Increase Milk Production खासतौर पर जुलाई-अगस्त का मौसम ऐसा होता है जब ये नहीं पता चलता कि धूप निकलने के दौरान कब बारिश हो जाएगी या फिर घंटों की बारिश के बाद कब चमकली धूप निकल आएगी. इस दौरान उमस भी बहुत होती है. इस मौसम में ही उमस और गर्मी दोनों का एक साथ असर देखने को मिलता है. ऐसे मौसम में इंसान की तो छोडि़ए पशु-पक्षी भी परेशान हो उठते हैं. अगर दुधारू पशुओं की बात करें तो ऐसे में गाय-भैंस और भेड़-बकरी भी स्ट्रेस में आ जाते हैं.
कई दूसरी बीमारियां भी इसी मौसम में पशुओं पर अटैक करती हैं. एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक अगर इस मौसम में वक्त रहते पशुओं के बाड़े में कुछ जरूरी उपाय कर लिए जाएं तो पशुओं को बीमारी और मौत के जोखिम से बचाया जा सकता है. इतना ही नहीं इस सब के चलते पशुपालकों को भी परेशानी और आर्थिक नुकसान से बचाया जा सकता है.
ये भी पढ़ें- Fish Farming: कोयले की बंद खदानों में इस तकनीक से मछली पालन कर कमा रहे लाखों रुपये महीना
ये भी पढ़ें- Cage Fisheries: 61 साल बाद 56 गांव अपनी जमीन पर कर रहे मछली पालन, जानें वजह