Milk Production: लंपी रोग से देश के मिल्क प्रोडक्शन पर बुरा असर, 2022-23 में उत्पादन दर 2 फीसदी गिरी 

Milk Production: लंपी रोग से देश के मिल्क प्रोडक्शन पर बुरा असर, 2022-23 में उत्पादन दर 2 फीसदी गिरी 

मवेशियों के लिए मुसीबत का कारण बना लंपी रोग से देश का दूध उत्पादन 2022-23 में 2 फीसदी तक घट गया है. वहीं, थ्रिप्स रोग की वजह से कुल मिर्च उत्पादन भी घट गया है.

Lumpy disease impacts milk productionLumpy disease impacts milk production
रिजवान नूर खान
  • New Delhi,
  • Dec 21, 2023,
  • Updated Dec 21, 2023, 12:15 PM IST

मवेशियों के लिए मुसीबत का कारण बना लंपी स्किन रोग देश के दूध उत्पादन को प्रभावित किया है. लंपी रोग के प्रकोप के चलते दुधारू पशुओं के दूध की मात्रा घट गई, जिसके चलते 2022-23 में देश में दूध उत्पादन दर धीमी होकर 2 फीसदी तक गिर गई है.वहीं, थ्रिप्स रोग की वजह से मिर्च की फसल को काफी नुकसान हुआ है, जिसके चलते देश का कुल मिर्च उत्पादन भी घट गया है. सरकार ने बीते दिन लोकसभा में आंकड़े बताए हैं. 

10 माह में 1.80 लाख से ज्यादा पशुओं की मौत 

वित्त वर्ष 2022-23 में लंपी रोग के प्रकोप से बड़े पैमाने पर मवेशी चपेट में आए हैं. रिपोर्ट के अनुसार मई 2022 से मार्च 2023 तक लंपी रोग की वजह से 1.86 लाख से ज्यादा पशुओं की मौत हुई और 32.80 लाख से अधिक पशु रोग से ग्रस्त हुए. बता दें कि लंपी रोग त्वचा रोग है और इससे पीड़ित पशु के शरीब में गांठ बन जाती है, जिससे पशु को बुखार आने लगता है. यह रोग इतना खतरना है कि पशु की मौत भी हो सकती है. लंपी रोग की चपेट में आने से दुधारु पशुओं की दूध मात्रा पर बुरा असर पड़ा, जिसके चलते देश का कुल दूध उत्पादन भी घट गया है. 

दूध उत्पादन दर करीब 2 फीसदी नीचे खिसकी 

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने लोकसभा में लिखित जवाब में बताया कि देश में दूध उत्पादन की वार्षिक वृद्धि दर 2021-22 में 5.77 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 3.83 प्रतिशत हो गई है. उन्होंने कहा कि 2022-23 में दूध उत्पादन की धीमी वृद्धि के पीछे लंपी रोग मुख्य कारण था. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन की ओर से जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि भारत दुनिया में दूध के सबसे बड़े उत्पादक की स्थिति बरकरार रखता है.

थ्रिप्स रोग ने मिर्च का उत्पादन घटाया 

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने बताया कि 2021-22 फसल सीजन में मिर्च की फसल थ्रिप्स रोग से बुरी तरह प्रभावित हुई थी. उन्होंने कहा कि इससे फसल को काफी नुकसान हुआ, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर मिर्च का उत्पादन 2020-21 में 20.49 लाख टन से घटकर 2021-22 में 18.36 लाख टन रह गया. उन्होंने कहा कि फसल पर रोग का असर सबसे ज्यादा आंध्र प्रदेश में था. इसके चलते पिछले वर्ष के उत्पादन 7.97 लाख टन से घटकर 2021-22 में 4.18 लाख टन हो गया. आंध्र प्रदेश में मिर्च उत्पादन 2021-22 में 4-5 टन प्रति हेक्टेयर की औसत वार्षिक उत्पादन से घटकर 1.86 टन प्रति हेक्टेयर हो गई. 
 

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