलित आहार देना शुरू कर दें. 
  2. संतुलित आहार के लिए दाना-मिश्रण, हरा चारा और सूखा चारा दिया जा सकता है. 
  3. दाना मिश्रण में दो फीसद उच्च गुणवत्ता का खनिज लवण और एक फीसद साधारण नमक शामिल करें.

निष्कर्ष-

ये कोई जरूरी नहीं है कि बच्चा होने के दो-तीन दिन बाद ही ये बुखर हो. कई बार तो 15 दिन बाद भी पशु प्रसूति ज्वर से पीड़ि‍त हो जाते हैं. बफैलो साइंटिस्ट के मुताबिक जब भी गाय-भैंस बच्चा दे तो अलर्ट रहें. हालांकि कुछ पशुपालक बच्चा होने के बाद देखभाल और खाने-पीने की तरफ से बेफ्रिकक हो जाते हैं. 

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