दूध की गुणवत्ता और पशुओं की हैल्थ के लिए जरूरी है कि डेयरी फार्म में साफ-सफाई रहे. डेयरी फार्म में सफाई के लिए केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय खुद भी सोशल मीडिया पर पशुपालकों को जागरुक करता है. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो फार्म में सफाई रखने से गाय-भैंस को भी बीमारी नहीं होती है. साथ ही पशु का निकाला गया दूध भी दूषित नहीं होता है. इसी के चलते भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने भी डेयरी फार्म में साफ-सफाई को लेकर कुछ नियम बनाए हैं.
अगर इन नियमों के साथ बायो सिक्योरिटी के मानकों का पालन भी कर लिया जाए तो फार्म में संक्रमण फैलने की बची हुई आशंका भी दूर हो जाएगी. हालांकि FSSAI के नियम तोड़ने पर जुर्माना भी लगता है, लेकिन फार्म में जुर्माने से ज्यादा जरूरी है कि पशु बीमारी से दूर रहें, क्योंकि बीमारी के इलाज पर खर्च होने से पशुपालक की लागत भी बढ़ जाती है.
रोजाना डेयरी फार्म की ऐसे करें सफाई
- डेयरी फार्म में सफाई के लिए हौज पाइप का इस्तेमाल करें.
- पाइप की मदद से गोबर और दूसरे कचरे को पानी से एक साथ बहा दें.
- ठोस वेस्ट को फावड़ों से इकट्ठा करके ठेला गाड़ी से उठाकर ले जाएं.
- बड़ी पशुशालाओं में इसके लिए बैलगाड़ी या ट्रैक्टर ट्रॉली इस्तेमाल की जा सकता है.
- नाली “यू” आकार की बनवानी चाहिए, गहराई 6-8 सेमी, चौड़ाई 30-40 सेमी होनी चाहिए.
- डेयरी फार्म और पशुपालन शेड की नालियों में उपयुक्त ढलान रखा जाना चाहिए.
- बड़े पशु शेड में सभी नालियों को एक में जोड़कर रखना चाहिए.
- पशुशाला के बाहर हर शेड से निकलने वाली तरल खाद को नालियों खासकर बंद या सतही नाली को मुख्य फार्म वाली नाली से जोड़ देना चाहिए.
- नाली इस तरल खाद को एक इंस्पेक्शन कक्ष तथा सैटिंग चेम्बर के जरिए से एक तरल खाद स्टोरेज टैंक में ले जाती है.
- पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध हो तो प्रेशर द्वारा फर्श को धोकर तरल और ठोस खाद को एक खुली जगह में ले जाना चाहिए.
- पशुशाला में पर्याप्त चौड़ाई वाली नालियों के नेटवर्क का निर्माण एक अनिवार्य जरूरत है.
- मिश्रित धोवन पानी को चारा घास के खेतों में सीधे ले जाया जा सकता है या इसे बॉयोगैस संयंत्रों में स्लरी के तौर पर उपयोग किया जा सकता है.
- ठोस खाद को अलग से इकट्ठा कर खाद के गड्ढे में अच्छे तरीके से स्टोर किया जाना चाहिए.
- इस तरह से खाद सही तरह डीकंपोज हो जाएगी और किसी मक्खियों का संक्रमण भी नहीं होगा.
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