Goat Farming : बकरी पालन से तगड़ी कमाई के लिए 4 बेस्ट नस्ल और जरूरी बातों के बारे में जानिए

Goat Farming : बकरी पालन से तगड़ी कमाई के लिए 4 बेस्ट नस्ल और जरूरी बातों के बारे में जानिए

बकरी पालन से कमाई करना चाहते हैं तो स्वस्थ और उन्नत नस्ल की बकरियां पालें. इसके अलावा ये जानना भी बहुत जरूरी है कि बकरियों की बेहतर देखभाल के लिए कौन सी जरूरी बातों का ध्यान रखना होता है.

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नयन त‍िवारी
  • Noida,
  • Sep 06, 2025,
  • Updated Sep 06, 2025, 1:30 PM IST

पशुपालन से कमाई की बात हो तो बकरी पालन अच्छा विकल्प माना जाता है. पिछले कुछ सालों से ग्रामीण इलाकों के लोग बकरी पालन कर अपनी आर्थिक आय बढ़ा रहे हैं. सरकार की ओर से भी बकरी पालन करने वालों के लिए सब्सिडी और अन्य सरकारी सहायता दी जाती है. बकरियों से दूध और मीट कमाई का मुख्य जरिया होता है. आप भी प्लान कर रहे हैं तो उन्नत नस्ल की बकरियों के बारे में जानिए, ताकि अच्छी-खासी कमाई कर सकें.

बकरियों की टॉप 4 नस्ल 

किसी भी तरह के पशु पालन से जुड़ना चाहते हैं तो उनकी नस्ल और बेहतर स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए. अगर स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या है तो बकरियों में चंचलता भी नहीं रहेगी और दूध भी कम देंगी. इसके अलावा बकरियों की मृत्युदर में भी बढ़ोतरी होती है. आइए बकरियों की 4 अच्छी नस्ल के बारे में जान लेते हैं.

बीटल 

बीटल नस्ल की बकरी मुख्यरूप से पंजाब में मिलती है. ये बकरियां आमतौर पर लाल या सुनहरा भूरा, सफेद धब्बों के साथ देखने को मिलती हैं. बीटल बकरियां दिन में डेढ़ से तीन लीटर तक दूध दे सकती हैं. इनका इस्तेमाल चमड़ा उद्योग भी खूब करते हैं साथ ही मीट प्रेमियों के बीच इनकी जबरदस्त डिमांड रहती है.

ब्लैक बंगाल

मीट प्रेमियों के बीच ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरियां काफी लोकप्रिय होती हैं. बकरी पालन करने वाले लोगों को बता दें कि इस नस्ल की बकरियां भारत के पूर्वी क्षेत्र में पाई जाने वाली एक छोटी और अत्यधिक प्रजननशील नस्ल है. इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी मानी जाती है. 

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उस्मानाबादी

उस्मानाबादी नस्ल की बकरी भारी-भरकम होती हैं. इनका वजन अच्छा होता है इसलिए मीट का कारोबार करने वाले पशुपालकों के लिए बेहतर नस्ल मानी जाती है. उस्मानाबादी नस्ल की बकरी रोजाना औसतन डेढ़ लीटर दूध देती है. ये बकरियां आमतौर पर महाराष्ट्र के कुछ जिलों में पाई जाती हैं.

सिरोही

सिरोही छोटे पशुपालकों के लिए काफी अच्छी नस्ल मानी जाती है. इनका रखरखाव और देखभाल आसानी से की जा सकती है. ये बकरी राजस्थान में पाई जाती है. इसे दूध और मीट दोनों के लिहाज से अच्छा माना जाता है. सबसे अच्छी बात ये है कि सिरोही नस्ल की बकरी कम बजट में पाली जा सकती है. 

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