पशुओं द्वारा पॉलीथिन खाना आज किसी एक राज्य की परेशानी नहीं है. लगभग हर राज्य में ये परेशानी दिन-बा-दिन बड़ी होती जा रही है. फर्क बस इतना है कि कहीं ये परेशानी छोटी तो कहीं बड़ी है. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो इसके लिए पूरी तरह से सिर्फ पशुओं की ही गलती नहीं है. इंसान भी बहुत हद तक जिम्मेदार हैं. पॉलीथिन खाने पर पशुओं की जान जाने से लेकर उत्पादन घटने तक का नुकसान हो रहा है. सड़क किनारे और मोहल्ले में कूड़े के ढेर पर यहां-वहां पड़ी पॉलीथिन पशुओं के लिए जानलेवा बन गई हैं.
खासतौर से गाय इसका शिकार हो रही हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि खासतौर पर गाय के पॉलीथिन खाने की कई वजह होती हैं. इसमे जो बड़ी वजह हैं वो शरीर में मिनरल्स की कमी, खुराक में संतुलित पशु आहार शामिल नहीं होने और पेट भरने के लिए पशुओं को छुट्टा छोड़ना है. लेकिन अगर पशुपालक को ये पता चल जाए कि उसकी गाय-भैंस पॉलीथिन खाती है और घर पर ही उसका इलाज संभव है तो फिर काफी हद तक नुकसान से बचा जा सकता है.
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पशु चारा खाने में दिलचस्पी नहीं ले रहा है.
पशु के दूध उत्पादन में लगातार गिरावट हो रही है.
पशु का वजन घट रहा है और ग्रोथ भी नहीं हो रही है.
पशु के पेट और कमर में दर्द रहता है.
पशु को लगातार गैस और दस्त की परेशानी होती है.
पशु का पेट दबाने पर कठोर महसूस होता है.
पॉलीथिन खाने पर पशु की आंतों में रुकावट आ जाती है.
शहर में पॉलीथिन का इस्तेमाल रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाएं.
कूड़ा, सब्जी और बचा हुआ खाना पॉलीथिन में बांधकर बाहर नहीं फेंकें.
पशुओं को उम्र और वजन के हिसाब से मिनरल्स जरूर खिलाएं.
पेट में पॉलीथिन ज्यादा हो तो रूमिनाटॉमी ऑपरेशन भी करवा सकते हैं.
एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक बहुत सी गायों के पेट में पॉलीथिन के बड़ी-बड़ी गांठ जमा हो जाती हैं. एक साथ इस गांठ को सिर्फ ऑपरेशन से ही निकाला जा सकता है. लेकिन घर पर बनाए घोल से धीरे-धीरे गांठ को गाय के पेट से निकाला जा सकता है. दवाई के असर से गांठ खुल जाती है और जब पशु जुगाली करता है तो ये एक-एक करके बाहर आ जाती है.
पॉलीथिन निकालने के लिए ऐसे बनाएं घोल.
100 ग्राम सरसों का तेल.
100 ग्राम तिल का तेल.
100 ग्राम नीम का तेल.
100 ग्राम अरण्डी का तेल.
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सभी तेल को मिलाकर 500 ग्राम गाय के दूध से बनी छांछ में डालें. इसमे 50 ग्राम फिटकरी, 50 ग्राम सेंधा नमक पीस कर डालें. 25 ग्राम साबुत राई भी मिला लें. यह घोल तीन दिन तक पिलाएं और साथ में हरा चारा भी दें. ऐसा करने से गाय जुगाली करते समय मुहं से पॉलीथिन निकालने लगती है.