Dairy in Agriculture बीते कुछ महीने पहले ही महाराष्ट्र ने डेयरी, पशुपालन और पोल्ट्री सेक्टर को एग्रीकल्चर का दर्जा दिया है. ये तो रही एक राज्य की बात, लेकिन बीते कई साल से लगातार देशभर में डेयरी को एग्रीकल्चर में शामिल करने की मांग हो रही है. कई बार डेयरी से जुड़े लोग बजट पर भी आस लगा चुके हैं कि शायद डेयरी को एग्रीकल्चर में शामिल कर लिया जाए. अभी एक बार फिर उम्मीद जागी है. सूत्रों की मानें तो केन्द्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार से हाल ही में एग्रीकल्चर का दर्जा देने वाले प्रस्ताव की डिटेल मांगी है. डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो डेयरी को एग्रीकल्चर में शामिल करने की मांग ऐसे ही नहीं की जा रही है.
ऐसा भी नहीं है कि उसका फायदा किसी एक को ही होगा. करोड़ों लोग सरकार के इस कदम से लाभांवित होंगे. क्योंकि अभी जिस तेजी से डेयरी सेक्टर का विकास हो रहा है उतना फायदा पशुपालकों और छोटे डेयरी फार्मर को नहीं मिल पा रहा है. वहीं इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट आरएस सोढ़ी ने किसान तक को बताया कि अगर सरकार डेयरी सेक्टर को सिर्फ एग्रीकल्चर में शामिल कर ले तो दो बड़े फायदे हो सकते हैं.
इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट और अमूल के पूर्व एमडी आरएस सोढ़ी का कहना है कि अगर डेयरी को एग्रीकल्चर की कैटेगिरी में शामिल कर लिया जाए तो हमे इसका दोहरा फायदा मिलेगा. इससे कम जमीन या फिर भूमिहीन किसानों की न सिर्फ अच्छी आय होगी बल्कि इनकम डबल हो जाएगी. क्योंकि अभी डेयरी सेक्टर को इंडस्ट्री में शामिल किया जाता है, उसी हिसाब से बिजली की रेट हैं. इनकम टैक्स भी उसी दायरे में वसूला जा रहा है. दूध और दूध से बने उत्पादों पर टैक्स कम से कम लगना चाहिए. अगर केन्द्र सरकार इसे एग्रीकल्चर की कैटेगिरी में शामिल करने के साथ ही इसमे इंवेस्ट बढ़ाती है और डेयरी से जुड़े स्टार्टअप को मदद देती है तो इससे नौकरियों के अवसर भी बढ़ेंगे.
आरएस सोढ़ी का कहना है कि ऐसा नहीं है कि हमारे देश में दूध का उत्पादन सरप्लस हो रहा है. अगर सरकार डेयरी सेक्टर को मदद करती है तो दूध उत्पादन बढ़ने से वो बेकार नहीं जाएगा. हमारे आसपास के देशों में दूध और उससे बने उत्पादों की बहुत डिमांड है. क्या दूध पर एमएसपी तय होनी चाहिए के सवाल पर सोढ़ी का कहना है कि मैं दूध की एमएसपी के समर्थन में नहीं हूं. क्योंकि एमएसपी तय होने के बाद अगर वक्त से दूध नहीं बिका तो वो बेकार हो जाएगा. सरकार दूध खरीदेगी नहीं. क्योंकि अगर सरकार दूध खरीदेगी तो फिर सरकार को दूध रखने के लिए प्रोसेसिंग प्लांट तैयार कराने होंगे. इसलिए एमएसपी की बात करना बेमानी है.
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