Cow Disease Lumpy: गाय की इन बीमारियों को कंट्रोल किया तो जल्दी नहीं होगी लंपी बीमारी 

Cow Disease Lumpy: गाय की इन बीमारियों को कंट्रोल किया तो जल्दी नहीं होगी लंपी बीमारी 

Cow Disease Lumpy कुछ आम और छोटी-छोटी बीमारी ऐसी भी हैं कि जिनका इलाज घर पर भी किया जा सकता है. अच्छी बात ये भी है कि इन बीमारियों पर खर्चा भी ना के बराबर ही आता है. आम बीमारियों के ये उपाय अगर रोजमर्रा की दिनचर्या में भी शामिल कर लिए तो गाय बहुत सारी बीमारियों से दूर रहेंगी.

पशुओं में लंपी बीमारी का खतरापशुओं में लंपी बीमारी का खतरा
नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Oct 03, 2025,
  • Updated Oct 03, 2025, 5:18 PM IST

Cow Disease Lumpy दुधारू पशु गाय-भैंस की बात हो या छोटे पशु भेड़-बकरी की, असल में छोटी-छोटी बीमारियों में बरती गई लापरवाही ही बड़ी बीमारी की वजह बनती है. इस लापरवाही के चलते ही कई बार बड़ी बीमारियां गाय-भैंस की मौत की वजह भी बनती हैं. हालांकि कुछ बीमारी ऐसी होती हैं जिनका इलाज घर पर भी किया जा सकता है. जबकि कुछ बीमारियां ऐसी भी होती हैं जिनका इलाज सिर्फ पशु डॉक्टर ही कर सकता है. लेकिन ये जो छोटी बीमारियां हैं और जिसके इलाज में जरा सी लापरवाही की वजह से गायों में लंपी बीमारी तक हो जाती है. 

उन पर खास ख्यान देना जरूरी हो जाता है. गायों में त्वाचा से जुड़ी दो-तीन ऐसी बीमारियां हैं जो गायों की जानलेवा बीमारी लंपी के होने की वजह बनती हैं. गाय को होने वाली आम बीमारियां पशुपालक की लागत को बढ़ा देती हैं. क्योंकि गाय की मामूली सी बीमारी का असर भी उसके दूध उत्पादन को प्रभावित करता है.

जूं-किलनी भी हैं लंपी की वजह 

गाय के जूं और किलनी होने के दौरान नीम के पत्तों को पानी में उबालकर गाय के शरीर पर स्प्रे करें. या फिर एक कपड़े को नीम के पानी में डालकर कपड़े से पशु को धोना चाहिए. इस उपाय को कई दिन लगातार करने से गाय की जूं और किलनी की परेशानी दूर हो जाती है. 

बाहरी चोट या घाव में कीड़े 

चोट या घाव में कीड़े पड़ने से कोई भी पशु बहुत ज्यादा परेशानी महसूस करता है. जब भी पशु के शरीर पर कोई भी चोट या घाव देखें तो फौरन ही उसकी गर्म पानी में फिनाइल या पोटाश डालकर सफाई करनी चाहिए. घाव में अगर कीड़े हों तो एक पट्टी को तारपीन के तेल में भिगोकर पशु के उस हिस्से पर बांध देनी चाहिए. मुंह के घावों को हमेशा फिटकरी के पानी से धोना चाहिए. लेकिन साथ ही साथ घाव से जुड़े उपाय जानने के लिए डॉक्टर से से संपर्क जरूर करना चाहिए.

जेर का ना निकलना

गाय के प्रसव के बाद जेर पांच घंटे में गिर जानी चाहिए. अगर ऐसा न हो तो गाय दूध भी नहीं देती. अगर ऐसा हो तो फौरन ही पशुओं के डॉक्ट र से सलाह लेकर जेर से जुड़े उपाय अपनाने चाहिए. इसके साथ ही पशु के पिछले भाग को गर्म पानी से धोना चाहिए. और ख्याल रहे कि किसी भी हाल में जेर को ना तो हाथ लगाएं और ना ही जेर को खींचने की कोशिश करनी चाहिए. क्योंकि इसके चलते बाहरी इंफेक्शन होने का खतरा बना रहता है. 

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