Goat Production: बकरी को 15 माह से पहले गर्भधारण नहीं कराएं, जान लें इससे जुड़ी खास बातें

Goat Production: बकरी को 15 माह से पहले गर्भधारण नहीं कराएं, जान लें इससे जुड़ी खास बातें

भारत में बड़े पैमाने पर पशुपालन किया जाता है. लोग गाय, भैंस के बाद लोग भेड़ और बकरी पालना ज्‍यादा पसंद करते हैं. अब बड़ी संख्‍या में लोग बकरी पालने लगे हैं. अगर आप भी बकरी पालन करते हैं तो इनकी नस्‍ल सुधार और प्रजनन से जुड़ी ये बाते जरूर जान लीजिए.

आज ही शुरू करें यह रोजगारआज ही शुरू करें यह रोजगार
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 06, 2024,
  • Updated Sep 06, 2024, 4:39 PM IST

भारत में पशुपालकों का रुझान बकरी पालन में तेजी से बढ़ रहा है. बकरी के बच्‍चों से पशुपालकों को काफी फायदा होता है. पशुपालक बकरी का दूध बेचने के अलावा इनके बच्‍चों से भी कमाई करते हैं. ऐसे में बकरी के प्रजनन, गर्भधारण और नस्‍ल सुधार से जुड़ी जानकार‍ियां यहां पढ़ि‍ए.

कम व‍जन की बकरी को न कराएं गाभि‍न

गर्भधारण से पहले ध्‍यान रखने वाली बात है कि जलवायु के अनुरूप सही नस्ल का चुनाव करना बेहद जरूरी है, ताकि उनके स्‍वास्‍थ्‍य पर प्रतिकूल असर न पड़े. बकरी डेढ़ साल में दो बार बच्चों को जन्‍म देती है. एक्‍सपर्ट्स के मुताबिक, 12 महीने की बकरी प्रजनन की क्षमता हासिल कर लेती है, जबकि‍ बकरों में यह क्षमता 1-2 साल में विकस‍ित होती है, लेकिन बकरी और मेमनों के स्वास्थ्य के लिहाज से बकरी को 15 माह के पहले गर्भधारण नहीं करवाना चाहिए. वहीं, उम्र के बावजूद जिन बकरियों का वजन कम हो ऐसी बकरियों को गाभिन नहीं करवाना चाहिए.

बकरी को दें पोषणयुक्‍त आहार

बकरियों में नियंत्रित गर्भधारण कराना चाहिए. इसके लिए लिए नर और मादा को अलग-अलग रखना चाह‍िए. बकरियों के लिए गर्भावस्था का सही समय अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर माना जाता है, लेकिन पोषण युक्‍त आहार देने पर बकरी का साल भर हीट में आना-जाना लगा रहता है. कोई बकरी हीट में है या नहीं, यह देखने के लिए हर सुबह बकरियों के झुंड में बकरा छोड़ दें. इसके बाद जो बकरी हीट में हो उसे अलग करके बकरा लगाना चाहिए.

ये भी पढ़ें - Milk Production: गाय-भैंस के पहली बार और बच्चा देने के बाद हीट में आने का ये है टाइम

रोजाना 300 ग्राम दाना दें

इस प्रकार हर दिन एक बकरे से दो से तीन बकरियां लगवाना चाहिए. बकरा लगाने के बाद नियमित रूप से बकरी गाभिन है या नहीं, इसकी जांच करनी चाहिए. वहीं, अगर बकरी गाभिन है तो उसे रोजाना 300 ग्राम के हिसाब से दाना खिलाना चाहिए. यह दाना मार्केट में आसानी से मिल जाता है, जिससे बच्चे स्वस्थ रहते है.

प्रजनन के लिए हर तीन साल में बदलें बकरा

वहीं, इसी प्रकार जब तक बकरे का उपयोग प्रजनन के लिए करते हैं, तब तक उसे हर दिन 300 ग्राम दाना खिलाना चाहिए. इसके अलावा हर तीसरे साल में प्रजनन के लिये प्रयोग किया गया बकरा बदलना चाहिए. बता दें कि प्रसव के बाद दो महीने के अंदर बकरी हीट में आ जाती है. इसलिए इसकी नियमित तौर पर जांच करनी चाहिए. एक्सपर्ट्स की मानें तो एक बकरे से 45 से 50 बकरियों का रेतन करना सही होता है और इसी अनुपात में बकरा-बकरी रखना चाहिए.

MORE NEWS

Read more!