Animal Care: ये 10 काम किए तो हीट स्ट्रैस और डिहाईड्रेशन से बचे रहेंगे गाय-भैंस और भेड़-बकरी

Animal Care: ये 10 काम किए तो हीट स्ट्रैस और डिहाईड्रेशन से बचे रहेंगे गाय-भैंस और भेड़-बकरी

गर्मी के मौसम में पशुओं के लिए साफ और ताजा पानी पीना क्यों जरूरी है, पानी ना पीने पर किस तरह की परेशानी हो सकती है, उसके लक्षण क्या हैं और परेशानी होने पर किस तरह के नुकसान उठाने पड़ सकते हैं. अगर पानी का ख्याल रखा जाए तो पशु को बीमार होने और उत्पादन कम होने से रोका जा सकता है.  

गर्मियों में पशुओं को लू से कैसे बचाएं?गर्मियों में पशुओं को लू से कैसे बचाएं?
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Apr 10, 2025,
  • Updated Apr 10, 2025, 12:19 PM IST

अभी आधा अप्रैल ही बीता है और गर्म हवाएं चलना शुरू हो गई हैं. धूप में भी तेजी महसूस की जा रही हैं. मई आते-आते तापमान 45 डिग्री को भी पार कर जाता है. लू वाली तेज गर्म हवाएं चलने लगती हैं. ऐसे में इंसान ही नहीं पशुओं को भी हीट स्ट्रैस और डिहाइड्रेशन के चलते खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसके चलते पशुपालकों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ता है. कई बार तो हीट स्ट्रैस और डिहाइड्रेशन के चलते पशुओं की मौत तक हो जाती है. लेकिन, सिर्फ पानी पिलाकर पशुओं की इन दो बड़ी परेशानियों को कंट्रोल किया जा सकता है. 

लेकिन उसके लिए जरूरी है कि पानी कब, कैसा और किस तरह से पिलाया जाए. अगर एनिमल एक्सपर्ट की सलाह पर पानी पिलाने के तरीकों पर गौर किया तो पशुओं का दूध उत्पादन भी कम नहीं होगा और पशुओं के बीमार पड़ने पर इलाज में पैसा भी खर्च नहीं करना पड़ेगा. एक्सपर्ट की मानें तो गर्मियों में पानी की कमी के चलते पशुओं को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है.  

पशुओं के लिए आस से ही शुरू कर दें ये 10 काम 

  • पशुओं को बार-बार पानी पिलाते रहें. 
  • जहां तक मुमकिन हो पशुओं को ताजा-ठंडा पानी पिलाएं.
  • पशुओं के शरीर पर दिन में कम से कम तीन बार पानी का छिड़काव करें. 
  • पशुओं को सूखी तूड़ी 30 फीसद और हरा चारा 70 फीसद तक खिलाएं. 
  • ताजा तूड़ी खिलाने से पहले उसे भिगो लें. शाम को भिगोकर रखी गई तूड़ी सुबह खिलाएं. 
  • पशु के सामने हमेशा नमक की ढेली रखें, इसे चाटने से प्यास लगती है. 
  • गर्मी के मौसम में पशुओं को सुबह-शाम नहलाएं जरूर. 
  • जहां पशु बांधे जाते हैं वहां भी पानी का छिड़काव करें. 
  • दोपहर के वक्त पशुओं को छायादार जगह पर बांधना चाहिए. 
  • पानी की कमी होने पर पशु को नमक-चीनी का घोल पिलाएं.

पशुओं में पानी की कमी को ऐसे पहचानें

जब पशुओं में पानी की कमी हो जाती है तो कई तरह के लक्षण से इसे पहचाना जा सकता है. जैसे पशुओं को भूख नहीं लगती है. सुस्ती और कमजोर हो जाना. पेशाव गाढ़ा होना, वजन कम होना, आंखें सूख जाती हैं, चमड़ी सूखी और खुरदरी हो जाती है और पशुओं का दूध उत्पादन भी कम हो जाता है. और सबसे बड़ी पहचान ये है कि जब हम पशु की चमढ़ी को उंगलियों से पकड़कर ऊपर उठाते हैं तो वो थोड़ी देर से अपनी जगह पर वापस आती है. 

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