प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) मछली पालक और मछुआरों के लिए फायदेमंद योजना साबित हो रही है. नीली क्रांति लाने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश किए जा रहे हैं. ये कहना है मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय का. 29 जुलाई को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में ये बात कही है. मंत्रालय का कहना है कि इस योजना में अन्य बातों के साथ-साथ मछुआरों और मछली पालक किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं की रूपरेखा तय की गई है. वहीं कई ऐसी योजनाएं हैं जो अभी भी चलाई जा रही हैं.
प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना के फायदे क्या हैं
- ग्रुप एक्सीडेंटल इंश्योरेंस कवरेज के तहत 18 से 70 साल की उम्र के लोगो के लिए मृत्यु या स्थायी पूर्ण शारीरिक विकलांगता पर पांच लाख रुपए, स्थायी आंशिक शारीरिक विकलांगता पर ढाई लाख रुपए और अस्पताल में भर्ती होने पर 25 हजार रुपए की मदद.
- मात्स्यिकी संसाधनों के संरक्षण के तहत सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े सक्रिय पारंपरिक मछुआरा परिवारों के 18 से 60 साल की उम्र के लिए जीवन भरण पोषण संबंधी मदद. ये मदद मछली पकड़ने पर प्रतिबंध के दौरान तीन महीने के लिए प्रति मछुआरा 3000 रुपए दिए जाते हैं. इसमें लाभार्थियों का अपना अंशदान 1500 रुपए होता है.
- सभी तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक लाख फिशिंग वेसल्स पर 364 करोड़ रुपए से ट्रांसपोंडर लगाए गए हैं. जिससे मछुआरों को समुद्र में किसी भी आपात स्थिति में टू वे कम्युनिकेशन की सुविधा मिल सके.
- फिशिंग वेसल्स के लिए बीमा मदद दी जा रही है.
- जाल और नाव की रीप्लेसमेंट और डीप सी फिशिंग के लिए मदद दी जा रही है.
- 2018-19 से किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से मछुआरों और मछली पालक किसानों को जोड़ा गया है.
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन की सीमा को दो लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया है.
- अभी तक मछुआरों और मछली पालक किसानों को 3214 करोड़ रुपए के साथ पौने पांच लाख कार्ड जारी किए गए हैं.
- पीएमएमएसवाई पोस्ट हॉर्वेस्ट नुकसान को कम करने और इनकम बढ़ाने के लिए फिशिंग हारबर्स, फिश लैंडिंग सेन्टर्स, कोल्ड चेन और मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास, ट्रेनिंग, कौशल विकास और मात्स्यिकी सहकारी समितियों, फिश फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (FFPO) के गठन के लिए मदद दी जाती है.
- PMMSY तटीय मछुआरा समुदायों के लिए स्थाई (सस्टेनेबल) जीवन भरण-पोषण के मौके देता है. मात्स्यिकी मूल्य श्रृंखलाओं में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए तय संसाधनों के स्थाई प्रबंधन की दिशा में जलवायु अनुकुल तटीय मछुआरा गांव (क्लाइमेट रेसीलिएन्ट कोस्टल फिशरमैन विलेजस) और मॉडल कोस्टल फिशिंग विलेजस के विकास को कार्यान्वित करते हुए सीवीड फार्मिंग, ओरनामेंटल फिशरीस और मेरीकल्चर के माध्यम से वैविध्य को बढ़ावा देता है.
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