
Poultry Egg Export हाल ही में केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने सालाना रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के आंकड़ों पर जाएं तो भारत विश्वस्तर पर अंडा उत्पादन में दूसरे नंबर पर है. देश में साल 2024-25 में करीब 15 हजार करोड़ अंडों का उत्पादन हुआ है. लेकिन इस खुशखबरी के साथ परेशान करने वाली खबर ये भी है कि पोल्ट्री प्रोडक्ट अंडे का एक्सपोर्ट नहीं बढ़ रहा है. खाड़ी देशों में एक्सपोर्ट होने वाले अंडों के आंकड़ों पर ही एक्सपोर्ट हो रहा है. ये संख्या भी नाम मात्र की है. जबकि अंडों का उत्पादन हर साल बढ़ रहा है.
उत्पादन के मुकाबले एक्सपोर्ट होने वाले अंडों का नंबर बहुत ही छोटा है. इंटरनेशनल ऐग काउंसिल (IEC) के प्रेसिडेंट और श्रीनिवास हैचरी ग्रुप के एमडी सुरेश आर चित्तूरी का कहना है कि अगर सरकार पोल्ट्री सेक्टर में दो खास काम कर दें तो देश से रोजाना एक्सपोर्ट पांच करोड़ अंडों पर पहुंच जाएगा.
प्रेसिडेंट सुरेश आर चित्तूरी ने किसान तक को बताया कि देश का पोल्ट्री सेक्टर नई ऊंचाईयों को छू सकता है. अंडे का प्रोडक्शन और बढ़ सकता है. अगर केन्द्र सरकार जीएम मक्का इंपोर्ट करने की अनुमति दे दे तो पोल्ट्री फीड और सस्ता हो जाएगा. अभी मक्का का रेट 22 से 23 रुपये किलो है तो इंपोर्ट होने वाली मक्का 19 रुपये किलो के भाव से पड़ेगी. तीन से चार रुपये किलो का अंतर भी बहुत होता है. आज हमारे देश में मक्का की फीड, फूड और फ्यूल में डिमांड बहुत बढ़ गई है. इसके चलते लगातार मक्का महंगी हो रही है. इस मामले में हमने केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल से भी बात की है. उन्होंने हर संभव मदद का वायदा किया है. जल्द ही हम केन्द्र सरकार को इस मामले पर एक प्रस्ताव देंगे.
प्रेसिडेंट सुरेश आर चित्तूरी का कहना है कि अगर अंडों का एक्सपोर्ट बढ़ाना है तो उसके लिए कुछ नियमों का भी पालन करना होगा. सबसे पहला तो ये कि एक्सपोर्ट के लिए एक जैसे साइज के अंडे चाहिए होते हैं. इसके लिए जरूरत होती है ऐग सार्टिंग मशीन की. हमारी मांग है कि सरकार इस तरह की मशीन के लिए पोल्ट्री फार्मर को मदद करे. वहीं हैल्थ की बात करें तो अंडों का बीमारी रहित उत्पादन करना होगा. पोल्ट्री फार्म में बायोसिक्योरिटी मैनेजमेंट करना होगा. अगर हम ये सब कर लेते हैं तो कुछ ही वक्त की तैयारी के बाद हम रोजाना के पांच लाख अंडा एक्सपोर्ट से पांच करोड़ पर आ सकते हैं.
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