भारत में कृषि कार्यों में पशुपालन भी शामिल है. किसान और पशुपालक अपनी आजीविका चलाने के लिए खेती-बाड़ी के साथ-साथ पशुपालन का काम भी करते हैं. ताकि आर्थिक स्थिति में सुधार ला सके. पशुपालकों की बात करें तो वो उस नस्लों से गाय, भैंस या बकरियों का पालन करते हैं जिनसे उन्हें अधिक से अधिक लाभ मिल सके. ऐसे में अगर आप भैंस पालन करने का सोच रहे हैं तो भैंस की ये सुरती नस्ल मुनाफे का सौदा हो सकती है. क्या है इस नस्ल की खासियत आइए जानते हैं.
सुरती नस्ल की भैंस को चरोटारी, डेक्कनी, गुजराती, नडियाडी और तलबड़ा के नाम से भी जाना जाता है. यह गुजरात के वडोदरा, भरूच, खेड़ा और सूरत जिले में पाई जाती हैं. नस्ल का नाम उसके मूल स्थान के नाम पर रखा गया है. इस नस्ल की भैंस का रंग काला या भूरा होता है. सींग चपटे और दरांती आकार के होते हैं. दूध देने की क्षमता के बारे में बात करें तो यह नस्ल एक ब्यांत में 1667 किलोग्राम दूध देती है. सुरती भैंस का वजन अन्य नस्लों की तुलना में हल्का होता है. यह कम चारा खाती है. बाजार में इस नस्ल की कीमत की बात करें तो यह 40000 से 50000 रुपये तक में उपलब्ध है.
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सुरती नस्ल की भैंस की विशेषता यह है कि अच्छा दूध उत्पादन पाने के लिए गुजरात और राजस्थान में बड़ी संख्या में भैंस पाली जाती है. इससे प्राप्त दूध की मात्रा न केवल अधिक होती है बल्कि यह पोषण से भी भरपूर होता है. सुरती भैंस एक ब्यांत में लगभग 1667 लीटर दूध देती है. डेयरी बाजार में इस नस्ल के मवेशियों की कीमत की बात करें तो यह लगभग 40 हजार से 50 हजार रुपये तक में उपलब्ध है. सुरती भैंस का रंग भूरा और हल्का काला है. शरीर का आकार बैरल जैसा है. नर और मादा भैंस की ऊंचाई 130 से 135 सेंटीमीटर तक होती है.