Gokul award: प्रदेश में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले 145 दुग्ध उत्पादक हुए पुरस्कृत

Gokul award: प्रदेश में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले 145 दुग्ध उत्पादक हुए पुरस्कृत

उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले 145 किसानों को उत्तर प्रदेश सरकार के पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग की तरफ से पुरस्कृत किया गया. प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने आज इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित समारोह में 2020-21 के 53 2021-22 के 59 दुग्ध उत्पादकों को गोकुल पुरस्कार से सम्मानित किया.

दुग्ध उत्पादन करने वाले 145 दुग्ध उत्पादक हुए पुरस्कृतदुग्ध उत्पादन करने वाले 145 दुग्ध उत्पादक हुए पुरस्कृत
धर्मेंद्र सिंह
  • lucknow ,
  • Apr 11, 2023,
  • Updated Apr 11, 2023, 3:25 PM IST

उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले 145 किसानों को उत्तर प्रदेश सरकार के पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग की तरफ से पुरस्कृत किया गया. प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने आज इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित समारोह में 2020-21 के 53 2021-22 के 59 दुग्ध उत्पादकों को गोकुल पुरस्कार( Gokul award)  से सम्मानित किया. वहीं वर्ष 2021-22 के 33 जनपद स्तरीय दुग्ध उत्पादकों को नंदबाबा पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया. प्रदेश में गोकुल पुरस्कार के अंतर्गत लखीमपुर खीरी जनपद की बेलवा मोती समिति के वरुण सिंह को प्रथम पुरस्कार दिया गया. वही बदायूं के रहने वाले कुमार डांडा दुग्ध समिति के हरविलास सिंह को  द्वितीय पुरस्कार से नवाजा गया. इन दोनों दुग्ध उत्पादकों को वर्ष 2020-21 वर्ष 2021-22 में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने के लिए सम्मानित किया गया है. वहीं नंदबाबा पुरस्कार के तहत मथुरा निवासी भूड़ासानी दुग्ध समिति के हरेंद्र सिंह को राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. प्रदेश में 33 महिला लाभार्थियों को भी पुरस्कार प्राप्त हुआ है जो दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में भूमिका निभा रही हैं. 

गाय आर्थिक स्वालंबन का है आधार

उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने गोकुल पुरस्कार वितरण कार्यक्रम ने कहा की पुरस्कार एक विधा है और हमारी प्राचीन सभ्यता का हिस्सा भी है. गाय ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्वावलंबन का आधार है. देसी गायों के नस्ल के संरक्षण को प्रोत्साहित किया जा रहा है. ब्रिडिंग में भी बदलाव कर दो किलो दूध वाली देसी गाय 20 किलो दूध देगी ऐसा प्रयास बरेली में किया जा रहा है. पराग में पशुपालकों के सहयोग की बहुत आवश्यकता है. सरकार दुग्ध उत्पादकों को समयबद्ध भुगतान भी सुनिश्चित कराएगी.

दुग्ध सहकारिता से बढ़ रही है किसानों की आय

उत्तर प्रदेश के पशुधन विकास एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने दुग्ध सहकारिता से पशुपालन एवं दुग्ध व्यवसाय को कृषि सहयोगी व्यवसाय के रूप में अपनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा 70 से 80% भूमिहीन, लघु एवं सीमांत कृषकों की सहभागिता इस व्यवसाय में है. वर्तमान में दुग्ध व्यवसाय शहरी एवं ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार को सशक्त माध्यम बन चुका है. किसानों और पशुपालकों की आय दुगना करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में बड़ी भूमिका का निर्वहन कर रहा है. पशुपालन मंत्री ने कहा दूध प्रोसेसिंग की कमियों को दूर करने किसानों को प्रशिक्षण देने दुग्ध उत्पादन में नई तकनीक व नई जानकारी देने का कार्य भी विभाग के द्वारा किया जा रहा है जिससे प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि होगी.

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दुग्ध उत्पादन में उत्तर प्रदेश है प्रथम

अपर मुख्य सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास डॉ रजनीश दुबे ने कहा उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर है.  प्रति पशु उत्पादकता को बढ़ाने की दिशा में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता भी है. प्रदेश में कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम का लाभ एवं तथा तकनीकी निवेश की सुविधा दुग्ध उत्पादकों को उनके द्वार पर ही उपलब्ध कराई जा रही है. पशु प्रजनन, पोषण प्रबंधन का प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जा रहा है. मोबाइल वेटरनरी यूनिट द्वारा पशुओं की त्वरित चिकित्सा की व्यवस्था को सुनिश्चित किया गया है. उन्होंने कहा कि दुग्ध विकास विभाग को 33000 करोड रुपए के निवेश प्राप्त हुए हैं. उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति 2022 के अंतर्गत प्रदेश में स्थापित होने वाले दुग्ध उद्योग की इकाइयों को वित्तीय अनुदान ,रियायत एवं अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जा रही है जिससे प्रदेश का दुग्ध विकास कार्यक्रम नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकेगा.

गोकुल पुरस्कार और नंद बाबा पुरस्कार में क्या है फर्क

प्रदेश में सहकारिता के माध्यम से दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2001-02 में प्रदेश सरकार द्वारा गोकुल पुरस्कार वितरण की व्यवस्था को प्रारंभ किया गया. प्रत्येक जिले में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले एक दुग्ध उत्पादक को नगद पुरस्कार के साथ-साथ पीतल धातु पर गाय के साथ दूध पीता हुआ बछड़ा व श्री कृष्ण की मूर्ति प्रतीक चिन्ह के रूप में प्रदान की जाती है जिसमें प्रदेश स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले किसान को ₹2 लाख , द्वितीय स्थान पर आने वाले किसान को डेढ़ लाख एवं जिला स्तर पर ₹51000 की पुरस्कार धनराशि प्रदान की जाती है. 

2018 में भारतीय गोवंश में  गाय के दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में सर्वाधिक दुग्ध  उत्पादक दुग्ध समिति को देने वाले  प्रदेश स्तरीय, जनपद में जिला स्तरीय, विकासखंड में विकासखंड स्तरीय नंदबाबा पुरस्कार का शुभारंभ किया गया. पुरस्कार स्वरूप पीतल धातु से निर्मित भारतीय गोवंश की गाय के साथ दूध पीता हुआ बछड़ा, नंद बाबा की मूर्ति प्रतीक चिन्ह एवं प्रमाण पत्र के साथ विकासखंड स्तर पर 5100, जनपद स्तर पर 21,000 और राज्य स्तर पर ₹51000 की धनराशि प्रदान की जाती है.

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