Animal Care: 7 महीने की गर्भवती गाय-भैंस की खास देखभाल के लिए बनाए गए हैं ये उपाय, ऐसे करें पालन 

Animal Care: 7 महीने की गर्भवती गाय-भैंस की खास देखभाल के लिए बनाए गए हैं ये उपाय, ऐसे करें पालन 

Pregnant Animal Care गर्भवती भैंस के लिए अच्छा खानपान इसलिए जरूरी हो जाता है कि एक तो उसके गर्भ में बच्चा पल रहा होता है, दूसरे बच्चा देने के बाद उसे दूध भी देना है. वैसे तो एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि उत्पादन कर रहा हो या नहीं, लेकिन उसे जीवन निर्वाह के लिए भी अच्छी खुराक की जरूरत होती है. और जब ये पता चल जाए कि भैंस गर्भवती है तो उसकी खुराक बदल दें. 

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नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Oct 10, 2025,
  • Updated Oct 10, 2025, 3:20 PM IST

Pregnant Animal Care गाय-भैंस उत्पादन कर रही हो या नहीं, उसे दिनभर खाने के लिए खुराक तो चाहिए ही चाहिए. ये बात अलग है कि एक्सपर्ट के मुताबिक सभी की खुराक अलग-अलग होती है. जैसे दूध उत्पादन करने वाले पशु की खुराक अलग होती है. गाय-भैंस गर्भवती हो तो अलग तरह की खुराक होगी. इतना ही नहीं जो पशु किसी भी तरह का उत्पादन नहीं कर रहा हो तो उसके लिए भी खास तरह की खुराक तय की जाती है. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि पशु उत्पादन कर रहा हो या नहीं, लेकिन उसे जीवन निर्वाह के लिए भी अच्छी खुराक की जरूरत होती है. लेकिन, जिस दिन ये बात पता चल जाए कि गाय-भैंस गर्भवती हो गई है तो उसकी सामान्य खुराक को बदल देना चाहिए. 

जीवन निर्वाह वाली खुराक की जगह गर्भवती पशु वाली खुराक शुरू कर देनी चाहिए. भैंस का गर्भकाल 310 से 315 दिन का होता है. लेकिन 310 में से भी आखि‍र के तीन महीने गर्भवती भैंस के लिए बहुत ज्यादा खास होते हैं. अगर गर्भकाल के दौरान भैंस की अच्छी तरह से देखभाल की तो भैंस हेल्दी बच्चा देगी. इतना ही नहीं बच्चा देने वाली गाय-भैंस भी तंदुरुस्त रहेगी और भरपूर दूध भी देगी. 

ऐसे पता चलता है गाय-भैंस के गर्भवती होने का

हर 21 दिन बाद भैंस हीट में आती है. और जब दोबारा से भैंस हीट में न आए तो समझ जाएं कि भैंस कितने दिन के गर्भ से है. पशु चिकित्सक से भी भैंस के गर्भ की जांच करा सकते हैं. और जब ये पक्का हो जाए कि भैंस गर्भ से है तो उनकी तीन तरह से देखभाल शुरू कर दें. गर्भवती भैंस के लिए अच्छा खानपान इसलिए जरूरी हो जाता है कि एक तो उसके गर्भ में बच्चा पल रहा होता है, दूसरे बच्चा देने के बाद उसे दूध भी देना है. इसलिए उसे बहुत सारे पोषक तत्वों  की जरूरत होती है. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो खासतौर पर आखिरी के तीन महीने आठवां, नौंवा और दसवें में. अगर ऐसे वक्त में खानपान में कोई कमी रह जाती है तो भैंस को कई तरह की परेशानी हो सकती हैं. 

गाय-भैंस की खुराक कम हुई होने लगेंगी ये परेशानी 

  • खानपान की कमी से बच्चा कमजोर, अंधा पैदा हो सकता है. 
  • बच्चा देने के बाद भैंस को मिल्क फीवर हो सकता है.
  • भैंस फूल दिखा सकती है और जेर भी रूक सकती है.
  • पौष्टिूक खुराक नहीं है तो भैंस की बच्चेदानी में मवाद पड़ सकता है. 
  • भैंस द्वारा बच्चा देने के बाद दूध उत्पादन घट सकता है.

गर्भवती भैंस के लिए ऐसे तैयार करें शेड 

  • आठवें महीने के बाद से भैंस को दूसरे पशुओं से अलग रखना चाहिए. 
  • भैंस का बाड़ा उबड़-खाबड़ तथा फिसलन वाला नहीं होना चाहिए.
  • बाड़ा हवादार और भैंस को सर्दी, गर्मी और बरसात से बचाने वाला हो.
  • बाड़े में रेत-मिट्टी का कच्चा फर्श हो और सीलन न हो.  
  • ताजा पीने के पानी का इंतजाम होना चाहिए.

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