Lumpy Disease: गायों को लंपी से बचाना है तो क्या करें और क्या नहीं, पढ़ें ये जरूरी टिप्स 

Lumpy Disease: गायों को लंपी से बचाना है तो क्या करें और क्या नहीं, पढ़ें ये जरूरी टिप्स 

Lumpy Skin Disease लंपी बीमारी पशुपालकों को एक नहीं कई तरह से नुकसान पहुंचाती है. बीमार होने पर उत्पादन कम हो जाता है. इलाज पर पैसा खर्च होता है. पशु गर्भ से हो तो गर्भपात हो जाता है. पशु की मौत हो जाए तो कम से कम 40 से 80 हजार रुपये तक का नुकसान होता है. इसलिए जरूरी है कि एनिमल एक्सपर्ट के बताए कुछ टिप्स का पालन किया जाए. 

नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Sep 11, 2025,
  • Updated Sep 11, 2025, 11:43 AM IST

Lumpy Skin Disease बिहार के बाद अब देश के दूसरे राज्यों में भी लंपी का खतरा सता रहा है. खासतौर से ऐसे इलाकों में जहां बारिश हो रही है या बाढ़ आई हुई है. क्योंकि लंपी बीमारी संक्रमण के चलते फैलती है. और अभी इस बीमारी का कोई ठोस इलाज भी नहीं है तो ये खतरा और बड़ा हो जाता है. अभी लंपी बीमारी की सिर्फ रोकथाम ही संभव है. उसी के लिए पशुओं को वैक्सीन लगाई जाती है. लेकिन एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि पशुपालन के दौरान अगर खास देखभाल के साथ कुछ ऐहतियात बरती जाए तो लंपी के असर को कम किया जा सकता है. 

लंपी का खतरा हो तो जरूर करें ये काम 

  • बीमार पशुओं को फौरन अलग कर दें. 
  • बीमार पशुओं का डाक्टर की सलाह पर उपचार शुरू कर दें. 
  • चार्ट के मुताबिक सभी पशुओं का समय पर वैक्सीनेशन कराएं. 
  • पशुओं के बाड़े में साफ-सफाई और स्वच्छता बनाए रखें.
  • पशुओं के बाड़े में कीटनाशक दवाई का छिड़काव करें।
  • पशुओं के घाव हो रहे हों तो उन्हें एंटीसेप्टिक से साफ करें.
  • पशुओं के घाव पर फ्लाई-रिपेलेंट दवाई लगाएं.
  • सभी पशुओं की नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं.
  • पशुओं को दवाई दिए जाने और वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड रखें. 
  • मक्खी, मच्छर, जूं और किलनी से बचाने के लिए कीटनाशक का छिड़काव करें.
  • बीमार पशु को पौष्टिक चारा, मिनरल मिक्सचर और साफ पानी पिलाएं. 
  • संक्रमित पशु के बर्तन, रस्सी, दूध निकालने के उपकरण अलग रखें.
  • बीमार पशु को अच्छी छांव और हवादार जगह पर ही रखें.
  • लंपी पीडि़त पशु की मौत हो जाए तो उसके शव को गड्डे में चूना डालकर गाड़ दें.
  • जहां भी लंपी बीमारी दिखाई दे तो फौरन पशु-चिकित्सक को सूचना दें.

लंपी का खतरा कम करने को ये काम न करें  

  • बीमार पशुओं को हेल्दी पशुओं के साथ कभी न रखें.
  • बीमार पशुओं को खुले में न छोड़ें और बिना सुरक्षा (ग्लब्स) के घाव को न छुएं.
  • बीमार पशु को हाट, मेला या एक जगह से दूसरी जगह न ले जाएं.
  • गंदगी, गोबर या पानी को पशुओं के बाड़े के आसपास जमा न होने दें. 
  • बिना डाक्टरी सलाह के पीडि़त पशुओं को दवाइयां न दें.
  • बीमार पशु का दूध, मी या दूसरे प्रोडक्ट इस्तेमाल न करें.
  • कीट नियंत्रण (मक्खी मच्छर, किलनी) की अनदेखी न करें.
  • पीडि़त मरे पशु को खुली जगह या तालाब-नदी के पास फेंकना-गाड़ना मना है.
  • बीमार पशु को लंबी दूरी तक ले जाकर बेचने या खरीदने से बचें.

निष्कर्ष-

पशुओं के बीच लंपी फैलने से रोकने और पीडि़त पशु को बचाने के लिए जरूरी है कि एक्सपर्ट के बताए उपायों का पालन किया जाए. लंपी के खतरे को देखते हुए पहले ही पशुओं को टीका लगवा लें. पशुओं के बाड़े में बायो सिक्योरिटी का पालन करें. 

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