Lumpy Disease लंपी बीमारी कैसे फैलती है और पशुओं को बचाने के लिए क्या उपाय करें पशुपालक 

Lumpy Disease लंपी बीमारी कैसे फैलती है और पशुओं को बचाने के लिए क्या उपाय करें पशुपालक 

Spread Lumpy Disease छोटे से वक्त में ही लंपी बीमारी देशभर में फैल चुकी है. हालांकि ये विदेशी बीमारी है, लेकिन अब ये देशभर के ज्यादातर हिस्सों में अपना असर दिखा चुकी है. लंपी वायरस ऐसी गायों को जल्दी शि‍कार बनाता है जो शरीर और बीमारी से लड़ने में कमजोर होती है. और बरसात में ये बीमारी जल्दी और तेजी से फैलती है. इस बीमारी के फैलने की वजह मक्खी है. 

पशुओं में लंपी बीमारी का खतरापशुओं में लंपी बीमारी का खतरा
नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Jul 30, 2025,
  • Updated Jul 30, 2025, 10:59 AM IST

Spread Lumpy Disease लंपी दुधारू पशुओं के लिए जानलेवा बीमारी है. ये खासतौर पर गायों में फैलती है. केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (सीआईआरबी), हिसार के रिटायर्ड प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. सज्जन सिंह ने किसान तक को बताया कि लंपी स्किन और गांठदार बीमारी है. गायों के साथ ही ये भैंसों में भी हो जाती है. ये एक संक्रामक रोग है. ये बीमारी कैप्री पॉक्स वायरस की वजह से होती है. और इस वायरस को फैलाने का काम मक्खी करती है. लेकिन अच्छी बात ये है कि लंपी बीमारी पशुओं से इंसानों में नहीं होती है. 

पशुओं में कैसे फैलती है लंपी बीमारी 

  • पीडि़त पशु के संपर्क में मच्छर, काटने वाली मक्खी, जूं, चींचड़े और मक्खियों के आने से.
  • लंपी पीडि़त पशु की लार, गांठों में पड़े मवाद, जख्म, संक्रमित चारे और पानी से भी हेल्दी पशु में फैल सकता है.  
  • पीडि़त पशुओं के संपर्क में आने वाले इंसानों के इधर-उधर आने-जाने से भी लंपी बीमारी फैलती है. 

पशुओं को लंपी बीमारी से बचाने को क्या करें 

  • एनिमल शेड में मच्छर, काटने वाली मक्खी, जू, चींचड़े और मक्खियों को कंट्रोल करें. 
  • पशुओं के संपर्क में आने वाले बाहरी परजीवियों को रोकने के लिए डॉक्टर की सलाह पर दवाई का इस्तेमाल करें. 
  • एनिमल शेड के अंदर और उसके आस-पास साफ-सफाई पर पूरा ध्यान दिया जाए. 
  • एनिमल शेड के आसपास पानी, मल-मूत्र और गंदगी जमा न होने दें. 
  • एनिमल शेड में बाहरी व्यक्ति‍यों और वाहनों के आने-जाने पर रोक लगाएं. 
  • पशु लंपी से पीडि़त हो तो उसे फौरन ही हेल्दी पशुओं से अलग कर दें. 
  • अगर जरूरत न हो तो पशुओं को बाहर खुला न छोड़ें. 
  • लंपी पीडि़त पशुओं को चराई के लिए चारागाह या बाहर ना छोड़ें.
  • पीडि़त पशु को एनिमल शेड से एकदम अलग रखें और किसी भी हाल में बाहर न जानें दें. 
  • जिस क्षेत्र में लंपी बीमारी फैली हो तो वहां पशुओं का आवागमन न करें.
  • पीडि़त पशु की देखभाल करते वक्त बायो सिक्योरिटी का पालन करें. 
  • पीडि़त पशु की देखभाल करने वाले इंसान को हेल्दी पशुओं के आसपास न जानें दें.
  • एनिमल शेड के एंट्री गेट पर चूने की दो फुट चौड़ी पट्टी बनाएं. 
  • लंपी से संक्रमित परिसर, वाहन को सोडियम हाईपोक्लोराईट के दो फीसद घोल से सेनेटाइज करें. 
  • पशु का इलाज  कराने के लिए झोलाछाप डॉक्टरों के चक्कर में न आएं; 
  • पीडि़त पशु का दूध इस्तेमाल करने से पहले कम से कम दो मिनट उबाल लें. 
  • पीडि़त पशु को संतुलित आहार, हरा चारा, दलिया, गुड़, बांटा आदि खिलायें.

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