Jamnapari Goat: 10 खूबियों की वजह से दूसरे देश भी भारत से करते हैं इस नस्ल के बकरे-बकरियों की डिमांड 

Jamnapari Goat: 10 खूबियों की वजह से दूसरे देश भी भारत से करते हैं इस नस्ल के बकरे-बकरियों की डिमांड 

जमनापारी नस्ल बकरियों के बीच एक थ्री इन वन नस्ल है. दूध, मीट और बच्चा देने के मामले में जमनापारी दूसरी नस्ल से काफी आगे है. नेपाल, भूटान, इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया आदि देश में इस नस्ल के बकरे भेजे जा चुके हैं. खासतौर पर सफेद रंग में पाए जाने वाले यह बकरे सामान्य से ज्यादा लम्बे होते हैं. देखने में भी खूबसूरत होते हैं. 

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नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Mar 16, 2025,
  • Updated Mar 16, 2025, 7:31 PM IST

लम्बे-लम्बे लटकते कान, नाक पर बालों का गुच्छा, थाई के दोनों तरफ घने बाल, और इससे भी बड़ी बात ये कि लम्बाई के मामले में बकरियों की कोई ऐसी दूसरी नस्ल नहीं है जो इस खास नस्ल का मुकाबला कर सके. यही वजह है कि देश के साथ-साथ विदेशों में भी इस नस्ल की डिमांड रहती है. कई दूसरे ऐसे देश हैं जो भारत से इस नस्ल के बकरे-बकरियों की डिमांड करते हैं. इस नस्ल को ले जाने के बाद वो इसकी मदद से अपने यहां बकरियों का नस्ल सुधार कार्यक्रम चलाते हैं. 

लम्बी कद-काठी के चलते ही जमनापारी नस्ल ने विदेशों में भी पहचान बना ली है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के साइंटिस्ट की मानें तो जमनापारी नस्ल यूपी के इटावा शहर की है. आर्टिफिशल इंसेमीनेशन का सहारा लेकर जमनापारी नस्ल की संख्या बढ़ाई जा रही है. चार-पांच साल में चार हजार के करीब जमनापारी नस्ल के बकरे-बकरी किसानों में वितरित किए जा चुके हैं.  

एक बार में 500 लीटर तक दूध देती है जमनापारी बकरी

सीआईआरजी से जुड़े गोट एक्सपर्ट की मानें तो जमनापरी नस्ल की बकरी रोजाना चार से पांच लीटर तक दूध देती है. इसका दुग्ध काल 175 से 200 दिन का होता है. एक दुग्ध काल में 500 लीटर तक दूध देती है. इस नस्ल में दो बच्चे देने की दर 50 फीसद तक है. शारीरिक बनावट और सफेद रंग का होने के चलते इनकी खूबसूरती देखते ही बनती है. इसीलिए ईद पर भी इनकी खासी डिमांड रहती है. 

जमनापारी नस्ल की ये हैं 10 खूबियां 

  • यह देश की लम्बाई में एक बड़े आकार वाली बकरी है. इसके कान भी लम्बे नीचे की ओर लटके हुए होते हैं.  
  • इसका रंग आमतौर पर सफेद होता है. लेकिन कभी-कभी कान और गले पर लाल रंग की धारियां भी होती हैं. 
  • इसकी नाक उभरी हुई होती है और उसके आसपास बालों के गुच्छें होते हैं. 
  • बकरे-बकरी दोनों के पीछे के दोनों पैर के ऊपर लम्बे बाल होते हैं.
  • बकरे और बकरी दोनों में ही सींग पाए जाते हैं. 
  • एक बकरे का वजन 45 किलो और बकरी का वजन 38 किलो तक होता है. 
  • बकरा 90 से 100 सेमी और बकरी 70 से 80 सेमी ऊंची होती हैं.  
  • जमनापुरी बकरियां अपने 194 दिन के दूधकाल में एवरेज 200 लीटर तक दूध देती हैं.  
  • एक साल में जमनापरी बकरी 21 से 26 किलो तक की हो जाती है.
  • जमनापरी का बच्चा 4 किलो वजन तक का होता है. 
  • 20 से 25 महीने की उम्र पर पहला बच्चा  देती है. 
  • दूध के साथ ही यह मीट के लिए भी पाली जाती है.

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