Kisan Tak Summit 2024: पोल्ट्री फार्मिंग की ग्रोथ में फीड की कीमत है चुनौती, समाधान भी जान लें

Kisan Tak Summit 2024: पोल्ट्री फार्मिंग की ग्रोथ में फीड की कीमत है चुनौती, समाधान भी जान लें

इंडिया टुडे ग्रुप के एग्रीकल्चर डिजिटल किसान तक के महासम्मेलन में पोल्ट्री फार्म से जुड़े एक्सपर्ट ने पशुपालकों के सामने आने वाली चुनौतियों और उसके समाधान पर खुलकर बात रखी है जिससे पोल्ट्री सेक्टर में आसानी होगी.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 19, 2024,
  • Updated Dec 19, 2024, 3:43 PM IST

इंडिया टुडे ग्रुप के डिजिटल और यूट्यूब चैनल किसान तक के महासम्मेलन में पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रनपाल ढांडा पहुंचे. वहां उन्होंने पोल्ट्री फार्मिंग से जुड़ी बारीकियों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि हम पोल्ट्री सेक्टर में पीछे नहीं हैं लेकिन हमारे सामने कुछ परेशानियां हैं. उन्होंने बताया कि इस साल सबसे बड़ी समस्या पक्षियों को दिए जाने वाले फीड का रेट बड़ी समस्या बन गई है. अगर इस पर काम नहीं किया गया तो पोल्ट्री फार्म की ये समस्या बहुत बड़ी हो जाएगी. रनपाल डांडा ने कहा कि आने वाले समय में लोगों को प्रोटीन की अधिक जरूरत होगी, जिसके कारण पोल्ट्री प्रोडक्ट की मांग बढ़ने वाली है. हमारा देश दूध उत्पादन के मामले में नंबर वन है लेकिन आज भी सबसे सस्ता प्रोटीन का सोर्स अंडा ही माना जाता है. 

फीड की महंगाई चिंता का विषय 

पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष, रिकी थापर ने बताया कि 103 अंडे प्रति व्यक्ति सालाना खाता है जबकि चिकन 7.5 किलो है. आने वाले समय में हम अंडा उत्पादन में पहले नंबर पर जाएंगे. पोल्ट्री के सेक्टर के क्षेत्र में हम 7-8 परसेंट की वृद्धि कर रहे हैं जबकि कृषि क्षेत्र में यह वृद्धि 2-3 परसेंट है. आने वाले समय में सोयामील और मक्का मिलना मुश्किल हो जाएगा. इसमें चुनौती है कि इथेनॉल मक्के से बनने लगा है. पहले चावल से बनता था. मक्के से इथेनॉल बनने से पोल्ट्री फीड महंगे हो गए. अगर आने वाले समय में पोल्ट्री फीड को सस्ता नहीं किया गया तो अंडे और चिकन और महंगे होंगे. सरकार से आग्रह करते हैं कि वह पोल्ट्री किसानों के बारे में सोचे.

इस वजह से कम है मीट का एक्सपोर्ट

इंडियन फेडरेशन ऑफ एनिमल हेल्शिथ कंपनीज के शिरीष निगम से पूछा गया कि क्या मुर्गे-मर्गियों और गाय भैंस को जो दवाई दी जाती है, उसका असर दूध और मांस पर होता है. इसके बारे में निगम ने कहा कि प्रिसीजन न्यूट्रिशन अगर कोई खाता है तो उसमें ओलंपियन और मुर्गी का नाम है. इसलिए यह कहना गलत है कि दवाई देने से अंडे, मांस या दूध पर असर होता है. भारत का मांस निर्यात इसलिए कम है क्योंकि इनपुट कॉस्ट ज्यादा और आउटपुट कॉस्ट कम है. अंडे की जहां तक बात है तो किसानों में यह जागरुकता देनी चाहिए कि पहले दिन से ही वे एक्सपोर्ट के लिहाज से कैसे उत्पादन करें. भारत के अंडे और चिकन की क्वालिटी बेस्ट है लेकिन बाजार में कुछ रुकावटे हैं जिससे निर्यात नहीं हो पा रहा है.

किसानों की आय बढ़ाने का तरीका

पशुपालन से किसानों की कमाई दोगुनी की जा सकती है. इसे देखते हुए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पशुपालन के लिए अलग से मंत्रालय बनाया. किसानों की आय बढ़ानी है तो किसानों को पोल्ट्री फार्मिंग और मधुमक्खीपालन जैसे काम में आना चाहिए. इंडियन फेडरेशन ऑफ एनिमल हेल्शिथ कंपनीज के शिरीष निगम ने बताया कि भारत में अंडा और मीट की क्वालिटी बेहतर है. 

सरकार से है खास मांग

 वेस्ट इन पोल्ट्री के सचिव डॉ संतोष आइरे ने कहा कि पोल्ट्री फार्मिंग से जुड़ी कई भ्रांतियां और गलत जानकारी फैलाने वाले लोगों के खिलाफ भी कानून बनाना चाहिए. इसके अलावा जिस तरह से डेयरी के लिए NDDB है उसी तरह से पोल्ट्री के लिए भी एक सेंट्रल बोर्ड होना चाहिए ताकि इस पर एकजुट होकर मुखरता से आवाज उठाई जाए जिससे इस क्षेत्र की तरक्की होगी.

प्रोग्राम के स्पॉन्सर्स

Kisan tak summit 2024 के स्पॉन्सर उत्तर प्रदेश सरकार (स्टेट पार्टनर), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (बैंकिंग पार्टनर), स्टारएग्री (वेयरहाउस पार्टनर), धानुका एग्रीटेक लिमिटेड (एसोसिएट पार्टनर), इफको, यारा, एमएमएल हैं. प्रोग्राम का नॉलेज पार्टनर आईसीएआर.

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