गाय-भैंस दूध दे रही हो या नहीं, लेकिन उसके लिए चारे और मिनरल की खुराक बहुत जरूरी है. यहां तक की जो गाय-भैंस अभी दूध और बच्चा कुछ भी देने लायक नहीं हुई है उसे भी अच्छी खुराक की जरूरत होती है. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि बीमार होने के चलते या चोट लगने पर गाय-भैंस या तो बिल्कुल ही चारा नहीं खाती हैं या फिर बहुत ही आनाकानी करती हैं. लेकिन चोट लगे या बीमार हों उन्हें भूखा भी नहीं छोड़ा जा सकता है.
कई बार बीमारी या चोट लगने के चलते भैंस खाने के लिए अपने मुंह का इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं. ऐसे में और जरूरी हो जाता है कि भैंस को किसी भी तरह से कुछ ना कुछ खाने को जरूर दिया जाए. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि कभी भी बीमार पशु को खाने में दवाएं मिलाकर ना दें.
पशु बीमार-चोटिल हो तो अपनाएं एक्सपर्ट की ये टिप्स
- बीमार भैंस को ताजी कटी हुई रसीली घास देकर खाने के लिए ललचाएं.
- मुंह में गहरी चोट है या मुंहपका हुआ है तो चारे का सूप बनाकर दे सकते हैं.
- गाय-भैंस को गुड़ या खाने में गुड़ मिलाकर खिलाया जा सकता है.
- बीमारी में भैंस की भूख बढ़ाने के लिए हिमालयन बतीसा खिलाएं.
- भैंस की खुराक में नमक मिलाकर भी उसे खिलाया जा सकता है.
- गाय-भैंस की खुराक में एनर्जी और प्रोटीन बढ़ाकर खिलाएं.
- सोयाबीन, मूंगफली की खल, वनस्पति तेल, गुड़, प्रोपलीन ग्लाइकोल, कैसिइन खिला सकते हैं.
- एक बार में ज्यादा खिलाने के बजाए थोड़ा-थोड़ा कई बार में दिया जा सकता है.
- पशु मुंह के रास्ते खाने-पीने में बेबस है तो उसे नली से घोल के रूप में दिया जा सकता है.
- खाना ना खाने के हालात में भैंस को माइक्रोबियल कल्चर प्रोबायोटिक्स (जैसे लैक्टोबैसिलस, यीस्ट) खिलाया जा सकता है.
- पानी की कमी को इलेक्ट्रोलाइट्स से और एसिडोसिस को बाइकार्बोनेट से ठीक किया जा सकता है.
- बीमार गाय-भैंस को कड़वी दवाएं खाने में मिलाकर न खिलाएं.
- गर्भकाल के दौरान भी कड़वी दवाएं मुंह से खिलाने से बचना चाहिए.
- कड़वी दवा खाने के चक्कर में उठा पटक होने से पशु तनाव में आ जाता है.
- कई बार तनाव के चलते पशुओं के गर्भपात होने का खतरा बना रहता है.
ये भी पढ़ें- Meat Production: देश की बड़ी यूनिवर्सिटी ने बताया, क्यों बढ़ रहा मीट का उत्पादन और डिमांड
ये भी पढ़ें- Dairy: विदु ने 50 गाय पालकर दूध से कमाए 49 लाख और गोबर से 44 लाख, जानें कैसे