Fisheries: क्या है मछलियों का एंटीबायोटिक, कैसे करते हैं इस्तेमाल, फायदे-नुकसान भी जानिए

Fisheries: क्या है मछलियों का एंटीबायोटिक, कैसे करते हैं इस्तेमाल, फायदे-नुकसान भी जानिए

एंटीबायोटिक प्राकृतिक या सिंथेटिक होते हैं. वहीं मछली पालन में एंटीबायोटिक मुख्य रूप से संक्रमण से बचने और मछली उत्पादन को बढ़ाने का काम करता है. यह मछली के आहार में मुख्य रूप से पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाने का काम करता है.

क्या है मछलियों का एंटीबायोटिक
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Mar 22, 2024,
  • Updated Mar 22, 2024, 2:33 PM IST

देश में कई राज्यों के किसान अब खेती के साथ-साथ बड़े स्तर पर मछली पालन की ओर कदम बढ़ा रहे हैं. इससे किसानों की अच्छी आमदनी हो रही है. वहीं, केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से भी मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी मुहैया कराई जा रही है. लेकिन सवाल उठता है, जब तक किसानों के पास मछली पालन से जुड़ी जरूरी जानकारी नहीं होगी, वो सही तरह से मछली पालन नहीं कर सकते हैं. ऐसे में किसानों को मछली पालन में आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. इससे बचने के लिए किसानों को मछली पालन में एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करना चाहिए. आइए जान लेते हैं कि क्या है मछलियों का एंटीबायोटिक और कैसे कर सकते हैं इसका इस्तेमाल, फायदे-नुकसान भी जानिए.

क्या है मछलियों का एंटीबायोटिक

एंटीबायोटिक प्राकृतिक या सिंथेटिक होते हैं. वहीं मछली पालन में एंटीबायोटिक मुख्य रूप से संक्रमण से बचने और मछली उत्पादन को बढ़ाने का काम करता है. यह मछली के आहार में मुख्य रूप से पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाने का काम करता है. इसके इस्तेमाल से मछली पालक को लागत और रखरखाव में कटौती होती है. वहीं मछलियों को उनके आहार के अलावा कभी-कभी घोल में या इंजेक्शन के द्वारा एंटीबायोटिक देना चाहिए.

ये भी पढ़ें:- Wheat: ऐसे करें मड़ाई तो नहीं टूटेंगे गेहूं के दाने, थ्रेशिंग में इन 10 बातों का ध्यान रखना जरूरी

एंटीबायोटिक का कैसे करें इस्तेमाल

जलीय कृषि उद्योग यानी मछली पालन में तेजी से विकास और महत्व को ध्यान में रखते हुए एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग को बढ़ाया जा रहा है. इसका उपयोग मछली पालन में करने से किसानों को काफी लाभ हो सकता है. एंटीबायोटिक का उपयोग करने से मछली अगर रोग मुक्त जीव खा लेती है तो भी पच जाता है. इसका इस्तेमाल मछली पालक आहार के अलावा घोल में या इंजेक्शन के द्वारा भी कर सकते हैं.

एंटीबायोटिक के फायदे और नुकसान

एंटीबायोटिक का उपयोग  रोगजनक समस्याओं को खत्म करने के लिए किया जाता है, जैसे क्लोरैम्फेनिकॉल, ऑक्सीटेट्रासाइक्लिन और एरिथ्रोमाइसिन का उपयोग जीवाणु रोगों और कुछ हद तक परजीवी रोगों के इलाज के लिए किया जाता है. साथ ही मछली पालन में एंटीबायोटिक के कुछ नुकसान भी हैं. इसमें जिन मछलियों को एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल के साथ पाला जा रहा है. उन मछलियों में एंटी-माइक्रोबियल बैक्टीरिया बढ़ने का खतरा होता है. इन मछलियों को खाने से इंसानों को भारी नुकसान हो सकता है. यही कारण है कि एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग के चलते अमेरिका ने 2019 में भारतीय झींगा मछलियों की खेप वापस कर दी थी.

MORE NEWS

Read more!