Kisan Tak Summit 2024: टेक्सटाइल्स की बसी-बसाई दुनिया छोड़कर किसानी में उतरे थे धानुका के आरजी अग्रवाल

Kisan Tak Summit 2024: टेक्सटाइल्स की बसी-बसाई दुनिया छोड़कर किसानी में उतरे थे धानुका के आरजी अग्रवाल

Kisan Tak Summit 2024: 'किसान तक' समिट ‘जागो किसान जागो’ के पैनल 'खेती में नकली खाद-बीज-पेस्टिसाइड की समस्या पर खुलकर चर्चा हुई और किसानों के लिए फायदेमंद उपायों के बारे में बताया गया.

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टेक्सटाइल्स की बसी-बसाई दुनिया छोड़कर किसानी में उतरे थे धानुका के आरजी अग्रवालधानुका एग्रीटेक लिमिटेड के संस्थापक आरजी अग्रवाल.

किसान तक के सेशन नकली खाद-बीज-पेस्टिसाइड में धानुका एग्रीटेक के एडवाइजर बिनोद आनंद ने नकली खाद, बीज और पेस्टिसाइड के बारे में बताया. आनंद ने धानुका एग्रीटेक के चेयरमैन एमिरेटस आरजी अग्रवाल की जगह पर अपनी बात रखी. आरजी अग्रवाल किसी कारण से प्रोगाम में नहीं आ सके. आनंद ने कहा कि आरजी अग्रवाल का चांदनी चौक से गुड़गांव तक का सफर बहुत शानदार रहा है. उन्होंने अपनी बसी-बसाई टेक्सटाइल की दुनिया छोड़कर खेती-किसानी में कदम रखा और धानुका जैसी कंपनी बनाई.

भारत में 400 दवाएं रजिस्टर्ड

बिनोद आनंद ने कहा, 590 तरह की फसल भारत में उगती है.  जबकि भारत में इसके लिए 400 दवाएं भी रजिस्टर्ड नहीं हैं. पाकिस्तान में इससे ज्यादा है. इन्हीं दवाओं को बनाने के लिए धानुका के चेयरमैन एमिरेटस बड़ी कोशिश कर रहे हैं. आनंद ने किसानों से कहा कि नकली पेस्टिसाइड की लड़ाई लड़ने के लिए जरूरी है कि वे दवाएं खरीदें तो उसका बिल जरूर लें. बगैर बिल के सामान न खरीदें.

उत्तराखंड में मोटे अनाज की खेती

इससे पहले किसान तक के सेशन देवभूमि की दिव्य खेती में उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने शिरकत की. कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड की खेती में हार्टिकल्चर का स्थान सर्वोपरि है. खेती का क्षेत्रफल 2 लाख हेक्टेयर घटा है, लेकिन उत्पादन 3 लाख टन बढ़ा है. इसका अर्थ हुआ कि हम नई तकनीक से फसल उगा रहे हैं, जिससे बहुत फायदा मिल रहा है.

उत्तराखंड में मोटे अनाज की खेती बहुतायत में होती है. इससे किसान लाभान्वित होते हैं. इस मुद्दे पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली, पूसा में मिलेट्स अभियान की शुरुआत की थी. ये श्रीअन्न किसानों के लिए बहुत फायदे की खेती है. कम पानी लगता है.

'केमिकल फर्टिलाइजर से बचना होगा'

इससे पहले इफको के सीईओ तरुणेंद्र सिंह ने खेती में फर्टिलाइजर के इस्तेमाल और नैनो यूरिया के फायदे बताते हुए कहा कि किसानों को केमिकल फर्टिलाइजर से बचना होगा. उन्होंने कहा कि पहले 1 किलो खाद में 14-15 किलो उत्पादन मिलता था और आज यह घटकर 5 किलो पर आ गया है. उन्होंने कहा कि नौजवान को खेती से जुड़ना जरूरी है. खेती में ड्रोन जैसी तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाना होगा. नैनो के प्रयोग से उत्पादन बढ़ाने में मदद मिल रही है.

आईसीएआर के डीडीजी उधम सिंह गौतम ने कहा कि किसानों के लिए फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए हमारे वैज्ञानिक जलवायु अनुकूल किस्मों को विकसित कर रहे हैं. आने वाले समय में क्लाइमेट चेंज के असर से फसलों को बचाने के लिए खास तौर पर शोध किए जा रहे हैं.

समिट का नाम 'खेती का दशक'

नई दिल्ली स्थित एपी शिंदे सिंपोजियम हॉल, एनएएससी कॉम्प्लेक्स, इंद्रपुरी में आयोजित किसान तक समिट में एग्री इनोवेटिव इंडिया (Agri Innovative India) के सीईओ प्रवीन मलिक ने बताया कि खेती में टेक्नोलॉजी के लिए अगले 10 बरस शानदार साबित होने वाले हैं. कृषि और किसानों की मेहनत से हम दुनिया की तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनेंगे.

'किसान तक' की इस समिट का नाम 'खेती का दशक' रखा गया है. यह समिट खेती-किसानी से जुड़े लोगों का एक महासम्मेलन साबित हुआ, जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों के माहिर विशेषज्ञ शामिल हुए हैं. साथ ही शामिल हमारे अन्नदाता किसानों ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया . किसान तक के इस महामंच पर मुख्य अतिथि भारत सरकार के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान रहे. 

प्रोग्राम के स्पॉन्सर्स

Kisan tak summit 2024 के स्पॉन्सर उत्तर प्रदेश सरकार (स्टेट पार्टनर), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (बैंकिंग पार्टनर), स्टारएग्री (वेयरहाउस पार्टनर), धानुका एग्रीटेक लिमिटेड (एसोसिएट पार्टनर), इफको, यारा, एमएमएल हैं. प्रोग्राम का नॉलेज पार्टनर आईसीएआर.

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