Sahiwal Cow Dairy Farming: साहिवाल गाय को किसान व्यावसायिक रूप से पालन करना अधिक पसंद करते हैं, क्योंकि साहिवाल गाय काफी अधिक मात्रा में दूध का उत्पादन करती है. वहीं साहिवाल गाय का पालन ज्यादातर उत्तर भारत में किया जाता है. अगर इस गाय की उत्पत्ति स्थान की बात करें तो पाकिस्तान में साहीवाल जिले से उत्पन्न मानी जाती है. गौरतलब है कि कई दशकों तक साहिवाल गाय सिर्फ पंजाब में ही पाली जाती थी, लेकिन समय के साथ और इस गाय की दूध की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए अब देशभर के किसान पालन कर रहे हैं. साहिवाल गाय औसतन 10 से 20 लीटर देती है. हालांकि, अच्छी तरह देखभाल करने पर यह गाय 40-50 लीटर दूध भी दे सकती है.
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, साहिवाल नस्ल की गाय का दूध काफी हेल्दी होता है जिसके सेवन से शरीर का रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाता है. वहीं, साहिवाल नस्ल की गाय का दूध अन्य नस्लों की तुलना में काफी महंगा भी बिकता है. ऐसे में आइए आज जानते हैं साहिवाल गाय की पहचान कैसे करें? साहिवाल गाय की कीमत और साहिवाल गाय की विशेषताएं-
• शरीर का रंग लाल-भूरा, आकार मध्यम, टांगे छोटी और सिर चौड़ा होता है.
• कुछ गायों के शरीर पर सफेद चमकदार धब्बे भी होते हैं.
• छोटे और भारी सींग, गर्दन के नीचे लटकती हुई भारी चमड़ी होती है.
• पूंछ पतली और छोटी होती है.
• इस नस्ल के बैल सुस्त और काम में धीमे होते हैं.
• नर साहिवाल के पीठ पर बड़ा कूबड़ होता है व इसकी ऊंचाई 136 सेमी के आसपास होती है.
• मादा साहिवाल की ऊंचाई 120 सेमी के आसपास होती है.
• नर गाय का वजन 450 से 500 किलो और मादा गाय का वजन 400-500 किलो तक होता है.
• साहीवाल गाय 10-12 माह तक दूध देती है.
• इस गाय में रोजाना 10 से 20 लीटर दूध देने की क्षमता होती है.
• साहीवाल गाय के दूध में प्रोटीन और वसा की मात्रा अधिक पाया जाता है.
• यह गाय पहली बार 32-36 महीने में बच्चे को जन्म देती है.
• देसी नस्ल की गाय होने की वजह से रख-रखाव और चारा में अधिक खर्च नहीं करना पड़ता है.
• इस गाय में गर्मी सहने की क्षमता अधिक होती है, जिस वजह से यह गर्म इलाकों में आसानी से रह लेती है.
• यह नस्ल रोग प्रतिरोधी होती है, जिस वजह से इनके पालन में दिक्कत नहीं होती है.
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साहिवाल गाय को भी कई तरह के रोग और बीमारियां होती हैं जिनमें पाचन से संबंधित बीमारियों में सादी बदहजमी, तेजाबी बदहजमी, खारी बदहजमी, कब्ज, अफारे, मोक/मरोड़/खूनी दस्त और पीलिया आदि शामिल हैं. वहीं रोग में तिल्ली रोग (एंथ्रैक्स), एनाप्लाज़मोसिस, अनीमिया, मुंह-खुर रोग, निमोनिया, डायरिया, थनैला रोग, पैरों का गलना और दाद आदि शामिल है.
आमतौर पर गायों की कीमत दूध देने की अवधि और दूध देने की क्षमता के आधार पर तय किया जाता है. वहीं, साहिवाल गाय की कीमत/Sahiwal Cow Price भारत के कुछ राज्यों में 40 से एक लाख रूपए तक है. वहीं कुछ राज्यों में गाय की कीमत कम या ज्यादा भी हो सकती है.