Dairy Ghee: बड़ा है घी का बाजार, 2034 तक 4 किलो प्रति व्यक्ति खपत की है उम्मीद, पढ़ें डिटेल  

Dairy Ghee: बड़ा है घी का बाजार, 2034 तक 4 किलो प्रति व्यक्ति खपत की है उम्मीद, पढ़ें डिटेल  

Indian Dairy Ghee भारतीय गाय के दूध से बना घी सिर्फ एक प्रोडक्ट नहीं दवाई भी है. शायद इसीलिए इसकी इतनी डिमांड बढ़ रही है. इतना ही नहीं आयुर्वेद में भी घी के बारे में बताया गया है. अगर घी एक्सपोर्ट की बात करें तो दुनियाभर के 136 ऐसे देश हैं जो रोजाना भारतीय घी-मक्खन खाते हैं.

One of the biggest concerns with ghee is its fat profile. Around 62% of the fat in ghee is saturated fat. One of the biggest concerns with ghee is its fat profile. Around 62% of the fat in ghee is saturated fat.
नासि‍र हुसैन
  • Delhi,
  • Oct 27, 2025,
  • Updated Oct 27, 2025, 10:47 AM IST

Indian Dairy Ghee हैल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि साल 2020 और 2021 के बाद से लोगों के खानपान का तरीका बदल रहा है. मक्खन और रिफाइंड तेल के मुकाबले देसी घी की खपत बढ रही है. घी के गुण आयुर्वेद में घी को दवाई बताने की बात ने उसके महत्व को बढ़ा दिया है. यही वजह है कि बीते चार साल में घी की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. एक्सपोर्ट की तो छोडि़ए घरेलू बाजार में घी की डिमांड बहुत ज्यादा है. सालाना प्रति व्यक्ति  घी की खपत बढ़ रही है. साल 2034 तक इसके और बढ़ जाने की उम्मीद है. ये उम्मीद इसलिए भी लगाई जा रही है कि घी पर जीएसटी कम हो गई है. 

जिसके चलते घी के दाम छह से 10 फीसद तक कम हो गए हैं. एक्सपोर्ट के आंकड़ों पर जाएं तो विश्व भर के देशों में भारत 15 सौ करोड़ रुपये के घी का कारोबार करता है. कई बड़े देश भारतीय घी के शौकीन हैं. संयुक्त अरब अमीरात ने भारत से साल 2023-24 में तीन करोड़ डॉलर का घी खरीदा था. यूएई भारतीय घी का सबसे बड़ा खरीदार है. और भी कई ऐसे देश हैं जो 60 लाख डॉलर से ज्यादा का सालाना घी खरीदते हैं. 

क्या हैं देसी घी की खपत के आंकड़े 

मार्केट इंटेलिजेंस फर्म iMARC ग्रुप की ओर से जारी रिपोर्ट की मानें तो साल 2014 में प्रति व्यक्ति देसी घी की खपत सिर्फ 2.68 किलोग्राम थी. जबकि 2023-24 की तारीख में ये 3.27 किलोग्राम हो गई है. वहीं साल 2034 तक इसके चार किलो प्रति व्यक्ति खपत होने की उम्मीद जताई जा रही है. घी की डिमांड तेजी से बढ़ने के साथ अब एक और वजह जुड़ गई है और वो है घी पर जीएसटी का कम होना. भारत का घी बाजार 2023 में 3.2 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2032 तक 6.93 लाख करोड़ रुपये तक पहुँचने का अनुमान है.

भारत में घी-मक्खन का उत्पादन के आंकड़े

  • भारत का कुल घी का कारोबार 3.5 से चार लाख करोड़ का है. 
  • साल 2032 तक घी कारोबार के सात लाख करोड़ तक होने की उम्मीद है.
  • सिर्फ घी पर ही एक साल में 7.5 से आठ हजार करोड़ का जीएसटी कलेक्शन हुआ है.
  • देश में मक्खन का बाजार 55 से 60 हजार करोड़ रुपये का है. 
  • साल 2032 तक देश का मक्खन बाजार एक से सवा लाख करोड़ होने की उम्मीद है. 
  • भारत में मक्खन का कुल उत्पादन करीब 60 लाख टन है. 
  • भारत में विश्व के कुल मक्खन उत्पादन का 58 फीसद उत्पादन होता है. 
  • विश्व मक्खन उत्पादन में यूरोपियन यूनियन का 18, यूएसए 8 और न्यूजीलैंड 4 फीसद का योगदान है. 
  • साल 2014-15 में भारत में दूध उत्पादन 14.6 करोड़ टन हुआ था. 
  • साल 2024-25 में भारत में दूध उत्पादन 24 करोड़ टन हुआ है.

घरेलू बाजार में कितना घी बिकता है हर साल 

इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट और अमूल के पूर्व एमडी डॉ. आरएस सोढ़ी ने किसान तक को बताया कि देश में घी का कारोबार करीब 50 हजार करोड़ रुपये का है. ये आंकड़ा भी इस कारोबार में शामिल सिर्फ बड़े ब्रांड का है. लोकल लेवल पर और छोटे प्लेयर का काम भी कम छोटा नहीं है. 50 हजार करोड़ में से 1500 करोड़ रुपये का घी एक्सपोर्ट हो जाता है. लेकिन अगर हम घी के मामले में बाजार की कुछ नई स्ट्रेटेजी बनाने में कामयाब हो जाएं तो ये कारोबार दोगुना भी हो सकता है.

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