मछली पालन को मिलेगा उद्योग का दर्जा, CM मोहन ने कहा- उत्पादन बढ़ाने पर भी होगा काम

मछली पालन को मिलेगा उद्योग का दर्जा, CM मोहन ने कहा- उत्पादन बढ़ाने पर भी होगा काम

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अब मछली पालन सिर्फ पारम्परिक काम नहीं, एक आधुनिक उद्योग है. इसमें निवेश बढ़ेगा, उत्पादन बढ़ेगा और युवाओं को रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा कि भोपाल में 40 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक एक्वा पार्क (मछलीघर) का निर्माण किया जा रहा है.

मछली पालन को मिलेगा उद्योग का दर्जामछली पालन को मिलेगा उद्योग का दर्जा
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 13, 2025,
  • Updated Jul 13, 2025, 2:34 PM IST

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है मछुआ समुदाय अपने जीवन को खतरे में डालकर पानी में खेती करता है, यह साहस का काम है. मछली और मछुआरों का सदियों से संबंध रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में भी मछुआ कल्याण बोर्ड के माध्यम से कई योजनाएं चल रही हैं. प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार का लाभ दे रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि मछली पालन भी एक उद्योग है, इसे भी अन्य उद्योगों की तरह सभी सुविधाएं मिलेंगी. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 22 करोड़ 65 लाख रुपये की लागत से 453 स्मार्ट फिश पार्लर का भूमि-पूजन और इंदिरा सागर बांध में लगभग 92 करोड़ लागत से 3360 केज परियोजना का वर्चुअल भूमि-पूजन भी किया. साथ ही सीएम यादव ने मछुआरा समुदाय को बेहतर जीवन के लिए प्रेरित किया.

निषादराज सम्मेलन का हुआ आयोजन 

मुख्यमंत्री ने शनिवार को उज्जैन स्थित कालिदास संस्कृत अकादमी परिसर में आयोजित राज्य स्तरीय निषादराज सम्मेलन और प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित किया. CM ने मछली पालन से संबंधित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया. इसके अलावा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्जवलित कर भगवान निषादराज की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर राज्य स्तरीय सम्मेलन का शुभारंभ किया.

मछलीपालन एक आधुनिक उद्योग- CM यादव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अब मछली पालन सिर्फ पारम्परिक काम नहीं, एक आधुनिक उद्योग है. इसमें निवेश बढ़ेगा, उत्पादन बढ़ेगा और युवाओं को रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा कि भोपाल में 40 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक एक्वा पार्क (मछलीघर) का निर्माण किया जा रहा है. सरकार मछली पालन के लिए मछुआरों को सब्सिडी भी देगी. राज्य सरकार ने प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ाया है, जिसका लाभ मछुआरों को भी मिल रहा है. वहीं, पिछली सरकार में प्रदेश की सिर्फ 7 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई होती थी, यह रकबा हमारी सरकार में बढ़कर 55 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है. पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) लिंक परियोजना से सिंचाई का रकबा 100 लाख हेक्टेयर तक पहुंचेगा. कई तालाब भी बनाए जाएंगे. मछलियां कई लोगों के लिए आजीविका का साधन हैं. इंदिरा सागर सहित अन्य जलाशयों में 3 लाख से अधिक केज स्थापित किए जाएंगे.

मछुआरों को बांटी गई 430 मोटरसाइकिलें

CM यादव ने कहा कि मछुआरों को 430 मोटर साइकिलें बांटी गई हैं, जिनमें आईस बॉक्स भी लगे हैं. प्रदेश में वर्तमान में 4.4 लाख हेक्टेयर में मछली पालन का काम हो रहा है, वर्ष 2024-25 में प्रदेश का मछली उत्पादन 3.81 लाख मैट्रिक टन रहा. प्रदेश में लगभग 2 लाख से अधिक मछली पालक पंजीकृत हैं. वहीं, महिलाएं भी इस व्यवसाय में अग्रणी हैं. उन्होंने कहा कि 217 करोड़ लागत से मछली बीज उत्पादन के लिए आधुनिक हैचरी का निर्माण किया जाएगा. इससे बीज के लिए बंगाल पर निर्भरता खत्म होगी. हमारी सरकार दूध उत्पादन और मछली उत्पादन में प्रदेश को अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में कार्य कर रही है. बदलते समय में मछली पालन क्षेत्र में आधुनिक मशीनों का उपयोग और स्टार्टअप शुरू हो रहे हैं.

राज्य में बांटा जा रहा मछुआ क्रेडिट कार्ड

मछुआ कल्याण और मत्स्य पालन मंत्री नारायण सिंह पंवार ने कहा कि प्रदेश सरकार मछली पालकों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व और मार्गदर्शन में प्रदेश में अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद पिछड़े मछुआ समुदाय को मुख्य धारा में लाने की पहल शुरू की गई है. मछुआरों को व्यापार संचालन के लिए मछुआ क्रेडिट कार्ड बांटे जा रहे हैं. वर्ष 2028 तक मछुआ कल्याण विभाग प्रदेश में कई उपलब्धियां अर्जित करेगा.

कार्यक्रम में ये लोग भी हुए शामिल

मध्य प्रदेश मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम बाथम ने कहा कि प्रत्येक जिले में कुछ निषाद मंगल भवन बने हैं. बाथम ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि जो कार्य वर्षों में नहीं हुए, वे अब महीनों में हो रहे है. यह मुख्यमंत्री डॉ. यादव की दूरदृष्टि और संवेदनशील नेतृत्व का प्रमाण है. वहीं, राज्य स्तरीय निषादराज सम्मेलन में उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा सहित अन्य जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में मछली पालक उपस्थित थे.

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