Green Fodder: चारा बेचकर करनी है मोटी कमाई तो अपनाएं एक्सपर्ट के बताए ये दो तरीके

Green Fodder: चारा बेचकर करनी है मोटी कमाई तो अपनाएं एक्सपर्ट के बताए ये दो तरीके

एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो किसान और पशुपालक एक छोटी सी ट्रेनिंग के बाद अपने पशुओं को पूरे साल सस्ता हरा चारा खिलाने के साथ ही उसकी बिक्री भी कर सकते हैं. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मथुरा समेत देश के दर्जनों सरकारी और प्राइवेट कॉलेज-यूनिवर्सिटी इसकी ट्रेनिंग दे रहे हैं. ट्रेनिंग के बाद किसान और पशुपालक घर पर ही हे और साइलेज बनाकर चारे की कमी को पूरा कर सकते हैं.

साइलेज चारासाइलेज चारा
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Apr 15, 2025,
  • Updated Apr 15, 2025, 10:31 PM IST

सिर्फ मिनरल मिक्चर (दाना) के भरोसे पशुपालन नहीं किया जा सकता है. पशु दूध ज्यादा दें और दूध में फैट भी हो तो इसके लिए जरूरी है कि उन्हें चारा खाने को दिया जाए. लेकिन देश में लगातार चारे की कमी बढ़ती ही जा रही है. खासतौर पर गर्मियों के मौसम में चारे की कमी का ज्यादा सामना करना पड़ता है. कमी के चलते बाजार में हरा चारा सही दाम पर मिलने में परेशानी होने लगी है. पशुपालकों के लिए ये परेशानी वाली बात तो है ही, लेकिन इसके साथ ही ये इनकम डबल करने का जरिया भी है. 

चारे की कमी के साथ ही बाजार में साइलेज और हे की डिमांड भी बढ़ने लगी है. जब हरा चारा ज्यादा होता है तो उसका साइलेज और हे बनाकर स्टॉक कर लिया जाता है. अगर आप पशुपालन के साथ हे और साइलेज बनाकर बेचते हैं तो मोटा मुनाफा कमा सकते हैं. और रहा सवाल कि साइलेज और हे बनेगा कैसे तो देश के बहुत सारे सरकारी संस्थान किसानों और पशुपालकों को साइलेज और हे बनाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं. 

ये हैं साइलेज बनाने का सही वक्त

फोडर एक्सपर्ट डॉ. अमित सिंह का कहना है कि बेशक हम साइलेज और हे घर पर तैयार कर सकते हैं, लेकिन उसके लिए बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है. इसलिए बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह और ट्रेनिंग के तैयार किए गए साइलेज-हे पशुओं को खि‍लाने की कोशि‍श ना करें. साइलेज बनाने के लिए सबसे पहले उस हरे चारे की कटाई सुबह के वक्त करें जिसका हम साइलेज बनाने जा रहे हैं. ऐसा करने से हमे दिन का वक्त उस चारे को सुखाने के लिए मिल जाएगा. क्योंकि साइलेज बनाने से पहले चारे के पत्तों को सुखाना जरूरी है. चारे को कभी भी जमीन पर सीधे ना सुखाएं.

लोहे का कोई स्टैंड या जाली पर रखकर सुखाएं. चारे के छोटे-छोटे गठ्ठर बनाकर लटका कर भी चारे को सुखाया जा सकता है. क्योंकि जमीन पर चारा डालने से उसमे फंगस लगने के चांस ज्यादा रहते हैं. कुल मिलाकर करना ये है कि जब चारे में 15 से 18 फीसद नमी रह जाए तभी उसे साइलेज की प्रक्रि‍या में शामिल करें. और एक बात का खास ख्याल रखें कि किसी भी हाल में पशुओं को फंगस लगा चारा खाने में ना दें. 

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