Maize: इस एक लेटर से पोल्ट्री सेक्टर में छाई खुशी, कारोबारी बोले हमें सरकार से यही उम्मीद थी

Maize: इस एक लेटर से पोल्ट्री सेक्टर में छाई खुशी, कारोबारी बोले हमें सरकार से यही उम्मीद थी

देश में मक्का का इस्तेमाल फूड, फीड और फ्यूल तीनों ही सेक्टर में हो रहा है. यही वजह है कि मक्का की डिमांड बढ़ गई है. पोल्ट्री और एनिमल फीड में 65 फीसद मक्का का इस्तेमाल होता है. लेकिन इथेनॉल में मक्का का इस्तेमाल शुरू होते ही फीड सेक्टर में मक्का की परेशानी शुरू हो गई है. इसीलिए कारोबारी मक्का आयात करने की गुहार लगा रहे हैं. 

मक्का बीज पर सब्सिडी (सांकेतिक तस्वीर)मक्का बीज पर सब्सिडी (सांकेतिक तस्वीर)
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Jul 25, 2024,
  • Updated Jul 25, 2024, 6:24 PM IST

एक लेटर को लेकर पोल्ट्री फार्मर और कारोबारी खासे खुश हैं. लैटर केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में तैनात सेक्रेटरी ने केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के सेक्रेटरी को लिखा है. लेटर में मक्का और सोयाबीन के रेट और कमी को लेकर बात की गई है. मक्का और सोयाबीन को लेकर एनिमल फीड समेत पोल्ट्री फीड में आ रही परेशानी का जिक्र किया गया है. साथ ही ये भी कहा है कि अगर इसका समाधान नहीं निकाला गया तो इसका असर दूध, मांस, अंडा और मछली की उत्पादन लागत पर भी पड़ेगा. 

लेटर में उन्होंने ये भी बताया है कि इस बारे में ऑल इंडिया पोल्ट्री ब्रीडर्स एसोसिएशन (AIPBA) और कम्पाउंड लाइव स्टॉक फीड मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (CLFMA) ने लेटर लिखकर इस परेशानी के बारे में बताया है. मंत्रालय के इस कदम से पोल्ट्री सेक्टर में एक उम्मीद जागी है. उनका कहना है कि जल्द ही अब इस मामले का कोई हल निकलेगा. क्योंकि इससे पहले भी सरकार दो साल पहले उन्हें इसी तरह की परेशानी से बाहर निकाल चुकी है.

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उत्पादन और डिमांड में बताया 50 लाख टन का अंतर 

केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की सेक्रेटरी अलका उपाध्याय ने केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के सेक्रेटरी संजीव चोपड़ा को लिखे लेटर में बताया है कि मक्का उत्पादन और खपत में बड़ा अंतर है. उनका कहना है कि देश में मक्का का उत्पादन 3.60 करोड़ टन है. जबकि मक्का की डिमांड करीब 4.10 करोड़ टन है. इसमे इथेनॉल की डिमांड भी शामिल है. उन्होंने बताया है कि देश में मक्का की कमी भी हो गई है और रेट भी एमएसपी से ज्यादा हैं. उन्होंने बताया है कि बाजार में मक्का 28 रुपये किलो और उससे भी ज्यादा बिक रहा है. उन्होंने डीजीएफटी द्वारा करीब 5 लाख टन मक्का आयात करने की छूट दिए जाने की बात कही है, लेकिन साथ ही पोल्ट्री कारोबारियों की इस मांग को भी दोहराया है कि आयात शुल्क को कम किया जाए. 

बहादुर अली बोले, सरकार के इस कदम से मिलेगी बड़ी राहत 

AIPBA के प्रेसिडेंट और आईबी ग्रुप के एमडी बहादुर अली ने किसान तक से बातचीत में बताया कि ये बड़ी खुशी की बात है कि एक बार फिर केन्द्र सरकार पोल्ट्री फार्मर के लिए सोच रही है. इसी तरह से साल 2022 में सरकार ने पोल्ट्री फीड की परेशानी को समझते हुए सोयाबीन आयात करने की अनुमति दी थी. हमे सरकार पर पूरा भरोसा है कि इस बार भी सरकार पोल्ट्री फीड की परेशानी को समझते हुए मक्का और सोयाबीन आयात करने की अनु‍मति देगी.

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क्योंकि इस वक्त पोल्ट्री के जो हालात हैं उससे निपटने के लिए आयात शुल्क में छूट दिए जाने की बहुत जरूरत है. पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट रनपाल डाहंडा ने भी सरकार से उम्मीद जताते हुए मांग की है कि पोल्ट्री के मौजूदा हालात को देखते हुए जल्द से जल्द मक्का के वास्त‍वि‍क खरीदारों को शुल्क में छूट के साथ मक्का आयात करने की अनुमति दी जाए. 

 

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