License for Semen Sale प्रति पशु दूध उत्पादन बढ़ाने और दुधारू पशुओं की नस्ल सुधार के लिए कई सरकारी योजनाओं पर काम चल रहा है. पशुपालक इन योजनाओं का फायदा वीर्य खरीदकर भी उठाते हैं. कृत्रिम गर्भाधान में वीर्य का इस्तेमाल कर पशुओं की नस्ल सुधारी जा रही है. इन योजनाओं में केन्द्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी शामिल हैं. केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (सीआईआरबी), हिसार के रिटायर्ड प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. सज्जन सिंह ने किसान तक को बताया कि कृत्रिम गर्भाधान (एआई), सेक्स सॉर्टेट सीमन जैसी योजनाएं चलाकर नस्ल सुधार का काम किया जा रहा है. यही वजह है कि बाजार में अच्छे वीर्य की डिमांड बढ़ गई है.
लेकिन कुछ लोग वीर्य बेचने में भी धोखाधड़ी कर रहे हैं. जैसे वीर्य होता है किसी सामान्य बुल का और उसे किसी अच्छे नामी बुल का बताकर बेचा जाता है. इसी को देखते हुए सरकार ने वीर्य की बिक्री के लिए लाइसेंस का नियम लागू कर दिया है. इससे जहां पशुपालकों को अच्छी क्वालिटी का वीर्य मिलेगा वहीं वीर्य की बिक्री करने वाले भी लाइसेंस लेकर गारंटी के साथ वीर्य बिक्री कर सकते हैं. लाइसेंस लेने में किसी तरह की कोई परेशानी भी नहीं है.
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