मखाना एक जलीय फसल है. जिसकी खेती तालाबों और झीलों में की जाती है. बात जब भी मखाना की खेती की होती है तो मिथिला न नाम सबसे पहले आता है. बिहार के मिथिला राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में बढ़ती मांग के कारण मखाने की खेती नकदी फसल के रूप में की जाती है. आज के समय में मखाने का इस्तेमाल ना सिर्फ ड्राइ फ्रूट बल्कि अन्य उत्पादों में भी किया जाने लगा है. जिस वजह से इसकी मांग में और बढ़त देखि जा रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मखाने का इस्तेमाल बनारसी साड़ी बनाने में भी किया जाता है? जी हाँ आपने सही सुना जिस मखाने का इस्तेमाल अब तक खाने के लिए किया जाता है अब उसका इस्तेमाल अन्य चीजों में भी किया जाता है जैसे कि साड़ी बनाने में. इसके अलावा दुधारू पशुओं के चारे में भी मखाने का इस्तेमाल किया जाता है.
मखाने के बीज में बहुत अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है. इसमें एक खास बात यह है कि इसके खसखस में उच्च गुणवत्ता वाला स्टार्च पाया जाता है जिसके कारण इसका उपयोग उच्च गुणवत्ता वाले कपड़ों जैसे बनारसी साड़ियों और सूती कपड़ों की कोटिंग में किया जाता है.
ये भी पढ़ें: कौन सा देश सबसे अधिक खरीदता है भारत का मखाना, देखें टॉप 5 देशों की लिस्ट
मखाना से अन्य उत्पादों को तैयार करने के बाद उससे प्राप्त भूसी को वेस्ट पदार्थ माना जाता है. मखाना की भूसी में पॉप्ड मखाना का 4.98-5.46% हिस्सा होता है. मखाने से प्राप्त चोकर में 89.2% शुष्क पदार्थ, 7.1% प्रोटीन, 0.62% वसा तथा 94.4% कार्बनिक पदार्थ होते हैं. यह देखा गया है कि मखाने की भूसी सांद्रित पोल्ट्री फ़ीड (भोजन) का 6% हिस्सा बनाती है. इसी प्रकार, बकरी और अन्य दुधारू पशुओं के कच्चे भोजन का 40% हिस्सा मखाने की भूसी से बदला जा सकता है. मखाना की भूसी खिलाने से पक्षियों और पशुओं की शारीरिक वृद्धि, दूध उत्पादकता और पोषक तत्व में वृद्धि होती है.
वजन प्रबंधन: पोषण मूल्य से भरपूर होने के कारण, मखाना स्वस्थ वजन बनाए रखने और किसी के आहार में मूल्य जोड़ने में मदद कर सकता है. इसके अतिरिक्त, इसमें कोलेस्ट्रॉल और वसा कम होता है, जो इसे वजन घटाने के लिए फायदेमंद बनाता है.
किडनी को रखे स्वस्थ्य: मखाना एक विषहरण एजेंट के रूप में कार्य करता है, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और प्लीहा को साफ करता है, जो रक्त कोशिकाओं को हटाने के लिए जिम्मेदार है. यह किडनी के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में योगदान देता है, क्योंकि यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करके रक्त प्रवाह और पेशाब को नियंत्रित करने में मदद करता है.