Animal Feed: गाय-भैंस को ठंड से बचाएगी एक्सपर्ट की बताई ये खुराक, आज ही से शुरू कर दें तैयारी 

Animal Feed: गाय-भैंस को ठंड से बचाएगी एक्सपर्ट की बताई ये खुराक, आज ही से शुरू कर दें तैयारी 

Animal Feed in Winter हर तरह का मौसम पशुओं पर विपरीत असर डालता है. और फिर गाय-भैंस हो या भेड़-बकरी, विपरीत मौसम के चलते ये तनाव (स्ट्रेस) में आ जाते हैं. गर्मी ही नहीं सर्दी के मौसम से भी पशुओं को बचाना बहुत जरूरी होता है. ठंड और कोहरे के मौसम में पशुओं की ठीक से देखभाल करने के साथ ही उनके खानपान में भी बदलाव करना चाहिए.

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नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Oct 02, 2025,
  • Updated Oct 02, 2025, 11:25 AM IST

Animal Feed in Winter पशुओं का दूध उत्पादन हो या फिर मीट उत्पादन के लिए बात बॉडी ग्रोथ की हो, उसके लिए एक अच्छी खुराक का होना बहुत जरूरी है. लेकिन ख्याल रहे कि एक अच्छी खुराक के साथ पशु को खुशी भी चाहिए होती है. खुशी मतलब स्ट्रेस फ्री. पशु किसी भी वजह से तनाव में न आए. जब भी पशु तनाव में आता है तो उसका सीधा असर उसके उत्पादन पर पड़ता है. बात अगर आने वाले ठंड के मौसम की करें तो ज्यादा ठंड के चलते भी पशु तनाव में आ जाता है. 

इसलिए जरूरी है कि पशु को ठंड से बचाने के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दें. एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक उत्पादन करने वाले पशुओं को ठंड से बचाने के लिए दो तरह की तैयारी करनी होती है. एक एनिमल शेड में इस तरह के इंतजाम किए जाएं कि पशु को ठंडी हवाएं परेशान न करें. वहीं दूसरी ओर सर्दियों के मौसम में पशुओं की खुराक में बदलाव कर गर्म चीजों को शामिल करना चाहिए. 

पशुओं की सर्दियों की खुराक में ये करें शामिल 

  • पशुओं को दी जाने वाली खुराक में सरसों का तेल शामिल कर लें. 
  • सरसों का तेल पशु को दी जानी वाली खुराक का दो फीसद देना चाहिए. 
  • पशु को हरा चारा और भरपूर मात्रा में सूखा चारा देना चाहिए. 
  • पशु के वजन के हिसाब से उसकी खुराक में दाने का वजन बढ़ा देना चाहिए. 
  • पशुओं को गुड़ का शीरा पांच से 10 फीसद तक दिया जा सकता है. 
  • शाम को दूध दुहाने के वक्त भी पशुओं को हरा चारा खाने में देना चाहिए. 
  • पशुओं के पीने का पानी गुनगुना या बोरवेल का ताजा होना चाहिए. 
  • पशुओं को ठंड के तनाव से बचाने के लिए 10 फीसद एडिशनल सप्लीमेंट दे सकते हैं. 
  • पशुओं को दिन में तीन से चार बार खुराक देनी चाहिए. 

ठंड शुरू होने से पहले शेड में जरूर करें ये काम  

  • पशु के शेड को मोटे पर्दे से कवर करना चाहिए. 
  • शेड में गर्म हवा के लिए ब्लोअर और रेडिएटर का इस्तेमाल किया जा सकता है. 
  • पशुओं की पीठ को खाली बोरी या कंबल से ढक देना चाहिए. 
  • पशु का बिस्तर रबर शीट का और सूखा होना चाहिए. 
  • पशु का बिस्तर मिट्टी या लकड़ी के बुरादे का भी है तो सूखा हो. 
  • पूरा शेड तीन तरफ से 5 फीट ऊंची दीवार से घिरा होना चाहिए. 
  • पशु शेड का निर्माण इलाके की जलवायु के हिसाब से कराया जाना चाहिए.
  • पशुओं का शेड कम से कम स्वच्छ, सुविधाजनक, आरामदायक होना चाहिए.
  • पशुओं को ज्यादा से ज्यादा खुली जगह में रखा जाए.
  •  खुली जगह होने से जब मन चाहे तब पशु आराम से घूम-फिर लेते हैं. 
  •  खुली जगह में घूमने-फिरने से पशु के उत्पादन पर अच्छा असर पड़ता है.

निष्कर्ष- 

सर्दियों का मौसम भी छोटे-बड़े सभी तरह के पशुओं पर विपरीत असर डालता है. जिसका नुकसान पशुपालक को कम उत्पादन के रूप में उठाना पड़ता है. सर्दियों में बरती गई लापरवाही इंसान ही नहीं पशुओं को भी नुकसान पहुंचाती है. जाड़ों के इसी मौसम में कई तरह की मौसमी बीमारियां भी घेर लेती हैं. कई बार तो इसी ठंड के चलते मौत तक हो जाती है.

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